अमूल दूध ने हाल ही में अपने प्रोडक्टस के दाम बढ़ाए हैं. पेट्रोल और डीज़ल के दामों के साथ-साथ दूध के दामों में हुई बढ़ोतरी ने आम आदमी की जेब पर बुरा असर डाला है. इस दौरान, अमूल दूध से जुड़ा एक दावा सोशल मीडिया पर काफ़ी शेयर किया जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि अमूल कंपनी के मालिक आनंद सेठ ने 1 लाख 38 हज़ार लोगों को गाय का मांस खाने के कारण काम से निकाल दिया. फ़ेसबुक यूज़र ‘श्री राधे कृष्णा’ ने ये दावा फ़ेसबुक ग्रुप ‘केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी – अमेठी सांसद’, ‘Kangana Ranaut fans.(Actor)’, ‘मुख्यमंत्री – योगी आदित्यनाथ जी’ में शेयर किया है. आर्टिकल लिखे जाने तक इन पोस्ट्स को हज़ारों बार लाइक किया गया है.
भाजपा समर्थक युविका शर्मा ने ये दावा ट्वीट किया है. (आर्काइव लिंक)
अमूल दूध के मालिक आनंद सेठ ने 1 लाख 38 हजार गाय का मांस खाने वालो को नौकरी से निकाला !!
🙏 जय गौमाता 🙏
— Yuvika Sharma (@Theyuvikash) July 8, 2021
और भी कई यूज़र्स ने ये दावा फ़ेसबुक, ट्विटर पर शेयर किया है.
फ़ैक्ट-चेक
सबसे पहले तो अमूल कंपनी का कोई मालिक नहीं है. अमूल का संचालन गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन लिमिटेड (GCMMF) करता है. यानी, अमूल के मालिक आनंद सेठ के होने का दावा मनगढ़ंत है. इसके अलावा, GCMMF के चेयरमैन शामलभाई बी पटेल हैं. वाइस चेयरमैन वालमजीभाई आर हुंबल है. और इसके मैनिजिंग डायरेक्टर आर एस सोढी हैं. GCMMF की स्थापना 1973 में हुई थी. बता दें कि अमूल का हेडक्वार्टर गुजरात के आनंद शहर में है.
आगे, ऑल्ट न्यूज़ ने वायरल दावे से संबंधित मीडिया रिपोर्ट्स के बारे में सर्च किया. लेकिन हमें सोशल मीडिया के दावे की पुष्टि करती कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली.
बीबीसी ने इस वायरल दावे के बारे में अमूल के मैनिजिंग डायरेक्टर आरएस सोढी से बात की थी. बीबीसी से बात करते हुए उन्होंने कहा, “हमें नहीं पता इस तरह की ख़बर कैसे उड़ाई जा रही है. हमने बीते दो सालों में अपने एक भी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाला है, क्योंकि हमारा व्यापार बढ़ ही रहा है. अगर हम निकालेंगे तो भी इसका आधार धर्म कभी नहीं हो सकता.”
आरएस सोढी के हवाले से बताया गया है कि अमूल की फ़ैक्ट्रियों में 16 हज़ार से 17 हज़ार कर्मचारी काम करते हैं. सोढी ने कर्मचारियों का चयन समाजिक-धार्मिक पृष्ठभूमि के आधार पर नहीं बल्कि मैरिट के आधार पर होने की बात कही.
यानी, सोशल मीडिया पर अमूल कंपनी द्वारा गाय का मांस खाने वाले 1 लाख 38 कर्मचारियों को निकाले जाने का दावा पूरी तरह से मनगढ़ंत है. अमूल ने हाल में इस तरह का कोई कदम नहीं उठाया है.
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