“अबू धाबी के क्राउन प्रिंस जय सिया राम का जप कर रहे और यूएई की मुस्लिम महिला ने लाखों हिंदुओं द्वारा पूजे जाने वाले रामायण को अपने सिर पर ढोया, इस तरह से दुनिया भर में भगवान राम को पूजा जाता है।” – (अनुवाद)
सोशल मीडिया में 45-सेकंड की एक वीडियो क्लिप इस दावे के साथ साझा की गई है कि इसमें अबू धाबी के राजकुमार ‘जय सियाराम’ कहते हुए और संयुक्त अरब अमीरात की एक मुस्लिम महिला अपने सिर पर रामायण लेकर चलते हुए दिखते हैं। वीडियो में राम कथा वाचक मोरारी बापू देखे जा सकते हैं।
Abu Dhabi Crown Prince chanting Jai Siya Ram
and Muslim lady from UAE carried Ramayana on her headWorshipped by millions of Hindus, This is how Lord Ram is worshipped across the globe.#ThursdayThoughts #ThursdayMotivation #AyodhyaVerdict pic.twitter.com/xvOSgYoH6g
— Geetika Swami (@SwamiGeetika) October 17, 2019
उपरोक्त ट्वीट, एक उपयोगकर्ता, गीतिका स्वामी का है, जिन्हें ट्विटर पर निर्मला सीतारमण का कार्यालय फॉलो करता है। इसे अब तक 750 से अधिक बार रीट्वीट किया जा चुका है। फेसबुक पर भी, यह वीडियो इस दावे के साथ साझा किया गया है।
#मंदिर_वहीं_बनाएंगे
Abu Dhabi #Crown_Prince chanting “Jai Siya Ram”
and Muslim #lady from UAE carried #Ramayana on her headWorshipped by millions of Hindus, This is how Lord Ram is worshipped across the globe.
#ThursdayThoughts #ThursdayMotivation #AyodhyaVerdict https://t.co/xvOSgYoH6g
Posted by Sandeep Chavan on Wednesday, 16 October 2019
तथ्य-जांच: अबू धाबी के क्राउन प्रिंस नहीं
वीडियो के साथ का दावा गलत है। वीडियो में देखे गए व्यक्ति अबू धाबी के क्राउन प्रिंस (शेख मोहम्मद बिन ज़ायद अल नाहयान) नहीं, बल्कि सुल्तान सूद अल कासनी नामक संयुक्त अरब अमीरात के एक स्तंभकार और अरब मामलों के टिप्पणीकार हैं। उनकी प्रोफ़ाइल यहां देखी जा सकती है।
विचाराधीन वीडियो अबू धाबी का, और सितंबर 2016 का है। मोरारी बापू के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया इसका पूरा वीडियो नीचे देखा जा सकता है। शुरुआती टिप्पणियों में, मेहमानों की सूची की घोषणा करते एक अज्ञात वक्ता सुनाई पड़ते हैं। उसमें क्राउन प्रिंस के नाम की घोषणा नहीं होती। इसके अलावा, इस कार्यक्रम में उपस्थित मेहमानों में भी वह नहीं दिखते हैं। इससे यह स्पष्ट है कि क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन ज़ायद अल नाहयान इस कार्यक्रम में नहीं थे।
https://www.youtube.com/watch?v=zAGS74ELjtU
झूठे दावे के साथ पहले भी साझा
इसी वीडियो क्लिप को 2019 के शुरूआत में भी सोशल मीडिया में इस दावे के साथ साझा किया गया था कि वीडियो में अपने सिर पर रामायण उठाकर अबू धाबी में निर्मित पहले हिंदू मंदिर की ओर चलती हुई सुल्तान की पत्नी दिखाई पड़ती थीं। कथा कई स्तरों पर झूठी थी। पहला, कि अबू धाबी में मंदिर अभी निर्माणाधीन है। अप्रैल 2019 में शिलान्यास समारोह आयोजित किया गया था।
* सुल्तान शेख मोहम्मद ने अबू धाबी में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से अपने वादे के अनुसार पहला हिंदू मंदिर बनवाया।
* सुल्तान की पत्नी बेगम सिर पर पवित्र रामायण की प्रति लेकर मंदिर की ओर जा रही हैं, और साथ में सुल्तान शेख मोहम्मद, राम कथा वाचक एच। पी। मोरारी बापू भी दिखाई दे रहे हैं। *
* सच में अद्भुत दृश्य। view *
Posted by Sagar Verma on Wednesday, 15 May 2019
मीडिया की गलत खबरें
फरवरी 2018 में, ऑल्ट न्यूज़ ने उसी घटना से संबंधित एक और वीडियो की पड़ताल की थी, जब प्रमुख समाचार चैनलों जैसे – टाइम्स नाउ और ज़ी न्यूज़ – द्वारा गलत दावा किया गया था कि अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन ज़ायद अल नहयान ने अबू धाबी में मोरारी बापू की राम कथा में भाग लिया था। बाद में पाया गया कि वह व्यक्ति क्राउन प्रिंस नहीं, बल्कि सुल्तान सूद अल कासेमी नामक यूएई के स्तंभकार और अरब मामलों के टिप्पणीकार हैं।
यह दोहराया जा सकता है कि विचाराधीन वीडियो में ‘जय सियाराम’ कहते हुए दिख रहे व्यक्ति अबू धाबी के क्राउन प्रिंस नहीं हैं।
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