दिसंबर 2020 से जून 2021 तक LPG गैस की कीमतों में पांचवीं बार वृद्धि हुई है. 31 मार्च को 10 रुपये की कमी को छोड़कर, 14.2kg LPG की कीमत अब 834 रुपये 50 पैसे होगी. BJP समर्थक ऋषि बागरी ने 2011 से LPG सिलेंडरों की कीमत को सूचीबद्ध करते हुए एक ट्वीट किया और दावा किया कि गैर-सब्सिडी LPG गैस की कीमत UPA सरकार के दौरान से अभी भी 32% सस्ती है.
Year LPG Price
2011 ₹ 877
2012 ₹ 922
2013 ₹ 1021
2014 ₹ 1241
2015 ₹ 606
2016 ₹ 584
2017 ₹ 747
2018 ₹ 609
2019 ₹ 695
2020 ₹ 594 (lockdown)
2021 ₹ 834Non Subsidised LPG Gas is 32% cheaper than in UPA time.
— Rishi Bagree 🇮🇳 (@rishibagree) July 2, 2021
भाजपा समर्थक ऋषि बागरी ने ऐसा ट्वीट इस साल फ़रवरी और 2020 में भी किया था. ये दावा फ़ेसबुक और ट्विटर पर काफी किया जा रहा है. ऋषि बागरी का नाम अक्सर भ्रामक और ग़लत सूचनाएं फैलाने वालों में शामिल है.
सोशल मीडिया पर ऐसा दावा अक्सर ही किया जाता है कि LPG गैस की कीमत में बढ़ोतरी के बावजूद ये UPA सरकार के समय से सस्ती है. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सी.टी. रवि और भारतीय जनता युवा मोर्चा (BYJM) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संतोष रंजन राय ने एक सूची ट्वीट की जिसमें 2011 से लेकर 2021 तक की LPG सिलिंडर की कीमत लिखी है. दोनों नेताओं ने सवाल किया कि UPA के कार्यकाल में गैस सिलिंडर की कीमत इतनी ज़्यादा क्यों थी? आर्टिकल लिखे जाने तक दोनों ट्वीट्स को मिलाकर 10,000 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया जा चुका है.
Year LPG Cylinder Price
2011 ₹ 877
2012 ₹ 922
2013 ₹ 1021
2014 ₹ 1241
2015 ₹ 606
2016 ₹ 584
2017 ₹ 747
2018 ₹ 609
2019 ₹ 695
2020 ₹ 594
2021 ₹ 719Will #AndolanJivi @RahulGandhi explain to people why his Govt looted them for years?
— C T Ravi 🇮🇳 ಸಿ ಟಿ ರವಿ (@CTRavi_BJP) February 19, 2021
कई फ़ेसबुक यूज़र्स ने इसी सूची को स्क्रीनशॉट और इन्फ़ोग्राफ़िक के रूप में भी शेयर किया. कुछ पोस्ट्स को बंगाली टेक्स्ट के साथ शेयर किया गया.
भ्रामक आंकड़े
वायरल लिस्ट में दिखाने की कोशिश की गयी है कि LPG की कीमत भाजपा के मुकाबले कांग्रेस के कार्यकाल में ज़्यादा थी. लेकिन ये आंकड़े भ्रामक हैं क्योंकि सूची में सब्सिडी मिलने के बाद की कीमत (जिस कीमत पर उपभोक्ता को सिलिंडर मिलता है) नहीं लिखी है.
LPG सिलिंडर की कीमत किस तरह तय और अदा की जाती है, ये समझने के लिए हम इस फ़ैक्ट-चेक को चार हिस्सों में बांट रहे हैं:
1. वायरल टेक्स्ट का विश्लेषण
2. ग़ैर-सब्सिडी वाली कीमत से क्या पता चलता है?
3. LPG में किस आधार पर सब्सिडी दी जाती है.
4. सब्सिडी मिलने के बाद 14.2 किलो LPG सिलिंडर की कीमत.
वायरल टेक्स्ट का विश्लेषण
सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही कीमत की सूची इंडियन ऑइल के वेबपेज से ली गयी है. इस वेबपेज पर दिल्ली में ग़ैर-सब्सिडी वाले 14.2 किलोग्राम की LPG सिलिंडर की कीमत लिखी हुई है. इंडियन ऑइल की वेबसाइट पर 11 दिसम्बर, 2013 तक का आंकड़ा ही मौजूद है.
वायरल टेक्स्ट में 2012 का जो आंकड़ा है उसे उसी साल पुणे मिरर में छपी रिपोर्ट से लिया गया है. ऑल्ट न्यूज़ को ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें 2011 में 14.2 किलोग्राम वाले गैस सिलिंडर की कीमत 877 रुपये बताई गयी हो. आजतक की 2011 की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि ग़ैर-सब्सिडी वाले सिलिंडर की कीमत जुलाई में 710 रुपये पहुंच गई है और ये आगे 800 तक बढ़ सकती है. पाठक ये भी गौर करें कि वायरल मेसेज में 2018 के सामने जहां ₹609 लिखा है जबकि उस वक़्त ये कीमत ₹809 थी.
नीचे दी गयी सूची में दिल्ली में पिछले 10 साल में 14.2 किलो वाले LPG सिलिंडर की कीमत की तुलना इंडियन ऑइल पर दी गयी कीमत से की गयी है. ये तुलना इंडियन ऑइल की ग़ैर-सब्सिडाइज़्ड कीमत और दिल्ली में सब्सिडी के बाद की कीमत के बीच है (PDF देखें). ये तुलना देखकर पता चल जाता है कि UPA के समय LPG सिलिंडर की कीमतें वर्तमान से कम थीं.
ग़ैर-सब्सिडी सिलिंडर की ऊंची कीमतों से क्या पता चलता है?
भारत में LPG की कीमतें इसकी अंतर्राष्ट्रीय कीमतों के आधार पर तय की जाती है. क्षेत्रीय आधार पर कीमत तय करने से पहले डॉलर से इसकी कीमत रुपये में बदली जाती है. इसके बाद लोकल खर्चे जैसे, ट्रांसपोर्ट, पैकिंग, मार्केटिंग, डीलर के कमीशन और GST के ख़र्च जोड़े जाते हैं. लोकल खर्च में कुछ खास बदलाव नहीं आते हैं. सरकार LPG की कीमत हर महीने बढ़ाती-घटाती है और इसका फ़ैसला अंतर्राष्ट्रीय कीमत में बदलाव के आधार पर किया जाता है. इसके साथ ही डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में बदलाव भी एक मुख्य कारक है. (द हिन्दू के इस आर्टिकल से आप ये समझ सकते हैं)
LPG की ज़्यादा कीमत बताती है कि इसकी अंतर्राष्ट्रीय कीमत भी ज़्यादा है. घरेलू कीमत प्रोपेन और ब्यूटेन जैसे पेट्रोलियम बाय-प्रोडक्ट पर निर्भर करते हैं. एक अंतर्राष्ट्रीय डेटा वेबसाइट ट्रेडिंग इकॉनमिक्स के पिछले कुछ वक़्त के विश्लेषण के मुताबिक, LPG की कीमत 2014-2021 से ज़्यादा 2013-2014 में थी. ट्रेडिंग इकॉनमिक्स के अनुसार प्रोपेन अब तक सबसे ज़्यादा कीमत पर फ़रवरी 2014 में पहुंची थी. ये आंकड़े अरब गल्फ़ की FOB (फ़्री ऑन बोर्ड) कीमतों के आधार पर जुटाए गये हैं.
हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PDF देखें) द्वारा सूचित 14.2 किलोग्राम वाले सिलिंडर की कीमत तय करने में FOB बड़ी भूमिका निभाता है. भारत सऊदी अरब के ‘सऊदी अरामको’ से डील करता है और वहां के मुताबिक, FOB पिछले महीने के ब्यूटेन (60%) और प्रोपेन (40%) के कॉन्ट्रैक्ट प्राइस (CP) की औसत कीमत होती है. साथ ही इसमें पिछले महीने प्रीमियम/डिस्काउंट में रोज़ाना आये बदलाव का एवरेज भी शामिल होता है.
हमें पेट्रोलियम प्लानिंग ऐंड एनालिसिस सेल की रेडी रेकॉनर रिपोर्ट मिली जिसमें 2013, 2015, 2016 और 2018 की FOB को तोड़कर समझाया गया है. यहां से हमने पाया कि FOB कीमत असल में अंतर्राष्ट्रीय मानक वाली कीमत ही है.
LPG पर सब्सिडी कैसे मिलती है?
सरकार LPG की कीमत सब्सिडी और अंडर रिकवरी के ज़रिये नियंत्रित करती है. 2012 में द हिन्दू के साथ एक इंटरव्यू में इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन के चेयरमैन आरएस बुटोला ने बताया था, “अंडर रिकवरी खरीदने की कीमत और बेचने की कीमत का अंतर होता है.”
जिस कीमत पर रिफ़ाइनरी से देश ने LPG खरीदा है, बेचने की कीमत उससे कम है तो इसका नुकसान सरकार या ऑइल मार्केटिंग कंपनी उठाती है. 2014 से ही सब्सिडी और ग़ैर-सब्सिडी वाले सिलिंडर की कीमत में अंतर की कमी आई है. पेट्रोलियम प्लानिंग और एनालिसिस सेल (PDF देखें) के मुताबिक, अंडर रिकवरी की रकम मई 2020 से लगभग शून्य हो चुकी है. द हिन्दू बिज़नेसलाइन ने भी 2020 में यही रिपोर्ट किया था. यानी, अब LPG पर सब्सिडी नहीं मिलती है. ऑल्ट न्यूज़ ने इंडियन ऑइल की हेल्पलाइन से संपर्क कर इस बात की पुष्टि की.
हर कनेक्शन पर सालभर में एक तय संख्या में ही 14.2 किलो वज़न वाले सब्सिडाइज़्ड सिलिंडर लिए जा सकते हैं. इस संख्या में साल-दर-साल कई बार बदलाव किये गए हैं. ये संख्या आमतौर पर 6-12 सिलिंडर होती है. पूरी जानकारी हिंदुस्तान पेट्रोलियम की वेबसाइट पर देख सकते हैं जहां वर्तमान संख्या 12 बताई गयी है.
भाजपा सरकार ने 2015 में ‘गिव इट अप‘ पहल की शुरुआत की थी जिसमें LPG के उन ग्राहकों से सब्सिडी छोड़ देने की अपील की गयी थी जो ग़ैर-सब्सिडी कीमत चुका सकने में सक्षम थे. सरकार ने 2019 में घोषणा कर बताया कि एक करोड़ लोग सब्सिडी छोड़ चुके हैं. 2017 से सितम्बर 2020 के बीच 14.2 किलो के सिलिंडर पर मिली औसत सब्सिडी कीमत पेट्रोलियम प्लानिंग ऐंड एनालिसिस सेल के पोर्टल पर देखी जा सकती है.
पेट्रोलियम एवं नेचुरल गैस और स्टील मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने 23 फ़रवरी को ANI से बताया, “LPG पर सब्सिडी पर रोक लगने वाली रिपोर्ट्स निराधार हैं. हम देश के दूर-दराज़ क्षेत्रों में अभी भी सब्सिडी दे रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के 8 करोड़ लाभार्थियों को 14 करोड़ सिलिंडर मुफ्त में प्रदान किये गये हैं.” लेकिन LPG की अंतर्राष्ट्रीय कीमतें गिरने के बावजूद भाजपा के कार्यकाल में अधिकतर नागरिकों के लिए 14.2 किलोग्राम वाले LPG सिलिंडर की कीमत बढ़ी है.
14.2 किलोग्राम वाले LPG सिलिंडर की सब्सिडी के बाद कीमत
ग्राहक द्वारा 14.2 किलो LPG के लिए अदा की गयी कीमत का अंदाज़ा सब्सिडाइज़्ड कीमत से लगाया जा सकता है (जैसा कि हमने ऊपर बताया). पाठकों को ये भी मालूम हो कि ये कीमत अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग होती है. शहरों में मिल रही कीमत ऑफ़िशियल वेबसाइट और मीडिया रिपोर्ट्स में देखी जा सकती हैं. हिंदुस्तान पेट्रोलियम के उपभोक्ता पोर्टल पर किसी भी ज़िले में मिल रही LPG सिलिंडर की कीमत देखी जा सकती है.
कई सोशल मीडिया यूज़र्स और भाजपा नेता सी.टी. रवि और संतोष रंजन राय ने LPG सिलिंडर की नॉन-सब्सिडाइज़्ड कीमत शेयर करते हुए दिखाने की कोशिश की कि LPG की कीमत कांग्रेस के कार्यकाल में ज़्यादा थी.
हमारी रिसर्च के आधार पर ये साफ़ है कि कांग्रेस के समय नॉन-सब्सिडाइज़्ड गैस सिलिंडर की कीमत इसलिए ज़्यादा थी क्योंकि उस समय LPG की वैश्विक कीमत भी अधिक थी. लेकिन, चूंकि कांग्रेस के समय सिलिंडर पर सब्सिडी मिलती थी, आज के मुकाबले उस समय कम कीमत चुकानी पड़ती थी. 2014 से ही LPG की वैश्विक कीमतों में गिरावट आई है, इसके बावजूद भाजपा कार्यकाल में सब्सिडी को बंद कर दिया गया. हालांकि, पेट्रोलियम एवं नेचुरल गैस और स्टील मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के 8 करोड़ लाभार्थियों को 14 करोड़ सिलिंडर मुफ्त में प्रदान किये गये थे.
कांग्रेस के ट्वीट के बाद रिपब्लिक भारत ने डिलीट किया अपना ट्वीट और दिखाई सही ख़बर
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