पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की मौत के तुरंत बाद फेसबुक पेज ‘योगी आदित्यनाथ-ट्रू इंडियन’ पर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल का केक काटते फोटो 16 अगस्त को 8.30 बजे पोस्ट किया गया जिसे 14,000 लोगों में शेयर किया। जिसमें लिखा है कि अटल बिहारी जी की मौत के ठीक बाद केजरीवाल ने अपना जन्मदिन मनाया। इस पर मुख्यमंत्री की असंवेदनशीलता की निदां करते हुए कई यूजर्स ने कमेंट (टिप्पणियां) किए हैं।
सड़ा हुआ आम आदमी
Posted by Yogi Adityanath – True Indian on Thursday, 16 August 2018
“बेशर्मी भी जिनसे शर्मा जाए वो है केजरीवाल” शीर्षक के साथ ‘आई स्पोर्ट नरेन्द्र मोदी‘ फेसबुक पेज ने भी कुछ तस्वीरें शेयर की है। इस पेज के 1.5 करोड़ फॉलोअर्स हैं। पेज से किये गए इस पोस्ट को 8,700 बार शेयर किया गया है और 9,600 लोगों ने इसे लाइक (पसंद) किया है।
बेशर्मी भी जिनसे शर्मा जाए वो है केजरीवाल…
Posted by I Support Narendra Modi on Thursday, 16 August 2018
फेसबुक पेज ‘मोदीनामा‘ पर इसी फोटो को पोस्ट किया गया है जो 5500 बार शेयर हुआ है। यहीं नहीं ये तस्वीर सिर्फ फेसबुक पर ही नहीं बल्कि, ट्विटर पर भी शेयर किया गया है। एक ट्विटर हैंडल @AMIT_GUJJU जिसे रेलमंत्री पीयूष गोयल अॉफिस फॉलो करते हैं इस हैंडल ने अरविंद केजरीवाल को टैग करते हुए लिखा है दुनिया का “सबसे घटिया आदमी केजरीवाल”, इसी ट्वीट में ABP न्यूज़ के एक स्क्रीनशॉट को भी शेयर किया है जिसमें कहा गया है मुख्यमंत्री ने अपना जन्मदिन समारोह रद्द कर दिया।
दुनिया का सबसे घटिया आदमी।@ArvindKejriwal pic.twitter.com/l0sL6JJ9lO
— AMIT (@AMIT_GUJJU) August 16, 2018
इस फोटो को कई यूजर ने शेयर करते हुए लिखा है, केजरीवाल इस दुख की घड़ी में जन्मदिन समारोह में व्यस्त हैं।
‘Actual news‘ नाम के एक वेबसाइट ने केजरीवाल के असंवेदनशीलता पर एक लिखा है, “अटल जी की दुखपूर्ण ख़बरों के बावजूद केजरीवाल धूम-धाम से अपना जन्मदिन मनाने से नहीं कतराए।”
केजरीवाल ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की मौत के बाद जन्मदिन नहीं मनाया
आम आदमी पार्टी के सोशल मीडिया रणनीतिक अंकित लाल ने लिखा है कि यह तस्वीर 16 अगस्त को सुबह में ली गई है। जिसे शाम का बता कर शेयर किया जा रहा है। ट्विट करते हुए उन्होंने लिखा है कि “सुबह की तस्वीर को शाम का बता कर घृणा फ़ैलाने वालों, जनता देख रही है। #Atalji को गए कुछ घंटे भी नहीं हुए, पूरा देश शोकमग्न है, एक दिन तो धैर्य धरो।”
सुबह की तस्वीर को शाम का बता कर घृणा फ़ैलाने वालों, जनता देख रही है। #Atalji को गए कुछ घंटे भी नहीं हुए, पूरा देश शोकमग्न है, एक दिन तो धैर्य धरो।
— Ankit Lal (@AnkitLal) August 16, 2018
अंकित लाल के दावों को सत्यापित करने के लिए हमने घटना के दौरान ली गई तस्वीरों की कई एंगल से जांच की। हमने एक दीवार घड़ी और कलाई घड़ी में हो रहे समय को देखा, जो फोटो में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। कोई भी इसका अवलोकन कर सकता है। देखने पर पता चला कि तस्वीर सुबह 11 बजे ली गई है। जबकि अटल जी की मौत की अधिकारिक घोषणा शाम को पांच बजे हुई थी। इसलिए हम कह सकते हैं कि केजरीवाल पूर्व प्रधानमंत्री की मौत के बाद अपना जन्मदिन नहीं मना रहे थे।
आम आदमी पार्टी के अधिकारिक ट्विटर हैंडल से 12.09 बजे एक वीडियो पोस्ट किया गया जिसमें मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि “अटल बिहारी वाजपेयी गंभीर हालत में एम्स में भर्ती हैं, ऐसी परिस्थिति में मुझे ज्यादा जश्न मनाने का man नहीं करता। मैं इस संबोधन के बाद मनीष सिसोदिया के साथ एम्स जाऊंगा।”
Delhi CM @ArvindKejriwal opts not to celebrate his birthday due to critical health of #AtalBihariVajpayee Ji & the floods in Kerala.https://t.co/cAZGIpbDtn
— AAP (@AamAadmiParty) August 16, 2018
कई मीडिया रिपोर्ट्स में भी यह दिखाया गया कि अटल बिहारी के खराब सेहत के मद्देनजर केजरीवाल ने अपना जन्मदिन का जश्न रद्द कर दिया। ABP न्यूज़ ने 16 अगस्त को 12.56 बजे यह ट्विट किया था।
Kejriwal cancels birthday celebrations over former PM Atal Bihari Vajpayee's critical health#AtalBihariVaajpayee @ArvindKejriwal https://t.co/NzFMvbiloM pic.twitter.com/4sta9c4jta
— ABP News (@abpnewstv) August 16, 2018
द इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक लेख ने उसी दिन 1:50 बजे बताया था कि मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ आज सुबह वाजपेयी के स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ के लिए एम्स गए थे।
इन सब से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की मौत के बाद अपना जन्मदिन नहीं मनाया। उन्होंने लगभग 11 बजे एक केक काटा। एक घंटे बाद उन्होंने घोषणा किया कि वे इसे और आगे नहीं बढ़ाना चाहते। फिर 1 से 2 बजे के बीच एम्स जाकर वाजपेयी से मिले।
राजनीतिक दोषारोपण के लिए सोशल मीडिया पर ऐसा दावा आम बात है। सोशल मीडिया पर विशेष रूप से भावनात्मक असत्यापित जानकारी वाले पोस्ट की हमेशा जांच होनी चाहिए।
अनुवाद: संजीत भारती के सौजन्य से
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