16 जून 2020 को देश को ख़बर मिली कि लद्दाख बॉर्डर पर चीनी सैनिकों के साथ हुई लड़ाई में 3 भारतीय सैनिकों की मौत हो गयी. शाम होते-होते ये आंकड़ा 20 तक पहुंच गया. 20 सैनिकों की मौत की पुष्टि आधिकारिक तौर पर हुई. इस पूरे दौरान मारे गए चीनी सैनिकों की संख्या को लेकर उहापोह की स्थिति बनी रही. ये संख्या भी एक वक़्त 5 थी जो कि दिन ख़तम होने तक 43 बतायी जाने लगी. हालांकि इस बाबत कोई भी आधिकारिक बयान नहीं आया है.

खैर, 17 जून को इस पूरे मसले पर प्रतिक्रियाएं आने लगीं. सरकार से सवाल पूछे जाने से लेकर चीन को बहिष्कृत करने और सोशल मीडिया पर सरकार और आर्मी के समर्थन में हैशटैग्स ट्रेंड होने लगे. दिन की शुरुआत में ही राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए सवाल दागे. उन्होंने पूछा कि ऐसे समय में देश के प्रधानमंत्री चुप क्यूं हैं और सामने क्यूं नहीं आ रहे. इसके साथ ही उन्होंने आक्रामक रुख अपनाते हुए ये भी पूछा कि आखिर चीन की हिम्मत कैसे हुई कि वो हमारे सैनिकों को मार दे. ये ट्वीट सुबह 8 बजकर 55 मिनट पर किया गया था.

इसके बाद राहुल गांधी ने 11 बजकर 11 मिनट पर एक यूट्यूब वीडियो का लिंक शेयर किया जिसमें उन्होंने देश के वीर शहीदों को सलाम भेजा था. शाम 5 बजकर 8 मिनट पर उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के ट्वीट को क़ोट ट्वीट करते हुए 5 सवाल और पूछे.

शाम होते-होते ट्विटर पर एक ट्वीट दिखाई देने लगा. इसे धड़ाधड़ रीट्वीट मिल रहे थे. Li Jie (@Lijeng) नाम के इस अकाउंट में लिखा हुआ था कि ये ग्लोबल टाइम्स के साथ जुड़े हैं. ग्लोबल टाइम्स चीन का प्रमुख अग्रेज़ी न्यूज़ आउटलेट है. इस हैंडल से राहुल गांधी के सुबह 8 बजकर 55 मिनट पर किये गए ट्वीट को रीट्वीट किया और साथ ही धन्यवाद कहते हुए ये कहा, “जब तक आप वहां (इंडिया में) हैं तब तक हमें डरने की कोई ज़रूरत नहीं है.” (ट्वीट का आर्काइव लिंक)

ज़ाहिर है कि इस ट्वीट से खलबली मचनी तय थी. चीन का कोई शख्स आज के माहौल में किसी भारतीय के बारे में ये कहे कि जब तक वो है, चीन के लोगों को डरने की ज़रूरत नहीं है तो ये एक बेहद अलार्मिंग सन्देश भेजता है. ये सीधा उस मौके की याद दिलाता है जब हाफ़िज़ सईद ने बरखा दत्त की तारीफ़ करते हुए बातें कही थीं.

इस ट्वीट को विकास पाण्डेय ने भी रीट्वीट किया जो कि भ्रामक जानकारियां फैलाने में माहिर मालूम देते हैं और प्रोपोगेन्डा पेज ‘आई सपोर्ट नरेन्द्र मोदी‘ चलाते हैं जिसके 16 लाख से ज़्यादा फ़ॉलोवर्स हैं. विकास के ट्विटर पर 1 लाख से ऊपर फ़ॉलोवर्स हैं.

ये एक फ़ेक अकाउंट है

हमारे शक की शुरुआत – सबसे पहले इस अकाउंट को देखते हैं. इसमें साफ़ लिखा हुआ है कि ये जून 2020 में बनाया गया है. यानी बीते 17 दिनों में ही. सबसे पहले शक इसी से पैदा होता है. इसके बाद जब हमने इसकी टाइमलाइन देखी तो मालूम चला कि अकाउंट से किये गए ट्वीट्स 17 जून के ही हैं. उससे पहले के कोई भी ट्वीट नहीं मौजूद हैं. यहां तक कि जो रीट्वीट्स हैं, वो भी बीते 2-4 दिनों के ही हैं. मात्र एक रीट्वीट ऐसा मिला जिसका मूल ट्वीट अप्रैल महीने में किया गया था. लेकिन इतना तो तय है कि इस अकाउंट से कोई भी मूल ट्वीट 17 जून 2020 के पहले नहीं किया गया है. ये शक को और भी गाढ़ा कर देता है क्यूंकि ग्लोबल टाइम्स से जुड़े किसी जर्नलिस्ट का ट्विटर अकाउंट इतना नया होना शक पैदा करता है. नीचे एक वीडियो के रूप में 17 जून की रात 9 बजकर 10 मिनट तक की टाइमलाइन को देखा जा सकता है.

इस अकाउंट की फ़ॉलोविंग – इसके अलावा हमने इस हैंडल @Lijeng_ की फ़ॉलोविंग पर गौर किया. मालूम पड़ा कि खुद को ग्लोबल न्यूज़ से जुड़ा हुआ बताने वाले शख्स का चीनी मूल के फ़ॉलोवर्स नहीं है. उनके सभी फ़ॉलोवर्स हिन्दुस्तानी दिख रहे हैं. उसे उसके ही ऑफ़िस का अर्थात ग्लोबल टाइम्स का कोई भी शख्स फ़ॉलो नहीं कर रहा है. एक बड़े मीडिया समूह में काम करने वाले पत्रकार के लिए ऐसा होना संभव नहीं लगता है.

प्रोफ़ाइल पिक्चर – इसके बाद हमने इस प्रोफ़ाइल पिक्चर की तफ़्तीश शुरू की. गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर मालूम पड़ा कि ये तस्वीर हुआंग यीबो की है और इंटरनेट पर कम से कम 2011 से तो है ही. हुआंग को उसकी प्रतिभा के लिए जाना जाता है

यहां तक ये तो तय हो गया था कि ये अकाउंट हाल ही में बना है. शायद कुछ घंटे पहले ही. तो फिर इतने नए अकाउंट की रीच अचानक इतनी कैसे हुई? अमूमन एक छोटे, नए बने अकाउंट को बड़ी रीच देने में पुराने, अच्छी रीच रखने वाले अकाउंट्स का हाथ होता है. इसमें किसका था?

कौन है इस अकाउंट के पीछे? ये जानने के लिए हमने ट्विटर पर सर्च करते हुए चेक किया कि @Lijeng_ हैंडल से आये इस ट्वीट को सबसे पहले किस बड़े हैंडल ने आगे बढ़ाने यानी रीट्वीट करने का काम किया था. हमने सबसे पहले छोटे टाइम फ़्रेम में किये गए रीट्वीट्स को चेक किया. @Lijeng_ के इस ट्वीट का समय था शाम 6 बजकर 50 मिनट. हमने ईपॉक टाइम की मदद से 17 जून की शाम 6 बजकर 56 मिनट 18 सेकंड तक की टाइम विंडो लेकर इस ट्वीट को मिले जवाबों को चेक किये. लगभग 6 मिनट में इसे 3 रिप्लाई आये थे. इसमें से एक रिप्लाई @vijaymishrakh के हैंडल से 6 बजकर 53 मिनट में ही आ गया था मलतब ट्वीट करने के महज 3 मिनट के अंदर.

इन तीनों रिप्लाई में एक बात कॉमन थी – राहुल गांधी और @Lijeng_ के अलावा एक तीसरे हैंडल की मौजूदगी. ये उसी केस में होता है जब कोई ट्विटर यूज़र एक रीट्वीट को जवाब देता है. इस केस में रीट्वीट करने वाले 2 लोग थे – @hhfyttth99jhgy और @SmokingSkills_.

हैंडल @hhfyttth99jhgy के पास महज़ 304 फ़ॉलोवर्स हैं. @SmokingSkills_ एक कुख्यात ट्रोलिंग अकाउंट है जो कि बिना अपनी पहचान ज़ाहिर किये चलाता है. इसके 66 हज़ार 261 फ़ॉलोवर्स हैं. इतने बड़े ट्विटर अकाउंट ने 3 मिनट के भीतर एक नए नवेले अकाउंट के ट्वीट को रीट्वीट किया, ये अपने आप में एक अचम्भा है.

यहां एक महीन बात समझने के लिए चीज़ों को क्रमवार ढंग से देखना होगा –

1. एक नया ट्विटर अकाउंट बनता है जो कि खुद को चाइनीज़ पहचान देने की कोशिश करता है.
2. वो एक ट्वीट करता है जिसमें वो राहुल गांधी को शुक्रिया कहता है.
3. उसके उस ट्वीट को एक बड़ी फ़ॉलोविंग अकाउंट रीट्वीट करता है जिसपर मूल ट्वीट के 3 मिनट बाद ही एक रिप्लाई भी आ जाता है.
4. इसका ये साफ़ मतलब है कि रीट्वीट 3 मिनट से भी पहले हुआ होगा. तभी उसपर कुछ वक़्त में जवाब आया.
5. ये बड़ी फ़ॉलोविंग वाला बेनाम अकाउंट अपनी ट्रोलिंग, स्यूडो-राष्ट्रवाद, मौजूदा सरकार में ‘आस्था’ और राइट-विंग आईडियॉलजी के लिए जाना जाता है.

ये साफ़ इशारा है कि @SmokingSkills_ ने या तो इस फ़र्ज़ी चीनी पहचान वाले ट्विटर हैंडल @Lijeng_ को बनाया है. और अगर खुद नहीं बनाया है तो भी इसे पोपुलर करने की कोशिश कर रहा है.

इस हैंडल का सार

कुल मिलाकर ये साफ़ हो जाता है कि इस ट्विटर हैंडल को 17 जून को ही बनाया गया है और इसे ऐसा रूप देने की कोशिश की गयी है जिससे ऐसा लगे कि ये एक चीनी शख्स का हैंडल है जो कि संभवतः ग्लोबल न्यूज़ के साथ काम करता है. इस पूरी बात का सच्चाई से कोई वास्ता नहीं है.

और भी फ़ेक अकाउंट्स

ये @LiJeng_ हैंडल वो एकमात्र हैंडल नहीं है जो कि फ़ेक है और इंडियन-चीनी सैनिकों के बीच तनाव के दौरान फ़ायदा उठाने की ख़ातिर ऐक्टिव हुआ है. कई ऐसी राजनीतिक हस्तियों के फ़र्ज़ी ट्विटर अकाउंट सामने आये हैं जो वैश्विक राजनीति में अहम स्थान रखते हैं और उनके हवाले से फ़र्ज़ी ट्वीट्स के ज़रिये इंडिया को उनका सपोर्ट दिखाया जा रहा है. इन नए-नए उभरे अकाउंट्स को कुछ ही घंटों में हज़ारों लाइक्स मिल रहे हैं और इनकी फ़ॉलोविंग भी बढ़ रही है.

इसमें सबसे पहला नाम आता है इवांका ट्रंप का. इवांका अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की बेटी हैं और इनके नाम का एक फ़ेक अकाउंट बनाकर लिख दिया गया कि वो इंडिया के साथ खड़ी हैं. इस ट्वीट को BJP के महिला मोर्चा के सोशल मीडिया की नेशनल इंचार्ज प्रीति गांधी ने रीट्वीट किया. लिखते वक़्त प्रीति ने लिखा कि भारत उनके इस कदम की सराहना करता है. बाद में ‘इवांका’ का ये ट्वीट डिलीट हो गया. मालूम पड़ा कि अब ये अकाउंट अस्तित्व में ही नहीं है. इवानका ट्रंप के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट का हैंडल है @IvankaTrump जबकि प्रीति गांधी के रीटट्वीट किये अकाउंट का हैंडल था @IvankaaTrump.

इसके अलावा इवांका के पिता डॉनल्ड ट्रंप का भी एक अकाउंट दिखा जो कि फ़र्ज़ी था और भारत को अपना सपोर्ट दिखा रहा था. इस ट्वीट को डॉक्टर विजय चौथाईवाले ने रीट्वीट किया. मज़ेदार बात ये है कि विजय चौथाईवाले अपने ट्विटर बायो में ख़ुद को फ़ॉरेन अफेयर्स डिपार्टमेंट के इंचार्ज बताते हैं. इसके बावजूद उन्होंने अमरीका के राष्ट्रपति के फ़र्ज़ी अकाउंट से आये ट्वीट को इतनी तवज्जो दी कि उसे रीट्वीट कर डाला. बाद में ये अकाउंट भी डिलीट हो गया. लेकिन स्क्रीनशॉट अब भी मौजूद है. पूर्व पत्रकार निधि राजदान ने ट्वीट कर के विजय चौथाईवाले को बताया कि उन्होंने ग़लत ट्वीट को रीट्वीट किया है. अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का अधिकारिक ट्विटर हैंडल है @realDonaldTrump जबकि इस फ़र्ज़ी अकाउंट का हैंडल था @RealDonldTump_.

और तो और, ख़ुद चीनी राष्ट्रपति का भी एक फ़र्ज़ी अकाउंट बनाकर उनके नाम से चीन का समर्थन इंडिया को दिलवा दिया गया. ये ट्विटर अकाउंट अभी भी मौजूद है. (ये आर्टिकल लिखे जाने के वक़्त तक. डिलीट हो जाने की स्थिति में आप इसका आर्काइव किया हुआ लिंक यहां देख सकते हैं.)

इस सब के अलावा एक और अकाउंट सामने आया जो कि खुद को इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू बता रहा है. इस अकाउंट से किये गए ट्वीट्स को भी ख़ूब लाइक्स मिले और इसे काफ़ी शेयर भी किया गया. कुछ वक़्त के बाद ये अकाउंट भी बंद हो गया. इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजमिन नेतान्याहू के आधिकारिक अकाउंट का हैंडल है @netanyahu.

नेतान्याहू के ट्वीट्स को फैलाने वालों में उत्तर प्रदेश में वित्त मंत्रालय, पार्लियामेंट्री अफ़ेयर्स और मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट संभालने वाले सुरेश कुमार खन्ना और भाजपा के नेशनल वाइस प्रेसिडेंट प्रभात झा भी शामिल थे.

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.