सोशल मीडिया पर एक ग्राफ़िक वायरल है. ग्राफ़िक में रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु की तस्वीर है. और साथ में लिखा है, “यूक्रेन में जो भारतीय घर और गाड़ी पर तिरंगा लगा लेंगे, उनसे रूसी सैनिक कुछ नहीं कहेंगे। अलबत्ता उन्हें सुरक्षित स्थान पर स्वयं पहुंचाएगा रूस की सेना का खोजी दस्ता। Sergey Kuzhugetovich Shoigu – General of the Army of defence Russian Federation.|कुछ तो दम है हमारे चाय वाले में।”
ये ग्राफ़िक PM मोदी की तारीफ करते हुए शेयर की जा रही है.
ट्विटर यूज़र ‘सुनील बैरागी 𝙎𝙆 (डिजिटल योद्धा)’ ने ये ग्राफ़िक ट्वीट करते हुए लिखा, “ये दम है हमारे चाय वाले में”. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)
यूक्रेन में जो भारतीय घर और गाड़ी पर तिरंगा लगा लेगे , उनसे रूसी सैनिक कुछ नही कहेंगे।
अलबत्ता उन्हें सुरक्षित स्थान पर स्वयं पहुँचाऊँगा-: रूस की सेना का खोजी दस्ता..!!|| ये दम है हमारे चाय वाले में ||💪💪🔥#RussiaUkraineWar pic.twitter.com/txp6Br1tvr
— सुनील बैरागी 𝙎𝙆 (डिजिटल योद्धा) (@Sk_pandit2022) February 26, 2022
ट्विटर और फ़ेसबुक पर ये तस्वीर वायरल है.
ऑल्ट न्यूज़ के ऐप पर भी इस ग्राफ़िक की असलियत जानने के कुछ रीक्वेस्ट आयी हैं. व्हाट्सऐप पर भी ये ग्राफ़िक शेयर किया गया है.
फ़ैक्ट-चेक
ग्राफ़िक में शेयर किये गए दावे की जांच करने पर ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि ये दावा सरासर गलत है. रूस ने यूक्रेन में मौजूद भारतीय घर और गाड़ियों पर तिरंगा लगाने की सलाह नहीं दी. और न ही रूस ने ये कहा है कि भारतीय तिरंगा देख रूस की सेना का खोजी दस्ता भारतीयों को सुरक्षित जगह पहुंचाएगा. अगर रूस की सेना द्वारा ऐसा कोई भी बयान दिया जाता तो मीडिया में उसकी खबर ज़रूर होती. लेकिन इस दावे की पुष्टि करती कोई मीडिया रिपोर्ट ऑल्ट न्यूज़ को नहीं मिली.
लेकिन रीडर्स ध्यान दें कि भारत ने यूक्रेन में बसे भारतीयों को सुरक्षित बॉर्डर या जगह पर पहुंचते वक़्त भारत का तिरंगा या उसका स्टिकर लगाने की सलाह दी है. ताकि उनकी पहचान सुनिश्चित की जा सकें.
एबीपी लाइव की रिपोर्ट के मुताबिक, “युद्धग्रस्त यूक्रेन से भारतीयों को वापस लाने के लिए वैकल्पिक रास्ता अपनाया जा रहा है. इस बीच सूत्रों ने बताया कि यूक्रेन में मौजूद सभी भारतीयों से कहा गया है कि निकासी अभियान के लिए आवाजाही करते समय अपने वाहन पर भारतीय झंडा लगाएं और इंडिया लिखें ताकि उनकी पहचान सुनिश्चित हो सके. यह निर्देश खासतौर पर कॉन्फ्लिक्ट ज़ोन के लिए दिए गए हैं.” द टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने भी ये बात एक रिपोर्ट में बताई है.
रूस में मौजूद भारतीय दूतावास के ऑफ़िशियल ट्विटर अकाउंट से भी ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई है. और न ही यूक्रेन में मौजूद भारतीय दूतावास ने ऐसी कोई जानकारी शेयर की है.
यानी, रुस और यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध के दौरान सोशल मीडिया पर झूठी खबर चलाई गई कि रूस ने भारतीय घरों और गाड़ियों पर तिरंगा लगाने को कहा है. ताकि उन्हें रूस की सेना सही सलामत सुरक्षास्थल तक पहुंचा सके. रीडर्स ध्यान दें कि ये न सिर्फ एक अफवाह है बल्कि ये गुमराह करने वाली जानकारी भी है. तनाव के ऐसे माहौल में ये ग़लत जानकारी यूक्रेन में फंसे भारतीयों के लिए खतरा साबित हो सकती है.
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