‘पोस्टकार्ड इंग्लिश‘ ने 8 मई 2020 को ‘NDTV इंडिया’ चैनल का एक स्क्रीनशॉट पोस्ट किया जिसमें टिकर लाइन (स्क्रीन की नीचे की लाइन) में ‘5 नागरिकों की मौत के विरोध में कश्मीर बंद’ लिखा हुआ है. स्क्रीनशॉट के ऊपरी हिस्से में – ‘ऐसा लगता है कि आतंकियों से सहानुभूति रखने वाले NDTV को उसके आकाओं ने रकम पहुंचाई है’, ‘5 आतंकवादियों को उन्होंने 5 नागरिकों के रूप में दिखाया’ – लिखा हुआ हैं. स्क्रीनशॉट के निचले हिस्से में लिखा है – ‘NDTV पत्रकारिता के नाम पर एक कलंक है’. आर्टिकल लिखे जाने तक इस पोस्ट को 500 से ज़्यादा बार शेयर किया जा चुका है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

Posted by Postcard English on Friday, 8 May 2020

‘नमो फ़ॉर 2024’ नाम के फ़ेसबुक पेज ने इस तस्वीर को 9 मई 2020 को पोस्ट किया है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

Posted by Namo for 2024 on Friday, 8 May 2020

हमने पाया कि ये तस्वीर 2018 से सोशल मीडिया में शेयर हो रही है. 9 मई 2018 को फ़ेसबुक यूज़र जुगल भारद्वाज ने ये तस्वीर ‘एक कदम हिन्दु राष्ट्र की ओर’ नामक ग्रुप में पोस्ट की थी.

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ अगस्त 2018 में ही इस दावे की जांच कर चुका है. जांच के दौरान पता चला कि शेयर हो रहा ‘NDTV इंडिया’ का स्क्रीनशॉट मई 2018 के एक ब्रॉडकास्ट का है. रिपोर्ट के मुताबिक, कश्मीर घाटी में सुरक्षा बल और आतंकवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में 5 आतंकवादियों को मार गिराया गया था. इस वारदात में 5 नागरिकों की भी मौत हुई थी. ‘CNN न्यूज़18’, ‘इंडिया टुडे’ और ‘ANI’ जैसे मीडिया संगठनों ने इस पर रिपोर्ट शेयर करते हुए इसे 6 मई 2018 की घटना बताया है.

‘NDTV इंडिया’ ने भी इस घटना पर 7 मई 2018 को एक वीडियो रिपोर्ट शेयर की थी. इस वीडियो रिपोर्ट में 5 स्थानीय लोगों की मौत के अलावा मुठभेड़ में हुई 5 आतंकवादियों की मौत की खबर दिखाई गई है. रिपोर्ट में अलगाववादी संगठनों द्वारा 5 नागरिकों की मौत के बाद कश्मीर बंद की घोषणा की ख़बर शेयर की गई है.

‘NDTV इंडिया’ ने 7 मई 2018 को ट्वीट करते हुए इस घटना के बारे में जानकारी दी थी. ट्वीट में बताया गया कि कश्मीर में हुई मुठभेड़ के दौरान 5 स्थानीय लोगों की जान चली गई और इस घटना में 5 आतंकवादियों की भी मौत हुई है.

इस तरह, ‘NDTV इंडिया’ द्वारा 5 आतांकवादियों की मौत को 5 स्थानीय लोगों की मौत दिखाने का दावा ग़लत साबित होता है. सोशल मीडिया यूज़र्स ने ये झूठा दावा चलाया कि चैनल ने आतंकवादियों की मौत को आम नागरिकों की मौत बताकर चलाया. चैनल के ब्रॉडकास्ट का एक स्क्रीनशॉट शेयर किया गया जिससे खबर को लेकर आधी-अधूरी जानकारी ही शेयर हुई और इसके ज़रिए चैनल पर आतंकवादियों को आम नागरिक के रूप में पेश करने का झूठा दावा चलाया गया.

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

About the Author

Kinjal Parmar holds a Bachelor of Science in Microbiology. However, her keen interest in journalism, drove her to pursue journalism from the Indian Institute of Mass Communication. At Alt News since 2019, she focuses on authentication of information which includes visual verification, media misreports, examining mis/disinformation across social media. She is the lead video producer at Alt News and manages social media accounts for the organization.