9 नवंबर को यति नरसिंहनाद के शिष्य सुरेश राजपूत ने फ़ेसबुक पर AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बारे में एक वीडियो अपलोड किया. इसमें सुरेश ने मुसलमानों को “सूअर” कहा और त्रिपुरा में अल्पसंख्यक मुस्लिम आबादी के खिलाफ़ हुई हिंसा को “दीवाली” बताया. 24 घंटे से भी कम समय में ये वीडियो को 2 लाख लोगों तक पहुंच गया.

ये वीडियो अपलोड किये जाने से 5 दिन पहले सुरेश राजपूत ने अपने फ़ेसबुक अकाउंट पर सहयोगी राहुल शर्मा के साथ एक और वीडियो अपलोड किया था. इस वीडियो में दोनों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गोली मारने की धमकी दी थी. सोशल मीडिया पर इसे लेकर नाराज़गी जताई गई थी जिसके बाद ये वीडियो फ़ेसबुक ने हटा लिया.

ये कोई पहली बार नहीं था जब सुरेश राजपूत ने सार्वजनिक रूप से सीएम को धमकी दी थी. फ़रवरी में सुरेश राजपूत ने यूट्यूब चैनल “हिंदू शेर बॉय” बनाया. और अपने सहयोगी मलिक सेहरावत के साथ एक वीडियो अपलोड किया. वीडियो में सुरेश ने केजरीवाल को गोली मारने और मंगोलपुरी में मुसलमानों को मारने और वहां से निकालने की धमकी दी थी.

सुरेश राजपूत के कुछ फ़ेसबुक लाइव वीडियोज़ भी हैं जिसमें उसने मुसलमानों को “आतंकवादी” और किसानों को “खालिस्तानी” कहा है. वीडियो में वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रिक्वेस्ट करता है कि सिंघू बॉर्डर पर सेना तैनात की जाये. अक्टूबर में एक और लाइव में उसने दीवाली पर पटाखे फोड़ने के खिलाफ़ अपनी राय रखने वाले भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली को “मुस्लिम गेटअप” के साथ दिखाया था. वीडियो में सुरेश ने विराट कोहली को गाली दी और दर्शकों से कहा कि “विराट जैसे लोगों” को पीटा जाये. इस फ़ेसबुक लाइव का इस्तेमाल मुस्लिम समुदाय के खिलाफ़ नफरत फैलाने के लिए भी किया गया.

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विडंबना ये है कि एक फ़ेसबुक लाइव में “हिंदू-मुस्लिम भाईचारे” की बात करते हुए सुरेश राजपूत ने कहा था कि हिंदुओं को नवरात्रि मनाने और मस्जिदों के अंदर भजन करने की अनुमति दी जानी चाहिए. क्योंकि “सेक्युलर्स” मुसलमानों को मंदिरों में नमाज़ अदा करने की अनुमति देते हैं. इसके बाद वो अपने दर्शकों को “एकतरफा भाईचारे” का पालन करने वाले “सेक्युलर्स” की पिटाई करने के लिए उकसाता है.

ये वीडियो राजपूत के फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल पर मौजूद है. फ़ेसबुक ने न तो इन वीडियोज़ को हटाया और न ही राजपूत के अकाउंट को सस्पेंड किया.

इन पोस्ट्स पर फ़ेसबुक की प्रतिक्रिया

ऑल्ट न्यूज़ ने फ़ेसबुक को सुरेश के कई वीडियोज़ ईमेल किए जिसमें मुस्लिम समुदाय के खिलाफ़ नफरत फैलाई गयी है. फ़ेसबुक ने इनमें से ज़्यादातर लिंक्स हटा दिए और जवाब दिया, “हमने ऐसे कंटेंट हटा दिए हैं जिनसे हमारे सामुदायिक मानकों का उल्लंघन हो रहा था. हमने अपने प्लेटफ़ॉर्म पर नफ़रत फ़ैलाने की अनुमति नहीं दी है. और जब हमें ऐसा कुछ मिलता है या इसके बारे में हमें अवगत कराया जाता है तो हम तुरंत इसे हटा देते हैं. हम ऐसे कॉन्टेंट को जल्द से जल्द ढूंढने और हटाने में हमारी मदद करने के लिए टेक्नोलॉजी में भारी निवेश कर रहे हैं. लेकिन अगर लोगों को फ़ेसबुक पर कुछ ऐसा दिखता है जो उन्हें लगता है कि इससे नियमों का उल्लंघन हो रहा है. तो इसकी रिपोर्ट करने के लिए हम उन्हें प्रोत्साहित करते हैं. ताकि हम उस पर कार्रवाई कर सकें. हम जानते हैं कि हमार लागू करने की प्रक्रिया परफ़ेक्ट नहीं है और इसमें अभी और काम करना बाकी है. लेकिन हमारी नियमित पारदर्शिता रिपोर्ट दर्शाती है कि हम इन मामलों पर कार्रवाई करने में आगे बढ़ रहे हैं.”

लेकिन गौर करें कि फ़ेसबुक ने सुरेश राजपूत का अकाउंट सस्पेंड नहीं किया.

सुरेश राजपूत के अकाउंट को सस्पेंड न कर पाने के बारे में पूछे जाने पर सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी फ़ेसबुक की प्रतिक्रिया कुछ ऐसी थी, “हम नियमों का उल्लंघन करने पर अकाउंट की प्रगतिशील समीक्षा करते हैं और प्रतिबंध लगाते हैं. जब कोई अकाउंट नियम उल्लंघन की सीमा को पार करता है तब हम आखिर में ये कार्रवाई करते हैं.”

फ़ेसबुक के अनुसार, सुरेश राजपूत का अकाउंट सस्पेंड होने के लिए नियम उल्लंघन की “सीमा पार नहीं करता.” जबकि इन्होनें खुलेआम मुसलमानों के खिलाफ़ हिंसा भड़काने और समुदाय के बहिष्कार को बढ़ावा देने वाले वीडियोज़ पोस्ट किए हैं.

सुरेश राजपूत के वीडियोज़, दूसरे एकाउंट्स और पेज से भी शेयर किए जाते हैं. इनमें ‘सुरेश हिंदूबॉय’, ‘सुरेश हिंदू’ और ‘हिंदू शेर बॉय फ़ैंस’ शामिल हैं. और ये सब भी फ़ेसबुक पर मौजूद हैं.

दरअसल, सुरेश राजपूत के सहयोगी प्रभु निषाद का अकाउंट भी सस्पेंड नहीं किया गया है. प्रभु निषाद नियमित रूप से अपने और सुरेश राजपूत के वीडियोज़ शेयर करता है.

सुरेश राजपूत का ये वीडियो आर्टिकल लिखे जाने तक करीब 80 हज़ार बार देखा जा चुका है. इस वीडियो में सुरेश राजपूत रामलीला में राम की भूमिका निभाने वाले एक थिएटर कलाकार दानिश खान के खिलाफ़ बोल रहा है. सुरेश राजपूत, दानिश खान के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करता है और मुसलमानों पर बड़े पैमाने पर धर्मांतरण का आरोप लगाता है. आज तक के एक प्रसारण के लिए वो चैनल को भी गाली देता है जिसमें चैनल ने रिपोर्ट किया था कि दानिश खान को उनके इलाके के रामलीला में राम की भूमिका निभाने पर धमकी दी गई. सुरेश कहता है, “सनातन धर्म के द्वारपाल ये तय करेंगे कि राम की भूमिका किसे निभानी है, समाचार चैनल नहीं…आप इस देश में रहकर मांस और गोमांस खाते हैं. आप राम की भूमिका कैसे निभा सकते हैं?”

प्रभु निषाद भी मुस्लिम विरोधी बयानों के साथ अपने वीडियोज़ शेयर करता है और जिन्हें हज़ारों व्यूज़ भी मिलते हैं. उसके पेज के करीब 1 लाख फ़ॉलोवर्स हैं. इसे प्रभु साहनी के नाम से भी जाना जाता है.

प्रभु निषाद महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का समर्थक भी है.

इन यूज़र्स को लेकर फ़ेसबुक ने प्रतिक्रिया दी कि ये नफ़रत फ़ैलाने पर बने नियमों के अंतर्गत नहीं आते हैं. फ़ेसबुक पॉलिसी जिसमें हिंसक भाषण, अमानवीय पोस्ट (मुसलमानों को “सूअर” के रूप में संदर्भित करना) संरक्षित श्रेणियों को टारगेट करने वाले कॉन्टेंट को रोकना और बहुत सारे दूसरे प्रतिबंध दिए गए हैं. इसके पहले वाक्य में लिखा है, “हम ये मानते हैं कि लोग तभी अपनी आवाज़ उठा पाते हैं जब उन्हें इस आधार पर बुरा महसूस नहीं कराया जाता कि वो कौन हैं. और तभी ज़्यादा स्वतंत्र रूप से जुड़ पाते हैं. यही वज़ह है कि हम फ़ेसबुक पर नफ़रत फ़ैलाने की अनुमति नहीं देते हैं.”

अभद्र भाषा को लेकर फ़ेसबुक की पूरी पॉलिसी यहां पढ़ी जा सकती है.

सुरेश राजपूत ने कई मामलों में नियमों का उल्लंघन किया है जिनमें हिंसक भाषण या लिखित या विजुअल रूप से समर्थन; अमानवीय भाषण या कल्पना (मुसलमानों को “सूअर” के रूप में संदर्भित करना); यौन गतिविधि से संबंधित अपमानजनक शब्द (मुस्लिम महिलाओं को यौन रूप से ऐसा दर्शाया गया है कि ये अलग-अलग पुरुषों के साथ कई बच्चों को जन्म देती हैं); संरक्षित विशेषताओं के आधार पर असहिष्णुता स्वीकार करना, शामिल हैं. लेकिन ये सब यहीं तक सीमित नहीं हैं: समलैंगिकता, इस्लामोफ़ोबिक, नस्लवादी; घृणा प्रकट करना, इसके आलावा, तिरस्कार और नफ़रत भी इनमें शामिल हैं.

सुरेश राजपूत यूट्यूब पर भी लाखों लोगों के बीच आपत्तिजनक कॉन्टेंट शेयर करता था. ऑल्ट न्यूज़ द्वारा अलर्ट किए जाने पर फ़ेसबुक से अलग यूट्यूब ने उसके चैनल्स बंद कर दिए.

नफ़रत फ़ैलाने पर यूट्यूब की पॉलिसी का उल्लंघन

सुरेश राजपूत यूट्यूब पर “हिंदू शेर बॉय” के नाम से अपना चैनल चलता था. चैनल के फ़ॉलोवर्स की संख्या सार्वजनिक नहीं थी (जून में द वायर के एक आर्टिकल के अनुसार, उसके यूट्यूब चैनल के 4.6 लाख फ़ॉलोवर्स थे), उसकी लोकप्रियता का अंदाज़ा उसके कुछ वीडियोज़ को मिले लाखों व्यूज़ से लगाया जा सकता है.

फ़रवरी 2020 में सुरेश राजपूत ने एक वीडियो अपलोड किया जिसमें वो AIMIM के प्रवक्ता वारिस पठान को “क*** मुल्ला” (मुसलमानों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला अपमानजनक शब्द), मुस्लिम समुदाय के सदस्यों को “सूअर” के रूप में संदर्भित किया. साथ ही ये भी कहा कि जिन मुस्लिम महिलाओं ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का विरोध किया वे “वेश्याएं” थी. उसने पठान को हिंसा की धमकी भी दी.

इस वीडियो को 10 लाख से ज़्यादा बार देखा गया था.

2019 के एक और वीडियो में उसने AIMIM नेता अकबरुद्दीन ओवैसी को निशाना बनाया था. मुस्लिम समुदाय के सदस्यों को “जिहादी” और ओवैसी के खिलाफ़ नस्लवादी गालियों का इस्तेमाल किया. इस वीडियो को भी 10 लाख से ज़्यादा बार देखा गया.

हाल ही में एक और वीडियो में सुरेश ने बॉलीवुड के प्रमुख मुस्लिम अभिनेता – जैसे शाहरुख खान, सलमान खान, सैफ़ अली खान और आमिर खान को निशाना बनाया. वीडियो की शुरुआत में अपने दर्शकों को शाहरुख खान की फिल्म “पठान” का बहिष्कार करने के लिए कहा और अफ़ग़ानिस्तान में पठान समुदाय के खिलाफ़ इस्लामोफ़ोबिक बातें की. बाद में उसने मुस्लिम अभिनेताओं का पूरी तरह आर्थिक बहिष्कार करने को कहा. ऐक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के लिए उसने इन एक्टर्स को भी ज़िम्मेदार ठहराया.

सुरेश राजपूत ने यूट्यूब पर ऐक्टर दानिश खान को टारगेट करते हुए एक वीडियो अपलोड किया था. सुरेश का यूट्यूब चैनल इस तरह के कॉन्टेंट से भरा हुआ था.

यूट्यूब की पॉलिसी के अनुसार, प्लेटफॉर्म पर इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करने, जानवरों के साथ लोगों की तुलना करने और संरक्षित समूहों के खिलाफ़ हिंसा और नफरत को बढ़ावा देने की अनुमति नहीं है. सुरेश राजपूत ने कई मामलों में यूट्यूब के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया था.

यूट्यूब ने ऑल्ट न्यूज़ के ईमेल का जवाब देते हुए लिखा, “हम अपने यूज़र्स की सुरक्षा को बहुत गंभीरता से लेते हैं. और यूट्यूब पर नफरत और उत्पीड़न को रोकने के लिए हमारी सख्त नीतियां हैं जिसमें व्यक्ति या किसी समूह के खिलाफ़ हिंसा या नफरत को बढ़ावा देने वाला कॉन्टेंट शामिल है. हम ऐसे कॉन्टेंट अपलोड करने वाले व्यक्ति की परवाह किए बिना इन नीतियों को सभी भाषाओं और क्षेत्रों में लगातार लागू करते हैं. हमारी नीतियों का उल्लंघन करने वाली किसी भी फ़्लैग कॉन्टेंट को तुरंत यूट्यूब से हटा दिया जाता है… हम कंफ़र्म कर सकते हैं कि हमारी नफरत फ़ैलाने की पॉलिसी का उल्लंघन करने की वज़ह से चैनल “हिंदू शेर बॉय” को बंद कर दिया गया है.”

17 नवंबर को सुरेश राजपूत ने “हिंदू शेर बॉय” नाम से एक नया चैनल बनाया.

 

hindu sher boy channel deleted 😭 || Hindu Sher boy new channel link in description 👇https://youtube.com/channel/UCDTorM2GhfYDRiMbkyHjdpA

Posted by Prabhu Nishad on Saturday, 20 November 2021

सुरेश राजपूत “हिंदू परिवार” नामक एक और यूट्यूब चैनल चलाता है जिसमें मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाकर नफरत वाले वीडियो भरे पड़े हैं. ये चैनल अगस्त 2021 से मौजूद है और यूट्यूब ने इसे बंद नहीं किया था. लेकिन इस चैनल पर कुछ प्रतिबंध लगाये गए हैं.

यूट्यूब ने इस पर जवाब दिया, “हमने चैनल के खिलाफ़ एक स्ट्राइक लागू की है. उत्पीड़न और धमकाने पर हमारी नीति के उल्लंघन करने के लिए हमने चैनल से एक वीडियो हटा दिया है. साथ ही हिंसा और ग्राफ़िक कॉन्टेंट के लिए दो वीडियोज़ (लिंक 1, लिंक 2) पर आयु-प्रतिबंधित है. ऐसे मामलों में जहां कॉन्टेंट से हमारी नीतियों का उल्लंघन नहीं होता, लेकिन अगर ये हर उम्र के दर्शकों के लिए उपयुक्त न हो, तो हम कॉन्टेंट के बारे में ज़्यादा सूचना होने पर उस वीडियो पर आयु प्रतिबंध लगा सकते हैं.”

गूगल के अन्तर्गत आने वाले यूट्यूब ने सुरेश राजपूत के चैनलों में से एक को बंद कर दिया. लेकिन फ़ेसबुक ऐसे कई पेज और एकाउंट्स को सस्पेंड नहीं कर पाया जिनसे मुसलमानों को निशाना बनाकर नफरत वाले कंटेंट शेयर किये जाते हैं. फ़ेसबुक ने सिर्फ सुरेश राजपूत के कुछ वीडियोज़ हटा दिए और उसे इस प्लेटफ़ॉर्म पर बने रहने की अनुमति देने के लिए कोई उचित स्पष्टीकरण नहीं दिया.

फ़ेसबुक के पूर्व कर्मचारी और व्हिसलब्लोअर फ्रांसेस हॉगेन के खुलासे के बाद से सोशल मीडिया दिग्गज कंपनी फ़ेसबुक पिछले कुछ हफ्तों से सुर्खियों में है. एसोसिएटेड प्रेस को मिली लीक डाक्यूमेंट्स के अनुसार, भारत में फ़ेसबुक न सिर्फ नफ़रत फ़ैलाने वाले कॉन्टेंट की जांच करने में असफल रहा है बल्कि पाबंदी लगाने में भी चयनात्मक रहा है. खासकर, अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने वाली भड़काऊ पोस्ट पर.

इंटरनल स्टाफ़ मेमो जो यूनाइटेड स्टेट्स सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) को किए गए खुलासे का हिस्सा है. और व्हिसलब्लोअर फ्रांसेस हॉगेन के कानूनी वकील द्वारा संशोधित रूप में अमेरिकी कांग्रेस को प्रदान किए प्रपत्र में खुलासा किया कि फ़ेसबुक के पास संभावित नफ़रत फ़ैलाने वाले कंटेंट का पता लगाने के लिए “यहां तक ​​​​कि ज़रूरी बुनियादी सेट अप भी नहीं है.” भारत में ऐसे कॉन्टेंट और नफरत फ़ैलाने से संबंधित कई आशंकाओं को फ़ेसबुक ने “कोई समस्या नहीं” माना और इसके आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) उपकरण, स्थानीय भाषाओं का पता लगाने में असफल रहे. ये फ़ेसबुक के हिंदी कंटेंट से किए गए पक्षपाती व्यवहार से स्पष्ट होता है.

दूसरी ओर, यूट्यूब, फ़ेसबुक की तरह संदेह के घेरे में नहीं रहा है. वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म यूट्यूब पर भी इस तरह की भाषा का प्रयोग होता है. किसी चैनल को हटाने से पहले यूट्यूब की आमतौर पर तीन-स्ट्राइक नीति होती है और सुरेश राजपूत द्वारा अपलोड किया गया लगभग हर वीडियो उसकी नीति का उल्लंघन करता है. यूट्यूब ने नए चैनल “हिंदू परिवार” के खिलाफ़ एक स्ट्राइक लगाने का दावा किया है. इसके अलावा, ऑल्ट न्यूज़ ने यूट्यूब को “हिंदू शेर बॉय” के नए चैनल के बारे में ईमेल किया और यूट्यूब ने इसे भी बंद कर दिया.

भारत में नफ़रत फैलाने पर रोक लगाने के लिए अदूरदर्शी नीतियां और तकनीकी कंपनियों का आधा-अधूरा दृष्टिकोण देश की अल्पसंख्यक मुस्लिम आबादी को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है. सुरेश राजपूत को फ़ेसबुक पर एक प्रमुख स्थान मिला है और कंपनी द्वारा उसे सस्पेंड न करना समस्या से न निपटने की कंपनी की इच्छा जाहिर करती है.

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Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.