कर्नाटक के शिवमोगा में 19 फ़रवरी को बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्षा नागराज की हत्या कर दी गई. घटना के बाद वहां की स्तिथि तनावपूर्ण थी. प्रशासन को धारा 144 लागू करनी पड़ी. अब एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि ये हर्षा का आखिरी स्टेटमेंट है. और उसने हिजाब के समर्थन में बातें की थी. साथ ही उसने BJP, RSS और बजरंग दल की विचारधारा के खिलाफ़ बात करते हुए सेंट्रल और स्टेट गवर्मेंट से सवाल पूछे थे. एक ट्विटर यूज़र ने ये वीडियो शेयर करते हुए ऐसा दावा किया.

वीडियो में कन्नड़ा में बात की जा रही है. इसका अनुवाद कुछ यूं है, “हम आप सबसे अपील करते हैं कि आप भी इस पर सवाल उठाएं. जब आप निडर होकर काम करेंगे तो सरकार सही रास्ते पर आएगी. आज जो हो रहा है वो सिर्फ हिजाब विवाद के रूप में दिखाई दे रहा है. लेकिन जो लोग स्कूल को मंदिर मानते हैं, वो ही आज स्कूलों और कॉलेजों पर पत्थर फेंक रहे हैं. ये कैसी संस्कृति है? हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं. हम इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिये बताना चाहते हैं कि जो लोग एक काम में शामिल हैं उनके खिलाफ़ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए और देश और संविधान के खिलाफ़ बात करने वाले सभी लोगों पर एनआईए जांच होनी चाहिए.”

व्हाट्सऐप पर ये वीडियो शेयर किया जा रहा है. ऑल्ट न्यूज़ को इसकी असलियत पता करने की कई रिक्वेस्ट मिलीं.

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फ़ैक्ट-चेक

असल में वीडियो में दिख रहे शख्स हर्षा नागराज नहीं बल्कि CFI यानी, कैम्पस फ्रंट ऑफ़ इंडिया के सदस्य सरफ़राज़ गंगावथी हैं. वीडियो 8 फ़रवरी का है और टीवी9 कन्नड़ चैनल ने CFI के इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को कवर किया था. वायरल वीडियो में टीवी9 का लोगो दिख रहा है. नीचे पूरा वीडियो देखा जा सकता है.

हमने मीडिया द्वारा इस्तेमाल की गई हर्षा नागराज की तस्वीर और वीडियो में दिख रहे शख्स सरफ़राज़ गंगावथी की तस्वीर एक साथ नीचे रखी है. साफ़ तौर पर अंतर देखा जा सकता है.

इसके अलावा हमने सरफ़राज़ से बात की. उन्होंने कहा कि पिछले 3 दिन से ये वीडियो शेयर किया जा रहा है. उन्होंने पुलिस को भी इस बारे में सूचित किया है. उन्होंने कहा कि कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद को लेकर CFI ने 8 फ़रवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी थी. उसी समय का ये वीडियो है. और सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा ग़लत है. वीडियो में हर्षा नहीं है.

CFI के मेम्बर्स की लिस्ट में भी सरफ़राज़ गंगावथी का नाम है. इसे नीचे पोस्टर में देखा जा सकता है.

यानी, सोशल मीडिया पर ये झूठा दावा किया जा रहा है कि बजरंग दल के हर्षा ने मरने से पहले सार्वजनिक तौर पर BJP और RSS के खिलाफ़ बात की थी.

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