ट्विटर यूज़र पीयूष सिंह, जिसे रेल मंत्री पीयूष गोयल का कार्यालय फॉलो करता है, ने दो तस्वीरें ट्वीट कीं –पहली तस्वीर में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ पोस्टर लिए एक महिला दिख रही है और दूसरी तस्वीर में एक महिला ने हिज़ाब पहना है। पोस्टर पर लिखे सन्देश की शुरुआत ”मैं स्वाति हूं” से होती है। सिंह ने दावा किया कि दोनों महिलाएं एक ही हैं और लिखा- ”आज के दिन पर। स्वाति एक हिंदू। सामान्य दिन पर। सबिहा खान मुस्लिम’‘। (अनुवाद)

ऐसा ही समान दावा करने वाले एक अन्य उपयोगकर्ता हैं, @Being_Vinita, जो हाल ही में पुरानी तस्वीरों को CAA-विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा के रूप में प्रसारित करते हुए पाए गए थे। उन्होंने स्वाति की एक अन्य तस्वीर, जिसमें वह तबरेज़ अंसारी की मॉब लिंचिंग में हुई हत्या के विरोध प्रदर्शन में पोस्टर के साथ खड़ी है, पोस्ट की थी। तख्ती पर लिखा है, “मैं एक हिंदू हूं और मैं मुसलमानों से प्यार करती हूं…आपने हमारे तबरेज को मारा, हम सब तबरेज हैं।” (अनुवादित)

कई उपयोगकर्ताओं ने ऐसे ही दावे साझा किए हैं।

तथ्य-जांच: दोनों महिलाएं अलग हैं

ऑल्ट न्यूज़ ने इस दावे की पड़ताल तब की थी, जब तबरेज़ अंसारी की मॉब लिंचिंग द्वारा हत्या के बाद स्वाति की तस्वीरें वायरल हुईं थीं। वह दिल्ली की छात्रा हैं, जिन्होंने अपनी पहचान की पुष्टि के लिए अपना ड्राइविंग लाइसेंस ऑल्ट न्यूज़ से साझा किया था। उनके अनुरोध पर ऑल्ट न्यूज़ उनका पूरा नाम यहाँ नहीं शामिल कर रहा है।

हिज़ाब पहने महिला सबिहा खान हैं, जो हैदराबाद के राजनीतिक दल ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) की पूर्व नेता हैं। खान का एक फेसबुक पेज भी है, जिसके फॉलोअर्स की संख्या 2 लाख से अधिक हैं।

उल्लेखनीय है कि खान का नाम वायरल तस्वीर पर भी लिखा गया है।

स्वाति और सबिहा खान के चेहरे की विशेषताएं स्पष्ट रूप से अलग-अलग हैं।

यह भी उल्लेखनीय है कि सबीहा खान ने अंसारी की मॉब लिंचिंग में हुई हत्या के विरोध प्रदर्शन वाली स्वाति की तस्वीर पोस्ट की थी, जिसके कारण शायद उन दोनों के एक ही महिला होने का भ्रम शुरू हो गया।

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Posted by Sabiha Khan on Wednesday, June 26, 2019

ऑल्ट न्यूज़ ने खान से संपर्क किया, जिन्होंने कहा कि वह मुंबई की रहने वाली हैं और जहां तक उनकी जानकारी है, स्वाति दिल्ली की छात्रा है। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि वे मेरी तस्वीर का दुरुपयोग क्यों कर रहे हैं। यह पूरी तरह से फ़र्ज़ी है।”

इस प्रकार, एक मुस्लिम महिला की तस्वीर झूठे दावे से सोशल मीडिया में प्रसारित की गई कि CAA-विरोधी प्रदर्शन के दौरान वह हिंदू महिला के रूप में पेश हुई थी।

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.