भ्रामक जानकारियां प्रकाशित करने वाली वेबसाइट पोस्टकार्ड न्यूज़ के संस्थापक महेश विक्रम हेगड़े ने 20 जनवरी को ट्वीट करते हुए लिखा, “कुछ दिनों पहले जिहादियों ने मंगलुरु शहर को जला दिया था, और अभी मंगलुरु अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर कुछ बमों के होने का पता चला है। जिहादियों को ज़्यादा शक्ति मिल रही है अगर पुलिस इसके पीछे के चेहरे का पता लगा सके तो राजनेता मुश्किल में आ जाएंगे! घृणित” (अनुवाद)
उनकी ट्वीट में मुस्लिम समुदाय पर मंगलुरु एयरपोर्ट में बम रखने के लिए आरोप लगाया गया है, जिसे डिलीट करने से पहले 2,500 बार लाइक और 1,000 से ज़्यादा बार रिट्वीट किया गया है। उनके ट्वीट का आर्काइव संकरण आप यहां पर देख सकते हैं।
प्रथीश विश्वनाथ नामक उपयोगकर्ता, जिन्हें दिल्ली के भाजपा प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा फॉलो करते हैं, ने भी उसी दिन ट्वीट करते हुए समान दावा किया, “जिहादी घुस कर हमला करने की फ़िराक में है।” (अनुवाद) उनके पूरे ट्वीट के अनुसार, “मंगलुरु एयरपोर्ट में एक पड़े हुए बैग से बम बरामद किया गया। जिहादी घुस कर हमला करने की फ़िराक में हैं। सभी सावधान रहें। आसपास की किसी भी संदेहपूर्ण चीज़ों के बारे में सम्बंधित अधिकारी को सूचना दें। किसी भी संदेहपूर्ण चीज़ के बारे में सूचित करें। जिहादी के बारे में सावधान रहें।” (अनुवाद)
विश्वनाथ विश्व हिन्दू परिषद् (VHP) के नेता और सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के खिलाफ हड़ताल का नेतृत्व करने वाले व्यक्ति हैं।
तथ्य जांच
गूगल पर की-वर्ड्स सर्च करने से हमें 22 जनवरी के एक अख़बार की रिपोर्ट मिली, जिसके अनुसार संदिग्ध व्यक्ति का नाम आदित्य राव है। इससे पहले कि पुलिस उन्हें मंगलुरु एयरपोर्ट में विस्फोटक उपकरण (IED) रखने के कारण गिरफ्तार करती, उन्होंने आत्म-समर्पण कर दिया। पुलिस ने 20 जनवरी को विस्फोटक बरामद किये थे, राव ने उसके दो दिन बाद आत्म-समर्पण कर दिया था।
द हिन्दू के मुताबिक, “सिटी पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या आदित्य राव ने 20 जनवरी को मंगलुरु एयरपोर्ट में विस्फोटक रखा था। ऐसा उन्होंने “किसी प्रतिशोध” लेने की मंशा से किया था या किसी अन्य व्यक्ति के कहने पर यह कार्य किया था।” -(अनुवाद)
टाइम्स ऑफ़ इंडिया के लेख के अनुसार, “पिछले साल, उन्होंने (राव) ने बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बम विस्फोट रखने के कई झूठे दावे किये थे, जिसके कारण पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था।” (अनुवाद)
पुलिस द्वारा इस मामले में चल रही जांच में असली नाम तक पहुंचने से पहले ही महेश विक्रम हेगड़े और विश्वनाथ ने इसके लिए मुस्लिम समुदाय को ज़िम्मेदार बताया। हेगड़े ने अपनी ट्वीट को दो दिन बाद रिपोर्ट में संदिग्ध का नाम आदित्य राव आने के बाद अपना ट्वीट डिलीट कर दिया था।
पहले भी, एक आरएसएस कार्यकर्ता की तस्वीर को आदित्य राव बताते हुए साझा किया था।
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