सोशल मीडिया पर कई भाजपा नेता और समर्थक दावा कर रहे हैं कि पिछले प्रधानमंत्रियों की तुलना में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल के दौरान सबसे ज़्यादा एम्स (AIIMS) का निर्माण हुआ है. इसके साथ एक इंफ़ोग्राफ़िक भी शेयर किया जा रहा है जिसमें दिखाया गया है कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल के 7 सालों में 15 एम्स अस्पताल बनाए गए हैं जबकि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान सिर्फ़ 1 एम्स ही बना था. फ़ेसबुक पर PMO रिपोर्ट कार्ड पेज ने ये इन्फ़ोग्राफिक 11 मई को शेयर किया है.
फ़ेसबुक पर ये इन्फ़ोग्राफिक कई लोगों ने शेयर किया है.
ऐक्टर कंगना रानौत ने भी ऐसा एक इन्फ़ोग्राफिक शेयर करते हुए लिखा, ” कुत्ते भौंकते रेहते हैं करने वाले अपना काम करते रेहते हैं.”
बिहार सरकार में सड़क निर्माण मंत्री नन्द किशोर यादव ने ये दावा ट्वीट किया. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)
ये आंकड़े देखने के बाद भी क्या कांग्रेसी और विपक्षी दल मोदी सरकार को ही बदनाम करेंगे….#ModiSarkar #India pic.twitter.com/VfypYCARwy
— Nand Kishore Yadav (@nkishoreyadav) April 24, 2021
राजनीतिक टिप्पणीकार अभिनव प्रकाश ने भी दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने 14 एम्स बनाने की घोषणा की थी जिसमें से 11 एम्स शुरू भी हो चुके हैं. इस ट्वीट को 8 हज़ार लाइक्स और 3,400 रीट्वीट मिले हैं. (आर्काइव लिंक)
History will not judge Manmohan Singh kindly… pic.twitter.com/9ArUemPXEU
— Abhinav Prakash (@Abhina_Prakash) April 19, 2021
भाजपा समर्थक अरुण पुदुर (आर्काइव लिंक) और ट्विटर हैन्डल ‘@Sootradhar’ (आर्काइव लिंक) ने भी ये दावा ट्वीट किया है. अरुण पुदुर ने ये लिस्ट शेयर करते हुए लिखा, “प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने 10 साल के कार्यकाल के दौरान सिर्फ़ 1 एम्स शुरू किया और वो भी इटालियन माता के चुनाव क्षेत्र में”.
Antonia Maino allowed Manmohan Singh to complete only one AIIMs in 10 years of UPA. pic.twitter.com/m0M4VStJEi
— J (@Sootradhar) April 19, 2021
During his 10 years of subservient post of PM. Manmohan singh just managed to open 1 AIIMS that too in Italian Mata’s Constituency.
If MMS is so great let him fix CONgress states starting with horrible #COVIDEmergency in Maharashtra & Chattisgarh. pic.twitter.com/3arXiwxlVJ
— Arun 🇮🇳 (ಅರುಣ್) (@arunpudur) April 19, 2021
अभिषेक द्विवेदी (@Rezang_La), ‘@SaffronTommy’ और ‘@beingGavy’ के ट्वीट्स को आर्टिकल लिखे जाने तक सैकड़ों बार लाइक और रीट्वीट किया गया है. ट्विटर हैन्डल ‘@SaffronTommy’ ने लिखा, “मोदी सरकार ने देश में 14 एम्स बनाए जबकि मनमोहन सिंह ने सिर्फ़ 1 ही एम्स का निर्माण किया था.”
फ़ेसबुक पर ये दावा वायरल है.
प्रो-मोदी फ़ेसबुक पेज ‘Marketing Motivation’ द्वारा पोस्ट की गई इस लिस्ट को आर्टिकल लिखे जाने तक 1 हज़ार लाइक्स मिले हैं.
3 more AIIMS (AIIMS Madurai, AIIMS Darbhanga and AIIMS Manethi) are under development…
Posted by Marketing Motivation on Thursday, 22 April 2021
फ़ैक्ट-चेक
भारत में पहला एम्स अस्पताल साल 1956 में देश के पहले स्वास्थ्य मंत्री अमृत कौर के नेतृत्व में बना था. उसके बाद से 6 और एम्स बने हैं.
साल 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (PMSSY) लॉन्च की थी. इसका उद्देश्य था, “सस्ती और विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धि में होनेवाली गड़बड़ी को ठीक करना और देश में मेडिकल पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ाना.”
2003 के स्वतंत्रता दिवस के भाषण में तत्कालीन प्रधानमंत्री ने PMSSY के तहत पिछड़े राज्यों में अगले 3 सालों के अंदर दिल्ली के एम्स जैसे आधुनिक सुविधाओं वाले 6 नए अस्पताल बनाने की घोषणा की थी. लेकीन वाजपेयी सरकार 9 महीनों के कार्यकाल में ही सत्ता से हट गई थी.
इसके बाद, UPA शासन के दौरान 6 एम्स अस्पताल बनाए गए थे. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की 2011 की रिपोर्ट के मुताबिक, “NDA सरकार चुनावी वादों वाले मोड में ही रही और अक्टूबर 2003 से मार्च 2004 के बीच बिना ज़मीन की पुख्ता कागज़ी कार्रवाई के महज़ आधारशिला रखने का काम करती रही.”
आगे रिपोर्ट में बताया गया, “UPA के सत्ता में आते ही केन्द्रीय कैबिनेट ने मार्च 2006 में इन्हें मंज़ूरी दी थी.” रिपोर्ट में लिखा है, “इसके 6 साल बाद सरकार को क्लियरेंस और DPRs मिलने के बाद 2009 में इनका काम शुरू हुआ था. जून 2010 में कॉन्ट्रैक्टर चुनकर उन्हें काम सौंपा गया था.”
PMSSY के पहले चरण में 6 नए एम्स भोपाल, भुवनेश्वर, जोधपुर, पटना, रायपुर और ऋषिकेश में बनाए गए थे. PMSSY की वेबसाइट के मुताबिक, इन अस्पतालों में रेग्युलर MBBS कोर्स 2012 और रेग्युलर नर्सिंग कोर्स 2013 में शुरू हुए थे.
यहां ध्यान दें कि एम्स का डेवलपमेंट UPA और NDA, दोनों सरकारों के कार्यकाल के दौरान अलग-अलग चरणों में हुआ था. भोपाल के एम्स में मेडिकल कॉलेज और आउट पेशेंट डिपार्ट्मेंट (OPD) सर्विसेज़ 2013 में शुरू हुई थीं जबकि इन पेशेंट डिपार्ट्मेंट (IPD) और प्राइवेट वॉर्ड्स 2014 और 2017 में शुरू हुए थे. 2019 की CAG रिपोर्ट में बताया गया था कि इन नए एम्स अस्पतालों के विकास का काम अभी भी बाकी है और ये दिल्ली के एम्स के जैसे पूरी तरह कार्यरत नहीं हुए हैं.
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार को वायरल लिस्ट में जिन 6 एम्स का श्रेय दिया गया है, उनका काम तो कांग्रेस सरकार के दौरान हुआ था.
देश में एम्स अस्पतालों की स्थिति की बात करें तो स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने पिछले साल कहा था, “PMSSY के तहत 22 एम्स की घोषणा हुई है. इसमें से 6 एम्स भोपाल, भुवनेश्वर, जोधपुर, पटना, रायपुर और ऋषिकेश में चालू हो चुके हैं. बाकी के 16 एम्स का काम अभी चल रहा है.”
इन 16 एम्स में से राय बरेली में बनने वाली एम्स को PMSSY के दूसरे चरण के तहत मनमोहन सिंह सरकार में मंज़ूरी मिली थी. द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, “केन्द्रीय सरकार से 1 दशक पहले मिली मंज़ूरी के बाद राय बरेली में अगस्त 2018 में आउट पेशेंट डिपार्ट्मेंट (OPD) सर्विसेज़ शुरू हुई थी.”
बाकी के 15 एम्स की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी ने की है. इनमें से कुछ एम्स में आउट पेशेंट डिपार्ट्मेंट (OPD) सर्विसेज़ और मेडिकल कॉलेज की सुविधा शुरू हो चुकी है.
कुल मिलाकर, वायरल लिस्ट के ज़रिए सोशल मीडिया पर भ्रामक दावा किया जा रहा है. अभी तक 7 एम्स पूरी तरह से चालू हो चुके हैं. इसमें दिल्ली का एम्स भी शामिल है. बाकी के 6 एम्स भाजपा सरकार के कार्यकाल में अनाउन्स हुए थे लेकिन इनके निर्माण का काम कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुआ था. रायबरेली एम्स भी कांग्रेस सरकार के दौरान ही बनाया गया था लेकिन इसमें OPD सर्विस भाजपा के शासन के वक़्त शुरू हुई थी. भाजपा के शासन में 15 एम्स की घोषणा हुई है लेकिन या तो अभी ये बन रहे हैं, या फ़िर इनमें कुछ ही सेवाओं की शुरुआत हुई है.
हरियाणा के करनाल में हो रही वेब सीरीज़ की शूटिंग के दृश्य को लोगों ने असली घटना बताकर शेयर किया :
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.