गुजरात युवा कांग्रेस ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का झंडा पकड़े विभिन्न पांच धर्मों के धर्मगुरुओं की एक तस्वीर इस संदेश के साथ ट्वीट की, “कांग्रेस ही देश को जोड़े रख सकती है हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई सबके साथ कांग्रेस का हाथ |” इससे यह जताने का प्रयास किया गया था कि केवल कांग्रेस ही विभिन्न धार्मिक पहचान के लोगों को परस्पर एकजुट कर सकती है।
यह तस्वीर गुजरात युवा कांग्रेस के आधिकारिक फेसबुक पेज पर भी पोस्ट की गई थी।
फेसबुक पेज, 60 years of Congress ने भी 5 अप्रैल को यह तस्वीर इसी संदेश के साथ पोस्ट किया था।
फोटोशॉप तस्वीर
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि कांग्रेस का झंडा पकड़े धर्मगुरुओं की तस्वीर फोटोशॉप की हुई है। असली तस्वीर में, ये धार्मिक नेता भारतीय राष्ट्रीय ध्वज पकड़े थे, कांग्रेस का झंडा नहीं। इस तस्वीर को 2016 में अमृतसर के वाघा बॉर्डर पर खींचा किया गया था, जहाँ स्वामी दीपांकर, आचार्य लोकेश मुनि, सुशील गोस्वामी, डॉ. इमाम इलियासी और परमजीत सिंह चंडोक सहित कई अन्य संतों ने भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के साथ वाघा सीमा पर मार्च किया था।
‘Walk of Peace’ A Historical, Mesmerising, Heart Touching March of Interfaith saints on #WagahBorder #amritsar pic.twitter.com/3YIGPGboMu
— Swami Dipankar (@swamidipankar) June 18, 2016
पूर्व में यह तस्वीर समाजवादी पार्टी के झंडे के साथ फोटोशॉप की गई थी। स्वामी दीपांकर ने ट्विटर पर इसकी निंदा की थी।
वाघा बॉर्डर पर हम धर्मगुरु हाथों में राष्ट्रीय ध्वज लिए चले थे।@yadavakhilesh भैया आपके किसी नेता ने Photoshop से हमारे हाथों में तिरंगे को आपकी पार्टी का झंडा बना दिया।ये दुखद है गिरते राजनैतिक स्तर के लिए और असहनीय है मेरी पार्टी निरपेक्ष छवि के लिए तुरंत कार्यवाही करें pic.twitter.com/veklc03k79
— Swami Dipankar (@swamidipankar) November 11, 2018
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