सोशल मीडिया पर पुलिस द्वारा रेलवे स्टेशन से 2 व्यक्तियों को गिरफ़्तार करने का एक वीडियो काफ़ी शेयर किया जा रहा है. 3 मिनट 23 सेकंड के इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि कुछ पुलिसकर्मी लाल रंग का कपड़ा लेकर 2 व्यक्तियों को पकड़ते हैं और बाद में उसे जेल में बंद कर देते हैं. दावा है कि पुलिस ने गुजरात के दाहोद शहर के रेलवे स्टेशन से 2 आतंकवादियों को गिरफ़्तार किया है. फ़ेसबुक यूज़र आकाश कुमार ने ये वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “देखिए कैसे दाहोद स्टेशन में देश के वीर सैनिकों ने आतंकवादियो को पकड़ा #जयहिंद…”. आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को 59 हज़ार बार देखा गया है.
वीर सैनिकों ने आतंकवादियो को पकड़ा दोहदा स्टेशन🇮🇳🇮🇳🇮🇳
देखिए कैसे दाहोद स्टेशन में देश के वीर सैनिकों ने आतंकवादियो को पकड़ा🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
#जयहिंद🇮🇳🇮🇳🇮🇳#mockdrill
Posted by Aakash kumar on Monday, 5 April 2021
फ़ेसबुक पेज ‘ई यूपी है चच्चा’ ने भी ये वीडियो इसी दावे के साथ पोस्ट किया था. डिलीट किये जाने से पहले इस वीडियो को 50 लाख बार देखा और 6,700 बार शेयर किया गया. (आर्काइव लिंक)
फ़ेसबुक पेज ‘HN24 News’ ने भी ये वीडियो इसी दावे के साथ पोस्ट किया है. (आर्काइव लिंक)
हमारे देश के वीर #सैनिक जवानों ने दाहोद स्टेशन पर पकड़ा आतंकवादी को #जयहिन्द
हमारे देश के वीर #सैनिक जवानों ने दाहोद स्टेशन पर पकड़ा आतंकवादी को #जयहिन्द
Posted by HN24 News on Monday, 5 April 2021
फ़ेसबुक पर ये वीडियो इसी दावे के साथ वायरल है.
फ़ैक्ट-चेक
वीडियो को ध्यान से देखने पर मालूम होता है कि ये वीडियो दाहोद रेलवे स्टेशन का ही है.
इसके चलते की-वर्ड्स सर्च करने पर गुजराती अखबार दिव्य भास्कर का 2 अप्रैल 2021 का आर्टिकल मिला. आर्टिकल के मुताबिक, 31 मार्च को दाहोद रेलवे स्टेशन में आतंकवादी के घुसने पर कैसी कार्रवाई करनी है, इससे संबंधित एक मॉकड्रिल की गई थी. इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि मॉकड्रिल का वीडियो वायरल होने के बाद दाहोद के आस-पास की जगहों में आतंकवादियों के पकड़े जाने की अफ़वाहे फैली थीं.
फ़ैक्ट-चेकिंग आउटलेट ‘Fact Crescendo’ ने ये वीडियो दाहोद रेलवे स्टेशन में हुई मॉकड्रिल का बताकर अपलोड किया है.
यानी, दाहोद शहर के रेलवे स्टेशन पर हुई मॉकड्रिल का वीडियो सोशल मीडिया पर असली मानकर शेयर किया गया. वीडियो के साथ झूठा दावा किया गया कि पुलिस ने दाहोद रेलवे स्टेशन से 2 आतंकवादी गिरफ़्तार किये हैं. ये पहली बार नहीं है कि मॉकड्रिल के वीडियोज़ सोशल मीडिया पर असली मानकर शेयर किये गए हो. पहले भी ऐसे कई वीडियोज़ भ्रामक दावे से शेयर किये गए हैं जिसपर ऑल्ट न्यूज़ के आर्टिकल्स आप यहां पढ़ सकते हैं.
NDTV पर सोशल मीडिया का निशाना, लेकिन क्या उसने झूठ रिपोर्ट किया था? :
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