भारत में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने और ऑक्सीजन सिलिंडर की कमी होने के कारण सैकड़ों लोग रोज़ अपनी जान से हाथ धो रहे हैं. ऑक्सीजन सिलिंडर की कमी और लोगों की बेबसी के बीच मरीज़ों के लिए जो जुगाड़ बन सके, लोग वो सब कर रहे हैं. इसी बीच खुद को डॉक्टर आलोक बताने वाले एक व्यक्ति का वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें वो बता रहा है कि ऑक्सीजन सिलिंडर नहीं मिल पा रहा है तो नेब्युलाइज़र का इस्तेमाल किया जा सकता है. दावा किया जा रहा है कि वीडियो में दिख रहा आदमी फ़रीदाबाद के सर्वोदय हॉस्पिटल का डॉक्टर है. IAS अधिकारी अवनीश शरण ने ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “ये फ़रीदाबाद के सर्वोदय हॉस्पिटल के डॉक्टर आलोक हैं. उन्होंने खून में ऑक्सीजन स्तर बढ़ाने के लिए ‘नेब्यूलाइज़र’ के इस्तेमाल की प्रभावी तकनीक बताई है. अभी के समय में जब ऑक्सीजन की इतनी किल्लत है, ये तरकीब कई ज़िंदगियां बचा सकती हैं. सभी से निवेदन है कि इसे देखें.” ये आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को 37 हज़ार से ज़्यादा बार देखा जा चुका है और 800 से ज़्यादा लोग रीट्वीट भी कर चुके हैं.
He is Dr Alok from Sarvodaya Hospital Faridabad.He has shown an excellent technique using ‘nebuliser’ to improve the levels of blood oxygen level. In today’s scenario of Oxygen crisis this can save lives of many. Request everyone to watch it once.
(Shared as received) pic.twitter.com/P5F6o5w5rK
— Awanish Sharan (@AwanishSharan) April 23, 2021
कई अन्य ट्विटर और फ़ेसबुक यूज़र्स ने भी ये वीडियो शेयर किया.
फ़ैक्ट-चेक
सर्वोदय हॉस्पिटल, फ़रीदाबाद ने वायरल वीडियो में किये गये दावों को ग़लत बताया है. उन्होंने बयान जारी कर कहा, “इस वीडियो की सच्चाई का कोई सबूत या वैज्ञानिक आधार नहीं है… कृपया अपने डॉक्टर के सलाह बगैर कोई ऐसी तरकीब न अपनाएं. इससे स्वास्थ्य और नाज़ुक हो सकता है.”
Always consult a medical practitioner before following any #medication practice, especially for #treatment of severe conditions. Do not fall prey to any information without an authorized source.#awareness #SarvodayaHealthcare #SHRC pic.twitter.com/itTVLfYqkd
— Sarvodaya Healthcare (@Sarvodaya_Care) April 23, 2021
नेब्यूलाइज़र क्या होता है?
यूएसए के सेंटर्स फ़ॉर डिजीज़ कण्ट्रोल ऐंड प्रिवेंशन के मुताबिक, नेब्युलाइज़र ऐसी डिवाइस है जो तरल दवाई को छोटे ड्रॉप्लेट्स में तब्दील करता है ताकि उसे कुछ मिनटों में फेफड़ों की गहरायी तक पहुंचाया जा सके. अस्थमा रोगी और ऐसे अन्य बीमारियों से जूझ रहे लोगों को दवाई देने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है.
स्कॉटलैंड के नेशनल हेल्थ सर्विस के डॉक्टर अविरल वत्स ने वायरल वीडियो को कोट-ट्वीट करते हुए इसके दावों को ग़लत बताया.
कृपया इसे ऑक्सीजन का विकल्प बिलकुल न कहें।
नाहक जाने जा सकती हैं।
यह नेबुलिसेर है जो दवाई को छोटे ड्रॉप्लेट्स में तब्दील करता है ताकि उसे फेफड़ों की गहरायी तक पहुँचाया जा सके. इसके साथ ऑक्सीजन सिलिंडर कई बार लगाना पड़ता है। https://t.co/di0TStbB05
— Aviral Vatsa , MBBS, DESS, PhD (@DocVatsa) April 24, 2021
मेदान्ता हॉस्पिटल के सर्जन और ग्रुप चेयरमैन डॉ अरविंदर सिंह ने भी ट्वीट कर वायरल वीडियो को फ़र्ज़ी बताया और लिखा, “जिस वीडियो में रक्त में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाने के लिए ऑक्सीजन सिलिंडर की जगह नेब्युलाइज़र का प्रयोग करने कहा जा रहा है वो बिल्कुल निराधार है.”
The video demonstrating a purported technique that can substitute a nebulizer machine for an oxygen cylinder to improve blood oxygen levels is totally baseless. It should be discredited.
— Dr. Arvinder Singh Soin (@ArvinderSoin) April 24, 2021
ऑल्ट न्यूज़ साइंस की फ़ाउंडिंग एडिटर सुमैया शेख के मुताबिक, “नेब्युलाइज़र के इस्तेमाल से अल्विओली को थोड़ा-बहुत फैलाया जा सकता है जिसमें अधिकतर में तरल भरा होता है और अल्विओली हल्का-सा फैल जाता है. लेकिन ये सिर्फ़ थोड़े समय के लिए है जब कोई ऑक्सीजन मिलने का इंतज़ार कर रहा हो. एयर नेब्युलाइज़र निश्चित रूप से ऑक्सीजन की जगह नहीं ले सकता है.”
वीडियो में दिख रहे डॉक्टर ने भी दावे को ग़लत बताया
इंडिया टुडे ने वीडियो में दिख रहे डॉक्टर आलोक सेठी से बात की जो फ़रीदाबाद के सर्वोदय हॉस्पिटल के कार्डिएक विभाग में जूनियर डॉक्टर हैं. उन्होंने चैनल को बताया कि वो लोगों को इसके वायरल होने के समय से ही चेतावनी दे रहे हैं. वीडियो में ऑक्सीजन सिलिंडर की जगह नेब्युलाइज़र के प्रयोग की बात ख़ारिज करते हुए उन्होंने बताया कि ये वीडियो उन्होंने एक व्यक्ति को भेजा था जो अभी पूरी तरह स्थिर है. वीडियो के ज़रिये वो बस बता रहे थे कि नेब्युलाइज़र का प्रयोग कैसे किया जाता है.
नेब्युलाइज़र को ऑक्सीजन सिलिंडर की जगह इस्तेमाल नहीं किया जा सकता जैसा कि सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है. मेडिकल जानकारी से जुड़ी भ्रामकता महामारी के दौर में जानलेवा साबित हो सकती है. लोगों को व्हाट्सऐप फॉरवर्ड्स से मिल रही जानकारियों के बारे में चिकित्सकों से सलाह लेनी चाहिए और खुद ही इन नुस्खों के प्रयोग से बचना चाहिए. रक्त में स्तर की जांच के लिए जो स्टैंडर्ड तरीका है वही अपनाएं और ये 95 से कम हो तो डॉक्टर के पास जायें.
पतंजलि ने कहा कि WHO ने कोरोनिल को दे दी मंज़ूरी, मीडिया ने बगैर जांचे ख़बर चलाई
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.