व्हाट्सऐप जैसे मेसेजिंग ऐप्स पर एक ग्राफ़िक सर्कुलेट हो रहा है. इसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के हवाले से दावा किया गया है कि एक भी शाकाहारी ‘कोरोना वायरस से प्रभावित’ नहीं हुआ है. साथ में ये भी कहा जा रहा है वायरस को शरीर में ज़िंदा रहने के लिए एनिमल प्रोटीन की दरकार होती है. इस ग्राफ़िक में चीन में WHO के प्रतिनिधि गॉडेन गेलिया का एक बयान भी शामिल किया गया है. बयान में लिखा है, “जब तक इंसान मांस खाते रहेंगे, तब तक किसी-न-किसी संक्रमण का खतरा बना रहेगा.”

इसमें आगे लिखा है कि एक भी शाकाहारी व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हुआ है. ये दावा ट्विटर और फ़ेसबुक पर मार्च के महीने में भी वायरल हो रहा था. इसमें लिखा था, “विश्व का एक भी शाकाहारी व्यक्ति कोरोना से ग्रस्त नहीं पाया”.

इस ग्राफ़िक को कई लोगों ने ट्विटर पर भी शेयर किया. इसके अलावा, ऑल्ट न्यूज़ के ऑफ़िशियल एंड्रॉयड ऐप पर भी इस दावे की पुष्टि के लिए कई रिक्वेस्ट्स मिलीं है.

फ़ैक्ट-चेक

ज़रूरी कीवर्ड्स के साथ गूगल सर्च करने पर हमें ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें ‘एक भी शाकाहारी व्यक्ति कोरोना से संक्रमित नहीं हुआ’ वाले बयान को WHO से जोड़कर दिखाया गया हो.

ऑल्ट न्यूज़ के ईमेल के जवाब में, इंडिया ऑफ़िस में कार्यरत एक अधिकारी ने कहा, “WHO ने ऐसा कोई बयान जारी नहीं किया है, जिसमें किसी खास आहार को बहुत बेहतर या ख़राब बताया गया हो.” इसलिए, ये दावा झूठा है.

अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी AFP से बात करते हुए, भारत में WHO की प्रतिनिधि सुप्रिया बेज़बरुआ ने इस दावे को बकवास बताया जिसमें WHO की कथित रिपोर्ट के हवाले से किसी शाकाहारी व्यक्ति को कोरोना वायरस का संक्रमण न होने की बात कही गई थी.

वायरल ग्राफ़िक में किए जा रहे दावे के उलट, हमें WHO की वेबसाइट पर पोषण से जुड़ी एक सलाह मिली जिसमें कोरोना महामारी के दौरान व्यस्कों को लाल और श्वेत मांस का सेवन करने की सलाह दी गई है.

गॉडेन गेलिया का बयान

चीन में WHO के प्रतिनिधि गॉडेन गेलिया का जो बयान ग्राफ़िक में लिखा है वो सही है. लेकिन इसे अलग संदर्भ में लिया गया है. उन्होंने कहा था, “जानवरों के साथ हमारे इंटरफ़ेस से, संक्रमण फैलाव का खतरा होगा और जब तक लोग मांस खाते रहेंगे, किसी-न-किसी तरह के संक्रमण का खतरा बना रहने वाला है”.

नीचे सीएनएन की एक वीडियो रिपोर्ट लगी है. इसमें 3:40 मिनट के मार्क पर, आप गेलिया का बयान सुन सकते हैं जिसमें वो मांस का सेवन बंद करने को लेकर कोई बात नहीं कहते हैं.

इसलिए, ये दावा कि एक भी शाकाहारी व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हुआ है, इस कथित रिपोर्ट को ग़लत तरीके से WHO से जोड़ा गया. फ़िर से जान लीजिए कि वैश्विक स्वास्थ्य संगठन ने इस ग्राफिक को बकवास बताते हुए कहा है कि उनकी तरफ़ से ऐसा कोई बयान जारी नहीं किया गया है. WHO ने ये भी कहा कि वो किसी खास खाने को बेहतर या ख़राब बताने वाला कोई बयान जारी नहीं किया है. कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप शुरू होने के बाद से, मांस के सेवन के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार चरम पर है. इससे पहले, ICMR और स्वास्थ्य मंत्रालय के नाम से भी ऐसे ही वायरल मेसेज वायरल हो रहे थे.

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About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.