कांग्रेस के मीडिया पैनलिस्ट सुरेन्द्र राजपूत ने 18 जनवरी को BJP नेता का एक कथित पत्र शेयर करते हुए लिखा कि ये पार्टी भक्ति है. इस पत्र में दिल्ली BJP नेता राजेश भाटिया के हवाले से किसान आंदोलन को तितर-बितर करने और गणतंत्र दिवस पर होने वाली किसान रैली को रोकने की बात की गयी है. उन्होंने बाद में ये ट्वीट डिलीट कर लिया लेकिन इसका आर्काइव यहां देखा जा सकता है.

कांग्रेस नेता अल्का लाम्बा ने भी ये पत्र शेयर करते हुए सवाल किया कि किसान आंदोलन को हिंसा से कुचलने की साजिश भरे इस पत्र की सच्चाई क्या है?

कई यूज़र्स इस पत्र को शेयर करते हुए इसकी तुलना दिल्ली दंगों से पहले कपिल मिश्रा के भाषण से करते हुए लिख रहे हैं कि इस किसान आंदोलन को दबाने के लिए धमकी समझा जाए या कुछ और?

फ़ैक्ट-चेक

इस पत्र का रिवर्स इमेज सर्च करने पर सर्च रिज़ल्ट में कई ख़बरों के लिंक मिलते हैं जिसमें इसे फ़ेक बताया गया है. इसके अलावा हमें सितम्बर, 2018 की द ओसेन न्यूज़ पॉइंट की एक ख़बर मिली जिसमें अशोक गोयल को BJP दिल्ली के मीडिया विभाग के हेड बनाने की ख़बर है. और इसके साथ BJP दिल्ली का लेटर हेड का स्कैन कॉपी भी शामिल है जिसमें तत्कालीन महामंत्री और प्रदेश मुख्यालय प्रभारी राजेश भाटिया का हस्ताक्षर है. गौर से देखने पर पता चलता है कि वायरल हो रहे लेटर में राजेश भाटिया का हस्ताक्षर हुबहु इस लेटर से मेल खाता है. इसके अलावा हस्ताक्षर जहां किया गया है वहां लिखा है, (राजेश भाटिया) महामंत्री एवं प्रदेश मुख्यालय प्रमुख. ये दोनों ही लेटर में एक जैसा है. जबकि उनके ट्विटर बायो में उन्होंने खुद को BJP का पूर्व महामंत्री और प्रदेश मुख्यालय प्रभारी बताया है.

नीचे वायरल और एडिटेड दोनों लेटर में समानताओं को हाईलाइट किया गया है.

इसके अलावा गौर से देखने पर पता चलता है कि इस लेटर को ही एडिट किया गया है. अगर आप नीचे की तस्वीर को ज़ूम करके देखें तो ओरिज़नल लेटर में लिखे टेक्स्ट काफ़ी स्पष्ट दिखते हैं जबकि एडिटेड में वही धुंधला मालूम पड़ता है.

 

BJP दिल्ली नेता राजेश भाटिया ने ट्विटर पर वायरल हो रहे इस पत्र को फ़र्ज़ी बताते हुए लिखा कि कुछ देशद्रोहियों ने BJP के लेटर हेड पर उनका फ़र्ज़ी हस्ताक्षर कर किसानो के बारे में आपत्तिजनक भाषा लिखी है. उन्होंने इस बात की निंदा की और लिखा कि वो किसान भाई-बहनों के प्रति सम्मान रखते हैं.

 

उपरोक्त शिकायत में उन्होंने खुद को BJP का पूर्व महामंत्री और प्रदेश मुख्यालय प्रभारी बताया है. इससे जुड़ी अख़बार में छपी ख़बर को उन्होंने ट्वीट भी किया.

इस तरह, एक फ़र्ज़ी पत्र जिसमें किसान आंदोलन के विरोध में बातें लिखी गयी हैं, उसे BJP नेता राजेश भाटिया के नाम पर शेयर किया जा रहा है.

[अपडेट: इस आर्टिकल के फ़ैक्ट-चेक में 23 जनवरी को बदलाव किया गया है.]
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