पुलवामा आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में, सोशल मीडिया पर वायरल एक संदेश में दावा किया गया है कि प्रियंका गांधी पाकिस्तानी सेना प्रमुख क़मर जावेद बाजवा से दुबई में 7 फरवरी को मिलीं। यह संदेश इस कथन के साथ पूरा होता है — “गौरव प्रधान ने सचेत किया था।” एक फेसबुक ग्रुप, नरेंद्र दामोदर मोदी सपोर्टर में किए गए इस पोस्ट को 1100 से अधिक बार शेयर किया गया है।

फेसबुक और ट्विटर दोनों पर वायरल यह संदेश इस प्रकार है —“पप्पू की साइको बहन प्रियंका ने दुबई में पाक आर्मी चीफ बाजवा से 7 फ़रवरी को मुलाकात की थी। गौरव प्रधान ने सचेत किया था।”

संदर्भ “गौरव प्रधान”

ये संदेश, ट्विटर यूजर @DrGPradhan के 7 फरवरी के ट्वीट का संकेत देते हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि नियंत्रण रेखा के भारत की तरफ कुछ खुराफात करने की पाकिस्तान के रावलपिंडी में योजना बन रही थी। उन्होंने आगे बताया था कि यह साजिश “बोतल” और “नोमी” के बीच दुबई में गहरे सामंजस्य से हुई है।

प्रधान ने पूर्व में “नोमी” के संदर्भ दिए हैं, जिसके बारे में उनका दावा है कि वह पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस के प्रमुख का दाहिना हाथ है। “बोतल” शब्द प्रियंका गांधी के संदर्भ में हो सकता है, जैसा कि एक लेख में दावा किया गया था जिसे प्रधान ने खुद शेयर किया था।

प्रधान के दावे की प्रामाणिकता संदिग्ध है क्योंकि मीडिया में किसी नोमी का या उसके प्रियंका गांधी से जुड़ाव का कोई जिक्र नहीं है।

प्रियंका गांधी 7 फरवरी को दिल्ली में थीं

वायरल संदेश का दावा कि प्रियंका गांधी 7 फरवरी को दुबई में पाक सेना प्रमुख से मिलीं, तथ्यों की जांच में गलत साबित होता है। प्रियंका गाँधी 6 फरवरी को अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी की महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की पार्टी प्रभारी नियुक्त हुई थीं। इसके बाद 7 फरवरी को उन्होंने लोकसभा चुनावों की रणनीति पर चर्चा की अपनी पहली आधिकारिक बैठक में भाग लिया था। इस बैठक की सभी मुख्यधारा मीडिया चैनलों में ख़बरें आई थी।

पुलवामा हमले के बाद, जिसमें 40 जवान शहीद हुए, कांग्रेस को निशाना बनाने वाली नकली और भ्रामक सूचनाओं की बाढ़ आ गई है। ऑल्ट न्यूज़ ने पहले बताया था कि कैसे सोशल मीडिया में प्रियंका गांधी का एक क्लिप किया हुआ वीडियो वायरल करके झूठा दावा किया गया कि पुलवामा हमले के बाद कांग्रेस नेता हंस रही थीं।

 

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Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.