सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है. वीडियो में पुलिस कुछ लोगों पर लाठी बरसा रही है. ये वीडियो यूपी का बताकर शेयर किया जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि सड़क पर नमाज़ पढ़ने वाले लोगों को हटाया गया. @StringReveals नाम के X हैन्डल ने 24 दिसम्बर 2023 को ये वीडियो पोस्ट करते हुए ऐसा ही दावा किया. (आर्काइव लिंक)
Such joy to see this🥳Yogi ji need of the hour to set straight religious fanatics🔥NEW RULES🫡 Vote for BJP! pic.twitter.com/26LxtqBEyc
— String (@StringReveals) December 24, 2023
पिछले साल भी हुआ था शेयर
जनवरी 2022 में ट्विटर यूज़र उत्तम चौरसिया ने ये वीडियो इसी दावे के साथ ट्वीट किया. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)
बनारस में रोड पर नमाज पढ़ने का अंजाम देख लो ,क्या ये और किसी के राज में सम्भव है, 😊
धन्यवाद योगी जी का🙏🚩 pic.twitter.com/gxFhe3cKlr— Uttam Chaurasiya – ( भारतीय )🇮🇳🙏 (@INDUttam) January 8, 2022
और भी कई ट्विटर यूज़र्स ने ये वीडियो इसी दावे के साथ ट्वीट किया. (लिंक 1, लिंक 2, लिंक 3)
अक्टूबर 2021 में ये वीडियो इस दावे के साथ ट्वीट किया गया था कि यूपी में एक नया कानून बनाया गया है जिसके मुताबिक, सड़क पर नमाज़ पढ़ने की मनाई है. ट्विटर यूज़र रेणुका जैन ने ये वीडियो यूपी का बताते हुए ट्वीट किया. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)
No namaz on roads. We need more yogi in India pic.twitter.com/rWe4JiCpPd
— #RenukaJain (@RenukaJain6) October 25, 2021
फ़ेसबुक यूज़र श्रीकांत स्वामी ने ये वीडियो इसी दावे के साथ पोस्ट किया. आर्टिकल लिखे जाने तक इसे 11 हज़ार व्यूज़ मिले हैं. (आर्काइव लिंक)
In UP Yogiji has ordered No Namaz on Roads. Still if some were offering, to whom khirapat was given. 😂😂
Posted by Sreekanta Swamy on Saturday, 23 October 2021
फ़ेसबुक और ट्विटर पर कई लोगों ने ये वीडियो यूपी का बताकर शेयर किया है. ऑल्ट न्यूज़ के मोबाइल ऐप और व्हाट्सऐप हेल्पलाइन नंबर पर भी इस वीडियो की जांच के लिए कुछ रीक्वेस्ट आयी हैं.
फ़ैक्ट-चेक
वायरल पोस्ट पर एक यूज़र ने कमेन्ट कर बताया कि ये वीडियो मध्यप्रदेश के जबलपुर का है. इस आधार पर की-वर्ड्स सर्च करते हुए ऑल्ट न्यूज़ को 19 अक्टूबर 2021 की MP तक की वीडियो रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट के मुताबिक, जबलपुर में मिलाद उन-नबी के मौके पर जुलूस निकाला गया था. इस दौरान, पुलिस और जुलूस में शामिल कुछ लोगों के बीच विवाद हुआ था. जुलूस में शामिल कुछ लोगों ने पथराव किया था जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे.
इस रिपोर्ट में एक जगह पर हमें वही दुकान दिखाई दी जो वायरल वीडियो में दिखती है. ये बात आप नीचे देख सकते हैं.
आगे, वायरल वीडियो में हमें एक और दुकान का बोर्ड दिखा जिसपर ‘एस दीन टेलर्स’ लिखा है. गूगल मैप्स पर सर्च करते हुए हमें मालूम चला कि जबलपुर के गोहलपुर में इस नाम की एक दुकान मौजूद है.
जबलपुर के इस विवाद के बारे में और भी कई मीडिया संगठनों ने रिपोर्ट्स शेयर की हैं. (लिंक 1, लिंक 2, लिंक 3, लिंक 4)
नवभारत टाइम्स के आर्टिकल के मुताबिक, ईद के मौके पर जुलूस को मछली मार्केट से सुब्बा शाह मैदान तक जाना था. लेकिन मछली मार्केट पर पहुंचते ही जुलूस में शामिल कुछ लोगों ने पुलिस का बैरिकेड हटाने की कोशिश की थी. इस बीच किसी ने पुलिस पर पथराव किया था और पटाखे फेंक दिए. बाद में पुलिस ने भी लाठीचार्ज किया था. कई पुलिस अधिकारियों को चोटे भी आयी थीं. उस दिन ईद के मौके पर जबलपुर में रद्दी चौकी के पास भी हिंसा हुई थी.
आगे, उत्तर प्रदेश में सड़क पर नमाज़ पढ़ने पर कोई प्रतिबंध लगाया गया है या नहीं? ये जानने के लिए हमने की-वर्ड्स सर्च किया. अगस्त 2019 में यूपी पुलिस ने सड़क पर नमाज़ या आरती जैसी धार्मिक क्रिया करने पर प्रतिबंध लगा दिया था. ये प्रतिबंध सड़क पर ट्रैफ़िक न हो, इसे ध्यान में रखते हुए लगाया गया था.
कुल मिलाकर, मध्यप्रदेश के जबलपुर में ईद के मौके पर निकाले गए जुलूस का पुलिस से टकराव हुआ था. इसका वीडियो झूठे दावे के साथ शेयर किया गया कि यूपी में पुलिस ने सड़क पर नमाज़ पढ़ने वाले लोगों की पिटाई की.
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