सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियो के साथ यह दावा किया गया है कि कश्मीर घाटी के श्रीनगर में पिछले 40 वर्षो में पहली बार प्रभात फैरी का आयोजन किया गया। वीडियो में कुछ लोग, जिन्हें पुलिस ने सुरक्षा भी प्रदान की है, उन्हें ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ गाते हुए सुना जा सकता है। ट्विटर उपयोगकर्ता पुनीत शर्मा, जिनको प्रधानमंत्री मोदी समेत कई बड़े भाजपा नेता फॉलो करते हैं, उन्होंने इस वीडियो को 27 जून को एक संदेश – “श्रीनगर कश्मीर में 40 वर्षों में पहली बार प्रभात फेरी का आयोजन हुआ। सोचो ये कैसे मुमकिन हुआ…? मोदी है….. तो मुमकिन है। जय श्री राम” – के साथ साझा किया है।

इस वीडियो को व्यापक रूप से फेसबुक पर भी साझा किया गया है।

इसे व्हाट्सप्प पर गुजराती संदेश,“શ્રીનગર નીગલીઓ માં 40 વર્ષ બાદ પહેલી વાર પ્રભાત ફેરી નીકળી છે.આ..જ બદલતા ભારત ની તસ્વીર છે.(श्रीनगर में 40 वर्षो में पहली बार निकली प्रभात फेरी। यही बदलते भारत की तस्वीर है -अनुवाद) के साथ साझा किया जा रहा है।

तथ्य जांच

ऑल्ट न्यूज़ ने इस्कॉन, श्रीनगर से वीडियो के बारे में संपर्क किया। हमारी बात वीडियो में दिख रहे झांकी के ऊपर खड़े पुजारी, मोती लाल रैना से हुआ, जिन्हें भक्तों पर पवित्र जल छिड़कते हुए देखा जा सकता है।

ऑल्ट न्यूज़ से बातचीत में रैना ने कहा,“यह वीडियो प्रभात फेरी का नहीं है, जिसमें लोग सुबह घूमते है और भजन के गीत गाते है। इस वीडियो को इस साल रामनवमी के अवसर पर लिया गया था। हमने श्रीनगर में सब जगह झांकी को घुमाया था”। उन्होंने आगे बताते हुए कहा,“हम हर साल रामनवमी और जन्माष्टमी के उत्सव का आयोजन करने का प्रयत्न करते है। यह केवल कभी कभी होता है कि हमें इसकी अनुमति नहीं मिलती है। लेकिन यह बात गलत है कि इस तरह का आयोजन 40 सालों में पहली बार हुआ है। साल 2008 से इस तरह के उत्सव होते रहे हैं।”

इस साल राम नवमी अप्रैल महीनें में थी।

ऑल्ट न्यूज़ को 2013 का कश्मीर घाटी में रामनवमी के उत्सव का एक समाचार लेख मिला, जिससे पता चलता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने से पहले ही इसे मनाया जा रहा है।

सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल है, उसमें रामनवमी के उत्सव को दिखाया गया है, जिसका प्रभात फेरी से कोई लेनादेना नहीं है। यह श्रीनगर में कोई नई घटना नहीं है, पहले से इसे मनाया जाता है। रैना ने इसकी पुष्टि की है कि सुरक्षा के कारणों से प्रभात फेरी श्रीनगर में हमेशा संभव नहीं हो पता है, लेकिन जब भी उन्हें मौका मिलता है वे इसका आयोजन करते हैं। इसके विपरीत, उधमपुर जो जम्मू क्षेत्र के सबसे बड़े शहरों में से एक है, यहाँ इस्कॉन मंदिर द्वारा प्रतिदिन प्रभात फेरी निकाली जाती है।

इस साल श्रीनगर में रामनवमी समारोह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर दो झूठे दावों के साथ साझा किया गया है- पहले दावे में इसे प्रभात फेरी का बताया गया है और दूसरे दावे में इसे 40 वर्षो में पहली बार हुई घटना बताया गया है। हालांकि ऑल्ट न्यूज़ ने अपनी तथ्य जांच में दोनों दावों को गलत पाया।

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.