भारतीय सेना की वर्दी में दिख रहे एक शख्स का वीडियो वायरल हो रहा है.ये ख़ुद को सिख अफ़सर बता रहा है. इस वीडियो को किसानों के आन्दोलन की पृष्ठभूमि में ख़ूब शेयर किया जा रहा है. इस वीडियो के साथ जो मेसेज शेयर हो रहा है, वो ये है – “भारतीय थल सेना की 21 सिख रेजिमेंट ने भारत की तरफ़ से लड़ने से मना कर दिया है. एक सिख जवान सिखों के वतन खालिस्तान की तरफ़ से लड़ने की कसम खा रहा है.” इस वीडियो को पाकिस्तानी ट्विटर हैंडल @TeamPZBofficial ने ट्वीट किया.

यही वीडियो फ़ेसबुक पर भी शेयर हो रहा है. खालिस्तान से जुड़ाऐसा ही एक मेसेज, बगैर इस वीडियो के, शेयर किया जा रहा है.

इस वीडियो का एक लम्बा वर्ज़न बीते साल भी वायरल हुआ था.

इस शख्स को पंजाबी में उस घटना की निंदा करते हुए सुना जा सकता है जहां एक ऑटो ड्राइवर को दिल्ली पुलिस ने पीटा था. उसने इस घटना को शर्मनाक कहा और दावा किया कि सिख भारत में सुरक्षित महसूस नहीं करते. उसने कहा, “ऐसी हिंसा के चलते ही हमें खालिस्तान की मांग उठानी पड़ती है.”

इस वीडियो के साथ गुरुमुखी में ये कैप्शन शेयर किया जा रहा था – ਪੁਲਿਸ ਸਿੱਖਾਂ ਨੂੰ ਵਾਰ ਵਾਰ ਨਿਸ਼ਾਨਾ ਬਣਾਉਣ ਤੋਂ ਗੁਰੇਜ ਕਰੇ ਇਹ ਚੰਗਾ ਨਹੀ ਹੋਵੇਗਾ” इसका अर्थ है – पुलिस को बार-बार सिखों को निशाना बनाने से बचना चाहिए. ये उनके लिए ठीक नहीं होगा.

इस वीडियो में ये शख्स ख़ुद को भारतीय सेना का जवान सतवीर सिंह बताता है जो कि उत्तर प्रदेश का रहने वाला है. वो 2 दिन पहले दिल्ली पुलिस के हाथों पिटने वाले सिख ऑटो ड्राइवर के वीडियो की बात करता है और कहता है कि पुलिस ने उसकी (सिखों की) धार्मिक भावनाओं के साथ खेला है. वो इस घटना को शर्मनाक बताता है और कहता है कि देश के लिए लड़ने वाले सिखों को राजधानी में पीटा जा रहा है. यहीं पर वो सिखों के देश में सुरक्षित न होने की बात कहता है और खालिस्तान के रूप में एक अलग देश की मांग करता है.

पुलिस को चुनौती देते हुए वो 2 नंबर भी बताता है – 731******* और 941*******. ट्रूकॉलर के मुताबिक़ दूसरा नंबर ‘फ़ौजी टीवी’ (Fozi TV) का है. हमने Fozi TV को गूगल पर सर्च किया तो ऑनलाइन वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म के कई लिंक मिले. जब हमने इस नंबर पर कॉल किया तो ये नंबर बंद मिला.

संयोगवश, पहला नंबर ट्रूकॉलर पर ‘Satvir’ नाम से मिला. वीडियो में भी इस शख्स ने ख़ुद को सतवीर ही बताया था. इस नंबर पर बात करने पर हमारी जिस शख्स से बात हुई, उसने बताया कि वो इस वीडियो के बारे में कुछ भी नहीं जानता था. उसने कहा, “मुझे इस वीडियो के बारे में आज 5-7 फ़ोन आ चुके हैं.” हम ये वीडियो उन्हें फ़ॉरवर्ड करने लगे और इसी वजह से हमारी उनसे बातचीत रुक गयी. इसके बाद हमारी किसी भी कॉल न इन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. इस वजह से ऑल्ट न्यूज़ इस बात की पुष्टि करने में असफ़ल रहा कि जिससे हमारी बात हो रही थी वही शख्स इस वीडियो में है या नहीं.

भारतीय सेना ने इस वीडियो को ‘फ़ेक’ बताया है

2019 में ADG PI ने ट्वीट कर के बताया था कि वीडियो में दिख रहा व्यक्ति सेना से जुड़ा नहीं है. ट्वीट में लिखा था – “भारतीय सेना की कॉम्बैट यूनिफ़ॉर्म पहने ये ढोंगी ग़लत जानकारी फैला रहा है. #IndianArmy के जवान संविधान की मूलभूत भावना और साहस, पराक्रम और बलिदान का मान रखते हैं.”

यानी, हम इस बात को मजबूती के साथ कह सकते हैं कि कई पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूज़र्स एक फ़र्ज़ी सिख आर्मी अफ़सर का वीडियो शेयर करते हुए उसे किसान आन्दोलन से जोड़ रहे हैं. इसके अलावा, ऐसी कोई भी मीडिया रिपोर्ट भी सामने नहीं आई है जिसमें ये बताया गया हो कि सिख रेजिमेंट ने भारतीय आर्मी के साथ होने से मना कर दिया है. असल में ये मेसेज पाकिस्तानी मीडिया और सोशल मीडिया मार्च 2019 से फैला रही है और साथ में रिपब्लिक टीवी की फ़र्ज़ी ग्राफ़िक प्लेट का भी इस्तेमाल कर रही है.


किसान आंदोलन से जुड़ी ग़लत जानकारियों के फ़ैक्ट-चेक्स:

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Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.