22 जुलाई को हिंदी के एक प्रमुख अख़बार दैनिक भास्कर के कई कार्यालयों में आयकर विभाग ने छापेमारी की. दैनिक भास्कर ने अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा, “कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देश के सामने सरकारी खामियों की असल तस्वीर रखने वाले दैनिक भास्कर ग्रुप पर सरकार ने दबिश डाली है.”

इसके बाद सोशल मीडिया पर एक होर्डिंग की तस्वीर शेयर की जा रही है. कहा जा रहा है कि ये दैनिक भास्कर की होर्डिंग की तस्वीर है. होर्डिंग पर लिखा है – “ना मठ का महंत, ना फेंकू संत”

इस कथित होर्डिंग की तस्वीर को समाजवादी पार्टी के विधायक अम्बरीश सिंह पुष्कर ने फ़ेसबुक पर शेयर किया. उन्होंने इसे शेयर करते हुए लिखा, “दमनकारी सरकार’ ने ‘दैनिक भाष्कर’ की आवाज़ दबाने की कोशिश की, फिर जो दैनिक भाष्कर ने किया वह आपके सामने है.”

हमने देखा कि इस होर्डिंग की तस्वीर कई लोगों ने फ़ेसबुक पर शेयर की है. इसके अलावा फ़ेसबुक पर ‘Rofl Gandhi‘ नाम के पेज ने एक ट्विटर हैंडल का स्क्रीनशॉट शेयर किया है. इसमें दैनिक भास्कर के पैरोडी हैंडल से किया गया ट्वीट दिखता है. ट्विटर यूज़र @ErDiwakarDas ने ये तस्वीर पोस्ट की थी जिसे डिलीट किए जाने से पहले 1500 लाइक्स मिल चुके थे.

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फ़ैक्ट-चेक

इस तस्वीर को ध्यान से देखने पर ‘योगी झूठा है’ का वॉटरमार्क दिखता है. कुछ फ़ेसबुक पेज या ट्विटर हैंडल अपने पोस्टर में अपने नाम का वॉटरमार्क लगा देते हैं. ये तस्वीर ‘योगी झूठा है‘ पेज ने 22 जुलाई को पोस्ट की है.

फ़ेसबुक पेज ‘योगी झूठा है’ ने ये तस्वीर शेयर करते हुए लिखा था कि ऐसा दैनिक भास्कर करना चाहेगा.

‘दमनकारी सरकार’ ने ‘दैनिक भाष्कर’ की आवाज़ दबाने की कोशिश की, फिर जो दैनिक भाष्कर करना चाहेगा वह आपके सामने है🤣🤣

Posted by Yogi Jhootha Hai on Thursday, 22 July 2021

इस तस्वीर को क्रॉप कर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें न्यूज़ नेशन में जनवरी 2020 में छपी एक आर्टिकल में असली तस्वीर मिली. इस पोस्टर में “देश मांगे नरेन्द्र मोदी, दिल्ली मांगे केजरीवाल” नारा लिखा हुआ है. इसे दीपक मदान ने लगवाया था जो खुद को RSS और BJP कार्यकर्ता बताते हैं.

‘ना मठ का महंत, ना फेंकू संत’ – ये लाइन ट्विटर पर बड़ी फ़ॉलोविंग रखने वाले @RoflGandhi_ ने सबसे पहले ट्वीट की थी. इस हैंडल ने दैनिक भास्कर की एक असली होर्डिंग की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा था कि क्या दैनिक भास्कर कल लखनऊ में ऐसे होर्डिंग लगवा सकता है?

इस लाइन को एक फ़ेसबुक पेज ‘योगी झूठा है’ ने उठाया और ये तस्वीर बना डाली जो अब वायरल हो रही है. इसके अलावा, दैनिक भास्कर के पैरोडी ट्विटर हैंडल का जो स्क्रीनशॉट शेयर किया जा रहा है, उसे अब डिलीट किया जा चुका है. लेकिन इसका आर्काइव यहां देखा जा सकता है. ये हैंडल भी अब एक्टिव नहीं है. इस हैंडल ने अपना नाम दिवाकर से दैनिक भास्कर कर लिया था. नीचे स्क्रीनशॉट में यूज़रनेम @ErDiwakarDas देखा जा सकता है.

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यानी, एक होर्डिंग की तस्वीर को मज़ाकिया तौर पर एडिट किया गया, जिसे लोगों ने सच मान लिया और शेयर करने लगे. दैनिक भास्कर ने ऐसी कोई होर्डिंग नहीं लगायी है. हालांकि, 2017 में भास्कर ने “न माया का जाल, न अखिलेश का क्लेश” नारे के साथ एक होर्डिंग लगायी गयी थी.


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