भारत में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने और ऑक्सीजन सिलिंडर की कमी होने के कारण सैकड़ों लोग रोज़ अपनी जान से हाथ धो रहे हैं. ऑक्सीजन सिलिंडर की कमी और लोगों की बेबसी के बीच मरीज़ों के लिए जो जुगाड़ बन सके, लोग वो सब कर रहे हैं. इसी बीच खुद को डॉक्टर आलोक बताने वाले एक व्यक्ति का वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें वो बता रहा है कि ऑक्सीजन सिलिंडर नहीं मिल पा रहा है तो नेब्युलाइज़र का इस्तेमाल किया जा सकता है. दावा किया जा रहा है कि वीडियो में दिख रहा आदमी फ़रीदाबाद के सर्वोदय हॉस्पिटल का डॉक्टर है. IAS अधिकारी अवनीश शरण ने ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “ये फ़रीदाबाद के सर्वोदय हॉस्पिटल के डॉक्टर आलोक हैं. उन्होंने खून में ऑक्सीजन स्तर बढ़ाने के लिए ‘नेब्यूलाइज़र’ के इस्तेमाल की प्रभावी तकनीक बताई है. अभी के समय में जब ऑक्सीजन की इतनी किल्लत है, ये तरकीब कई ज़िंदगियां बचा सकती हैं. सभी से निवेदन है कि इसे देखें.” ये आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को 37 हज़ार से ज़्यादा बार देखा जा चुका है और 800 से ज़्यादा लोग रीट्वीट भी कर चुके हैं.

कई अन्य ट्विटर और फ़ेसबुक यूज़र्स ने भी ये वीडियो शेयर किया.

फ़ैक्ट-चेक

सर्वोदय हॉस्पिटल, फ़रीदाबाद ने वायरल वीडियो में किये गये दावों को ग़लत बताया है. उन्होंने बयान जारी कर कहा, “इस वीडियो की सच्चाई का कोई सबूत या वैज्ञानिक आधार नहीं है… कृपया अपने डॉक्टर के सलाह बगैर कोई ऐसी तरकीब न अपनाएं. इससे स्वास्थ्य और नाज़ुक हो सकता है.”

नेब्यूलाइज़र क्या होता है?

यूएसए के सेंटर्स फ़ॉर डिजीज़ कण्ट्रोल ऐंड प्रिवेंशन के मुताबिक, नेब्युलाइज़र ऐसी डिवाइस है जो तरल दवाई को छोटे ड्रॉप्लेट्स में तब्दील करता है ताकि उसे कुछ मिनटों में फेफड़ों की गहरायी तक पहुंचाया जा सके. अस्थमा रोगी और ऐसे अन्य बीमारियों से जूझ रहे लोगों को दवाई देने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है.

स्कॉटलैंड के नेशनल हेल्थ सर्विस के डॉक्टर अविरल वत्स ने वायरल वीडियो को कोट-ट्वीट करते हुए इसके दावों को ग़लत बताया.

मेदान्ता हॉस्पिटल के सर्जन और ग्रुप चेयरमैन डॉ अरविंदर सिंह ने भी ट्वीट कर वायरल वीडियो को फ़र्ज़ी बताया और लिखा, “जिस वीडियो में रक्त में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाने के लिए ऑक्सीजन सिलिंडर की जगह नेब्युलाइज़र का प्रयोग करने कहा जा रहा है वो बिल्कुल निराधार है.”

ऑल्ट न्यूज़ साइंस की फ़ाउंडिंग एडिटर सुमैया शेख के मुताबिक, “नेब्युलाइज़र के इस्तेमाल से अल्विओली को थोड़ा-बहुत फैलाया जा सकता है जिसमें अधिकतर में तरल भरा होता है और अल्विओली हल्का-सा फैल जाता है. लेकिन ये सिर्फ़ थोड़े समय के लिए है जब कोई ऑक्सीजन मिलने का इंतज़ार कर रहा हो. एयर नेब्युलाइज़र निश्चित रूप से ऑक्सीजन की जगह नहीं ले सकता है.”

वीडियो में दिख रहे डॉक्टर ने भी दावे को ग़लत बताया

इंडिया टुडे ने वीडियो में दिख रहे डॉक्टर आलोक सेठी से बात की जो फ़रीदाबाद के सर्वोदय हॉस्पिटल के कार्डिएक विभाग में जूनियर डॉक्टर हैं. उन्होंने चैनल को बताया कि वो लोगों को इसके वायरल होने के समय से ही चेतावनी दे रहे हैं. वीडियो में ऑक्सीजन सिलिंडर की जगह नेब्युलाइज़र के प्रयोग की बात ख़ारिज करते हुए उन्होंने बताया कि ये वीडियो उन्होंने एक व्यक्ति को भेजा था जो अभी पूरी तरह स्थिर है. वीडियो के ज़रिये वो बस बता रहे थे कि नेब्युलाइज़र का प्रयोग कैसे किया जाता है.

नेब्युलाइज़र को ऑक्सीजन सिलिंडर की जगह इस्तेमाल नहीं किया जा सकता जैसा कि सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है. मेडिकल जानकारी से जुड़ी भ्रामकता महामारी के दौर में जानलेवा साबित हो सकती है. लोगों को व्हाट्सऐप फॉरवर्ड्स से मिल रही जानकारियों के बारे में चिकित्सकों से सलाह लेनी चाहिए और खुद ही इन नुस्खों के प्रयोग से बचना चाहिए. रक्त में स्तर की जांच के लिए जो स्टैंडर्ड तरीका है वही अपनाएं और ये 95 से कम हो तो डॉक्टर के पास जायें.


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Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.