प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ के 76वें एपिसोड में कोविड महामारी पर चर्चा की और लोगों को मेडिकल सहायता लेने की सलाह दी.
इस एपिसोड में 28 सेकंड पर प्रधानमंत्री कहते हैं कि डॉक्टर्स भी सोशल मीडिया के ज़रिये लोगों को सूचित करने का काम कर रहे हैं और फ़ोन, व्हाट्सऐप आदि पर कांउसलिंग कर रहे हैं. जब वो ये बोल रहे थे तब स्क्रीन पर एक वीडियो चलाया जा रहा था जिसमें एक डॉक्टर बता रहा है कि कैसे ऑक्सीजन सिलिंडर की जगह नेब्युलाइज़र का इस्तेमाल किया जा सकता है. ये वीडियो नरेंद्र मोदी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया है.
इस वीडियो का दावा फ़र्ज़ी है जिसका फ़ैक्ट-चेक भी किया जा चुका है
जिस क्लिप को ‘मन की बात’ में दिखाया गया उसमें फ़रीदाबाद के सर्वोदय हॉस्पिटल के डॉक्टर आलोक सेठी हैं. ये वीडियो हाल ही में बहुत वायरल हो रहा था और ऑल्ट न्यूज़ ने इसका फ़ैक्ट-चेक भी किया था.
सर्वोदय हॉस्पिटल, फ़रीदाबाद ने वायरल वीडियो में किये गये दावों को ग़लत बताया है. उन्होंने बयान जारी कर कहा, “इस वीडियो की सच्चाई का कोई सबूत या वैज्ञानिक आधार नहीं है… कृपया अपने डॉक्टर के सलाह बगैर कोई ऐसी तरकीब न अपनाएं. इससे स्वास्थ्य और नाज़ुक हो सकता है.”
Always consult a medical practitioner before following any #medication practice, especially for #treatment of severe conditions. Do not fall prey to any information without an authorized source.#awareness #SarvodayaHealthcare #SHRC pic.twitter.com/itTVLfYqkd
— Sarvodaya Healthcare (@Sarvodaya_Care) April 23, 2021
नेब्युलाइज़र का इस्तेमाल ऑक्सीजन की जगह नहीं हो सकता
USA के सेंटर्स फ़ॉर डिजीज़ कण्ट्रोल ऐंड प्रिवेंशन के मुताबिक, नेब्युलाइज़र ऐसा डिवाइस है जो तरल दवाई को छोटे ड्रॉप्लेट्स में तब्दील करता है ताकि उसे कुछ मिनटों में फेफड़ों तक पहुंचाया जा सके. अस्थमा रोगी और ऐसी अन्य बीमारियों से जूझ रहे लोगों को दवाई देने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है.
स्कॉटलैंड के नेशनल हेल्थ सर्विस के डॉक्टर अविरल वत्स ने वायरल वीडियो को कोट-ट्वीट करते हुए इसके दावों को ग़लत बताया.
कृपया इसे ऑक्सीजन का विकल्प बिलकुल न कहें।
नाहक जाने जा सकती हैं।
यह नेबुलिसेर है जो दवाई को छोटे ड्रॉप्लेट्स में तब्दील करता है ताकि उसे फेफड़ों की गहरायी तक पहुँचाया जा सके. इसके साथ ऑक्सीजन सिलिंडर कई बार लगाना पड़ता है। https://t.co/di0TStbB05
— Aviral Vatsa , MBBS, DESS, PhD (@DocVatsa) April 24, 2021
मेदान्ता हॉस्पिटल के सर्जन और ग्रुप चेयरमैन डॉ अरविंदर सिंह ने भी ट्वीट कर वायरल वीडियो को फ़र्ज़ी बताया और लिखा, “जिस वीडियो में रक्त में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाने के लिए ऑक्सीजन सिलिंडर की जगह नेब्युलाइज़र का प्रयोग करने कहा जा रहा है वो बिल्कुल निराधार है.”
The video demonstrating a purported technique that can substitute a nebulizer machine for an oxygen cylinder to improve blood oxygen levels is totally baseless. It should be discredited.
— Dr. Arvinder Singh Soin (@ArvinderSoin) April 24, 2021
ऑल्ट न्यूज़ साइंस की फ़ाउंडिंग एडिटर सुमैया शेख के मुताबिक, “नेब्युलाइज़र के इस्तेमाल से अल्विओली को थोड़ा-बहुत फैलाया जा सकता है जिसमें अधिकतर में तरल भरा होता है और अल्विओली हल्का-सा फैल जाता है. लेकिन ये सिर्फ़ थोड़े समय के लिए है जब कोई ऑक्सीजन मिलने का इंतज़ार कर रहा हो. एयर नेब्युलाइज़र निश्चित रूप से ऑक्सीजन की जगह नहीं ले सकता है.”
वीडियो में दिख रहे डॉक्टर ने भी दावे को ग़लत बताया
इंडिया टुडे ने वीडियो में दिख रहे डॉक्टर आलोक सेठी से बात की जो फ़रीदाबाद के सर्वोदय हॉस्पिटल के कार्डिएक विभाग में जूनियर डॉक्टर हैं. उन्होंने चैनल को बताया कि वो लोगों को इसके वायरल होने के समय से ही चेतावनी दे रहे हैं. वीडियो में ऑक्सीजन सिलिंडर की जगह नेब्युलाइज़र के प्रयोग की बात ख़ारिज करते हुए उन्होंने बताया कि ये वीडियो उन्होंने एक व्यक्ति को भेजा था जो अभी पूरी तरह स्थिर है. वीडियो के ज़रिये वो बस बता रहे थे कि नेब्युलाइज़र का प्रयोग कैसे किया जाता है. इसके बारे में बूमलाइव ने भी रिपोर्ट किया था.
पीएम मोदी के ‘मन की बात’ में इस भ्रामक वीडियो चलाया गया जिसमें कहा गया कि ऑक्सीजन की जगह नेब्युलाइज़र का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये दावा निराधार है.
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