कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ये आरोप लगाया कि “भारत सरकार के एजेंटों” ने जून में ब्रिटिश कोलंबिया में सिख स्वतंत्रता के वकील हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को अंज़ाम दिया. इसके कुछ ही घंटों के भीतर ये दावा सोशल मीडिया पर वायरल हो गया कि कनाडाई सरकार ने भारत के लिए अपनी ट्रैवल एडवाइज़री अपडेट की है. ऐसा कहा गया कि कनाडा ने पूरे देश में आतंकवादी हमलों के खतरे के कारण अपने नागरिकों से भारत की यात्रा करने पर उच्च स्तर की सावधानी बरतने का आग्रह किया है. कथित तौर पर कनाडा ने अपने नागरिकों को सुरक्षा स्थिति के कारण जम्मू-कश्मीर की यात्रा करने और आतंकवाद और उग्रवाद के खतरे के कारण असम और मणिपुर जैसे उत्तर-पूर्वी राज्यों के कुछ हिस्सों की यात्रा करने से बचने को आगाह किया है.

कई मीडिया आउटलेट्स ने ट्रैवल एडवाइज़री जारी करने को भारत सरकार पर लगाए गए हालिया आरोपों से जोड़ कर देखा. इस मुद्दे पर ‘द टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ‘इस कदम ने भारत और कनाडा के बीच चल रहे टकराव को और बढ़ा दिया है.’ (आर्काइव)

मीडिया आउटलेट ANI ने भी एक रिपोर्ट पब्लिश की. “अपनी धरती पर एक खालिस्तानी नेता की हत्या में कथित भारतीय संलिप्तता को लेकर जवाबी कार्यवाही के मद्देनज़र बिगड़ते द्विपक्षीय संबंधों के बीच, कनाडाई सरकार ने मंगलवार को एक ट्रैवल एडवाइज़री जारी की जिसमें अपने नागरिकों से “सावधानी बरतने” के लिए कहा गया.” रिपोर्ट पढ़ें. (आर्काइव)

ANI डिजिटल ने ट्रैवल एडवाइज़री को दोनों देशों के बीच राजनयिक मतभेद से जोड़ा. (आर्काइव)

मीडिया आउटलेट टाइम्स नाउ ने भी इसी तरह का दावा ट्वीट किया. (आर्काइव)

कई और मीडिया आउटलेट्स जैसे CNN न्यूज़ 18, हिंदुस्तान टाइम्स, लाइव मिंट, विऑन, बिजनेस टुडे, इकोनॉमिक टाइम्स, एडिटरजी, इंडिया टुडे, DNA, अमर उजाला, नवभारत टाइम्स, इंडिया टीवी, न्यूज़ 24 हिंदी, लाइव हिंदुस्तान, NDTV इंडिया, दैनिक जागरण और रिपब्लिक भारत ने ये भी दावा किया कि ट्रैवल एडवाइज़री ने कनाडा के इन आरोपों (जून में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार शामिल थी) पर दोनों देशों के बीच टकराव और ‘बढ़ा’ दिया है.

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इंडिया टुडे के पत्रकार शिव अरूर ने व्यंग्यात्मक लहजे में एक GIF ट्वीट किया जिसका कैप्शन था, ‘जब ट्रूडो ने भारत के खिलाफ ट्रैवल एडवाइज़री जारी की तो भारतीय जाग गए.’ (आर्काइव)

राईट विंग इंफ्लुएंसर हैंडल ‘@MeghUpdates’ ने ट्रैवल एडवाइज़री का स्क्रीनशॉट ट्वीट किया. हालांकि, इसमें कोई सीधा दावा नहीं किया गया है. लेकिन इस ट्वीट पर बहुत सारे कमेंट्स में ट्रैवल एडवाइज़री को जस्टिन ट्रूडो के हालिया आरोपों से जोड़ा गया है. (आर्काइव)

फ़ैक्ट-चेक

रिडर्स ध्यान दें कि ट्रैवल एडवाइज़री देने वाली सरकारी वेबसाइट ने साफ़ तौर पर ज़िक्र किया है कि 18 सितंबर के नए अपडेट सिर्फ हेल्थ सेक्शन से संबंधित है. इसका मतलब ये है कि ‘रिस्क लेवल’ सेक्शन को हाल में नहीं बदला गया है.

18 सितंबर, 2023 से पहले मौजूद अपडेट 6 जुलाई, 2023 को आया था जिसमें ये भी कहा गया है कि नागरिकों को ‘अप्रत्याशित सुरक्षा स्थिति के कारण केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की यात्रा से बचना चाहिए.’ हालिया एडवाइज़री भी ज्यों का त्यों है. इसमें नागरिकों से असम और मणिपुर (आतंकवाद और उग्रवाद के खतरे के कारण) की गैर-ज़रूरी यात्रा से बचने और गुजरात, पंजाब और राजस्थान (बारूदी सुरंगों और गैर-विस्फ़ोटित आयुधों की स्थिति और उपस्थिति) में पाकिस्तान की सीमा के 10 किलोमीटर के भीतर के क्षेत्रों (अप्रत्याशित सुरक्षा कारण) से बचने का भी आग्रह किया गया है. आगे, हमने ‘रिस्क लेवल’ सेक्शन की तुलना की है और अनुमान लगाया है कि 6 जुलाई को अपडेट के बाद से कोई बदलाव नहीं किया गया है.

पाठकों की सहूलियत के लिए, हमने ‘हेल्थ’ सेक्शन को 6 जुलाई से 18 सितंबर के नए अपडेट के साथ रखा है. जैसा कि स्पष्ट है, ग्लोबल मेअस्लेस नोटिस, जीका वायरस की तारीखें: यात्रियों के लिए सलाह और COVID-19 ​​​​के लिए नोटिस और अंतर्राष्ट्रीय यात्रा में बदलाव किया गया था.

इसके अलावा, ये ध्यान देने वाली बात है कि इसी तरह की सलाह एक दशक से भी ज़्यादा समय से जारी की जा रही है. नवंबर 2012 में जारी सलाह के मुताबिक, कनाडाई नागरिकों से ‘भारत में आतंकवादी हमले से लगातार खतरे के कारण’ उच्च स्तर की सावधानी बरतने का आग्रह किया गया था. 2012 की एडवाइज़री में भी ‘उग्रवाद के खतरे’ के कारण मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों (बर्मा के साथ सीमा) की गैर-ज़रूरी यात्रा से बचने को कहा गया था. जम्मू-कश्मीर (‘छिटपुट आतंकवादी हिंसा और सड़क प्रदर्शनों’ के कारण) और पाकिस्तान के साथ सीमा के तत्काल आसपास के क्षेत्रों में यात्रा करने के खिलाफ एक क्षेत्रीय सलाह दी गई थी: गुजरात, राजस्थान और पंजाब (‘बारूदी सुरंगों और गैर-विस्फोट की संभावना के कारण) गोला-बारूद’) का नाम 2012 में भी था.

आगे, हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से पहले, 2023 में जनवरी से मई तक वेबसाइट के अपडेट के स्क्रीनशॉट्स दिए गए हैं. इससे साफ है कि भारत में अलग-अलग क्षेत्रों के ‘रिस्क लेवल’ को बताने वाला संबंधित सेक्शन वैसा ही है.

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हमने नोटिस किया कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने भी जम्मू-कश्मीर, उत्तर-पूर्वी राज्यों और भारत-पाकिस्तान सीमा पर यात्रा की चेतावनी देते हुए एक जैसी ट्रैवल एडवाइज़री जारी की है. इसमें अमेरिकी नागरिकों को ‘माओवादी चरमपंथी समूह या “नक्सली” की गतिविधि के कारण मध्य और पूर्वी भारत की यात्रा करने से बचने की सलाह दी गई है जो पश्चिमी पश्चिम बंगाल के माध्यम से पूर्वी महाराष्ट्र और उत्तरी तेलंगाना, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा की सीमाओं जैसे स्थानों में और खासकर छत्तीसगढ़ और झारखंड के ग्रामीण हिस्सों में सक्रिय हैं.

कुल मिलाकर, वायरल दावा भ्रामक है कि कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो द्वारा हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत सरकार पर आरोप लगाए जाने के बाद कनाडा ने ट्रैवल एडवाइज़री में बदलाव किया है. 18 सितंबर को एडवाइज़री का अपडेट पूरी तरह से स्वास्थ्य से संबंधित था, जबकि ‘रिस्क लेवल’ सेक्शन हाल के तनावों से पहले के सालों में भी वैसा ही रहा है. ANI, टाइम्स नाउ और द टाइम्स ऑफ़ इंडिया जैसे प्रमुख आउटलेट्स सहित मीडिया के एक बड़े वर्ग ने भ्रामक दावों के आधार पर रिपोर्ट पब्लिश कीं.

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Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.