यह जानने के बाद सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया कि प्रधानमंत्री मोदी उस व्यक्ति को फॉलो करते हैं जिसने दिवंगत पत्रकार, गौरी लंकेश को ‘एक कुतिया जो कुत्ते की मौत मरी’ कहा था। क्या प्रधानमंत्री का ट्विटर हैंडल गंदी गालियाँ देने वाले किसी ट्रोल को फॉलो कर रहा है? ट्विटर पर काफी दिनों से सक्रिय लोगों को मालूम होगा कि यह पहला मौका नहीं है जब यह मुद्दा उठाया जा रहा है। यह नाराजगी कुछ महीनों के बाद बार-बार सामने आती है लेकिन फिर भी श्रीमान मोदी नियमित रूप से गाली-गलौज करने वाले और अफवाह फैलाने वाले लोगों को फॉलो करना बदस्तूर जारी रखे हुए हैं।
आज की तारीख में श्री मोदी जी के 3 करोड़ 38 लाख फॉलोअर हैं और वह सिर्फ 1779 लोगों को फॉलो करते हैं। जिन लोगों को वह फॉलो करते हैं उनमें से कई सरकारी हैंडल, मंत्री, राज्यों के प्रमुख, वरिष्ठ पत्रकार और ऐसे अन्य प्रोफाइल हैं जिन्हें फॉलो करने की उम्मीद आप किसी देश के प्रधानमंत्री से करते हैं। हालांकि, इन 1779 लोगों में से कुछ मुट्ठीभर प्रोफाइल ऐसे भी हैं जिन्हें देखकर आप अपना सिर पीट लेंगे। नियमित रूप से गंदी गालियाँ देने वाले लोग, अफवाह को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने वाले लोग, महिलाओं से गहरी नफरत रखने वाले लोग, साप्रंदायिक जहर उगलने वाले प्रोफाइल… आपको ये सभी इस सूची में मिल जाएंगे।
आइए उन लोगों के कुछ ट्विट पर नजर डालें जिन्हें हमारे देश के प्रधानमंत्री ने फॉलो करने के लिए बेहद सतर्कता के साथ चुना है। कृपया थोड़ा धैर्य बनाए रखें क्योंकि यह सूची लंबी है। यह ‘हॉल ऑफ शेम‘ है।
महिलाओं पर किए गए लैंगिक पूर्वाग्रह वाले ट्विट / अपशब्द
उन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए जो ”गर्व करने वाले” राष्ट्रवादी ”संस्कार” और महान परंपराओं के बारे में कह सकते हैं, जब हमने प्रधानमंत्री द्वारा फॉलो किए जाने वाले हैंडलों की समीक्षा की तो पाया कि इन सभी की एक खास पहचान यह है कि इनमें महिलाओं पर लैंगिक पूर्वाग्रह के साथ ट्विट किए जाते हैं। ये हमले अक्सर व्यक्तिगत होते हैं और इनके निशाने पर अक्सर वे महिला पत्रकार होती हैं जो सरकार की आलोचक हैं जैसे बरखा दत्त, राणा अयूब और सागरिका घोष।
इसके कुछ उदाहरण हैं:
ये समीर वेरियर नामक उस व्यक्ति के कुछ भद्दे जोक्स हैं जिन्हें मोदी जी फॉलो करते हैं।
यह गाली-गलौज अक्सर बिना किसी उकसावे के किया जाता है। इस मामले में, यह ट्विट लैंगिक पूर्वाग्रह वाला नहीं है लेकिन यह सज्जन जिन्हें मोदी जी फॉलो करते हैं, राणा अयूब को एक आतंकवादी और आत्मघाती हमलावर कहने से पहले एक बार भी नहीं सोचते जबकि राणा अयूब ने बताया था कि उनकी फ्लाइट लेट हो रही है।
मोदी जी द्वारा फॉलो किए जाने वाले महावीर ने पत्रकार नेहा दीक्षित और उनके पति नकुल साहनी की यह फोटो पोस्ट करते हुए पूछा है कि क्या पेमेंट ”नकद किया गया या किसी चीज के बदले”।
सोनिया गांधी भी अक्सर महिलाओं के खिलाफ नफरत से भरे इन ट्विट के निशाने पर रहती हैं।
यह 2014 से पहले का आलोक भट नाम के आदमी का एक पुराना ट्विट है जिसे मोदी जी ने फॉलो करने के लिए चुना है।
गंदी गालियों वाले ट्वीटस
भूतपूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, फ्लैग कोड का पालन कर रहे थे जब उन्हें राहुल कौशिक ने ”बेवकूफ” और ”कमीना” कहा।
इस ट्विट में बीजेपी आईटी सेल का निकुंज साहू अरविंद केजरीवाल को गाली दे रहे है।
यह ऐसे ट्विटर हैंडल का एक और नमूना है जो नरेंद्र मोदी द्वारा फॉलो किए जाने की वजह से खुद को कृतज्ञ महसूस करता है
इस गाली-गलौज के निशाने पर केवल विरोधी पार्टियों के राजनेता ही नहीं बल्कि दूसरे ट्विटर यूजर्स भी आते हैं। इसके कुछ उदाहरण ये रहेः
जब गाली-गलौज की वजह से ट्विटर द्वारा महावीर का अकाउंट डिएक्टिवेट किया गया तो बीजेपी के गिरीराज सिंह उसका अकाउंट रिएक्टिवेट कराने के लिए उसके साथ खड़े नजर आए।
अफवाह फैलाने वाले और सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने वाले ट्विट
अपने आपको बीजेपी का युवा नेता बताने वाले और बीजेपी के एक नेता का रिश्तेदार होने का दावा करने वाले अमितेश सिंह को भी मोदी जी फॉलो करते हैं। उसने इंटरनेट पर फैलाई जा रही अफवाह के जवाब में ”3000 मुसलमानों को मारने” की बात ट्विट की। इसके बाद उसकी गिरफ्तारी हुई और बीजेपी ने पल्ला झाड़ लिया कि यह आदमी बीजेपी से कभी जुड़ा नहीं रहा। अगर वह बीजेपी से जुड़ा हुआ नहीं था तो मोदी जी 19 साल के इस लड़के को फॉलो क्यों कर रहे थे? इस सवाल का जवाब हमें कभी नहीं मिला।
वह अफवाह जिसकी वजह से अमितेश ने यह धमकी ट्विट की, एक ऐसे हैंडल से फैलाई जानी शुरू हुई थी जिसे मोदी जी फॉलो करते हैं। इस हैंडल को ट्विटर द्वारा बंद कर दिया गया है।
मुसलमानों की भीड़ द्वारा डॉक्टर को घेरकर मारने की अफवाह किसने फैलाई? जाहिर तौर पर मोदी जी द्वारा फॉलो किए जा रहे हैंडलों ने। नीचे तस्वीर में हरेक ट्विट ऐसे लोगों ने किया है जिन्हें मोदी जी फॉलो करते हैं।
चैन्नई में स्वाति की हत्या की अफवाह रामकी द्वारा फैलाई गई। बाद में उसके दावे झूठे साबित हुए लेकिन उसने अपनी बात न तो वापिस ली और न खेद जताया।
मोदी जी द्वारा फॉलो किए जाने वाले इस हैंडल में मुसलमान व्यवसायों के बायकाट करने का आह्वान किया गया है।
इस मामले में ऋतु राठौड़ द्वारा फैलाये जाने वाली साप्रंदायिक अफवाह को झूठा साबित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को ट्विट करना पड़ा था, इन महोदया ऋतु राठौड़ का प्रोफाइल भी मोदी जी फॉलो करते हैं। पुलिस ने उसके खिलाफ ”सोशल मीडिया पर सनसनीखेज और विवादास्पद पोस्ट डालकर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास करने” के लिए केस दायर किया है।
फेक न्यूज फैलाने के लिए मृत व्यक्तियों की अंतिम क्रिया को भी छोड़ा नहीं गया। किरन कुमार पूछ रहे हैं कि संसद सदस्य ई अहमद की अंतिम क्रिया के समय राष्ट्रीय झंडा क्यों नहीं है। टीवी फुटेज का एक स्क्रीनशॉट स्क्रीनशॉट बताता है।
ऋषि बागड़ी द्वारा फैलाई गई अफवाह का एक और उदाहरण
इस मामले में यूएई स्थित व्यवसाय को बदनाम करने का प्रयास महेश विक्रम हेगड़े के नेतृत्व में किया गया, जो उन कुछ चुनिंदा लोगों में से एक हैं जिन्हें प्रधानमंत्री फॉलो करते हैं। कंपनी ने पुलिस केस दायर किया और पाया गया कि तस्वीर को फोटोशॉप करके बदला गया था। हेगड़े पोस्टकार्ड न्यूज के संस्थापक हैं, यह वेबसाइट फेक न्यूज फैलाने के लिए नियमित रूप से अथक परिश्रम कर रही है।
मीना दास नारायण ने कोल्लम मंदिर में आग लगने की घटना के बाद ‘हिंदुओं पर हमले‘ का अलार्म बजा दिया। वह इसके बारे में ”पक्के तौर पर जानती हैं”। दरअसल यह आग पाइरोटेक्नीक डिस्प्ले की वजह से लगी थी जिसे बैन करने के बावजूद इस्तेमाल किया गया।
तो सवाल यह उठता है कि आखिर भारत के प्रधानमंत्री ऐसे लोगों को फॉलो क्यों करते हैं? क्या यह मुमकिन है कि उनकी सोशल मीडिया टीम इसके लिए जिम्मेदार हो और मोदी जी वाकई इस बात से अंजान हों कि उनके ट्विटर हैंडल द्वारा ऐसे प्रोफाइलों को फॉलो किया जाता है? एक आरटीआई के जवाब में, प्रधानमंत्री कार्यालय ने पुष्टि की, ”प्रधानमंत्री मोदी अपने व्यक्तिगत ट्विटर और फेसबुक अकाउंट पर स्वयं ट्विट करते हैं और कॉन्टेंट पोस्ट करते हैं।” मोदी जी सोशल मीडिया के अच्छे जानकार हैं और हमें प्रधानमंत्री कार्यालय के इस जवाब पर रत्तीभर भी संदेह करने की कोई वजह नजर नहीं आती (:-P)।
इसका एक और अन्य कारण यह हो सकता है कि ये सभी समान विचार रखने वाले ऐसे लोग हैं जो उनके मुख्य समर्थक समूह का हिस्सा हैं। मोदी जी विशेष रूप से आयोजित आयोजनों में इनमें से कई लोगों से व्यक्तिगत रूप से मिल चुके हैं। ये सभी लोग गर्व के साथ मोदी जी के साथ ली गई अपनी सेल्फी दिखाते हैं और बताते हैं ”नरेंद्र मोदी द्वारा फॉलो किए जाने पर उन्हें गर्व है”। इस वजह से भी मोदी जी के लिए उन्हें अनफॉलो करना बहुत मुश्किल लगता है। गौरी लंकेश की हत्या पर जश्न मनाने वाले ट्विट की निंदा करने वाले रविशंकर प्रसाद के ट्विट ने उनमें से कई लोगों को नाराज कर दिया। अगर प्रधानमंत्री मोदी को इनमें से किसी भी व्यक्ति को अनफॉलो करना पड़े तो उस तीखी प्रतिक्रिया की जरा कल्पना करें जो मोदी जी को अपने अपने समर्थकों से झेलनी पड़ सकती है। ये लोग पहले से ही उस आदमी के समर्थन में हैशटैग #IStandwithNikhil चला रहे हैं जिसने गौरी लंकेश को ‘कुतिया‘ कहा।
Bowed down to media, secular and liberal bullies? We work for you tirelessly, selflessly. This is the reward? https://t.co/tlc03FBM5j
— Rita (@RitaG74) September 6, 2017
//platform.twitter.com/widgets.js
ऐसा नहीं कि मोदी जी ने उनमें से किसी व्यक्ति को कभी अनफॉलो नहीं किया। 2014 में भारी नाराजगी झेलने के बाद, उन्होंने एक ट्विटर हैंडल को अनफॉलो किया था जिसने गुल पनाग की फोटो से छेड़छाड़ करके उसे ट्विट किया था।
अभी हाल ही में उन्होंने ज्वाला गुरुनाथ को अनफॉलो किया जब ज्वाला की दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता तेजिंदर बग्गा के साथ नोंकझोंक हो गई।
Welcome to @narendramodi s #NewIndia .I get unfollowed by PM instead of getting justice.He makes molester spokie n unfollows victim
— Dr Jwala Gurunath (@DrJwalaG) March 26, 2017
उनके कई समर्थक पूछते हैं कि ”नरेंद्र मोदी उन लोगों के ट्विट के लिए जिम्मेदार कैसे हो सकते हैं जिन्हें वे फॉलो करते हैं?” हममें से कोई भी व्यक्ति हमारे फॉलोअर के ट्विट के लिए जिम्मेदार नहीं है। लेकिन जरा सोचिए, वे हमारे देश के प्रधानमंत्री हैं और उन्होंने फॉलो करने के लिए इस चुनिंदा समूह को बेहद सावधानी के साथ चुना है। सच्चाई यह भी है कि यह मुद्दा कई बार उठ चुका है, हजारों लोगों ने सोशल मीडिया पर यह मुद्दा उठाया है और कोई वजह नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी इस मुद्दे के बारे में न जानते हों।
उनके समर्थक पूछते हैं कि ”आप कौन हैं यह पूछने वाले कि प्रधानमंत्री किसे फॉलो करें?” बेशक, यह उनकी अपनी पसंद का मामला है। वह अपनी मर्जी से किसी भी व्यक्ति को फॉलो करने के लिए स्वतंत्र हैं चाहे वे नियमित रूप से अश्लील और लैंगिक पूर्वाग्रह वाले ट्विट करने वाले लोग हों या अफवाह फैलाने और दंगा भड़काने के में माहिर लोग हों। इन सबमें वह इंसान भी शामिल है जिसने गौरी लंकेश की हत्या को ”एक कुतिया जो कुत्ते की मौत मरी” बताया था। और दुनिया को यह जानना चाहिए कि यह इंसान मोदी जी की पसंद है।
ट्विटर पर @TruthofGujarat, @kapsology और @samjawed65 के संग्रह से लिये गये स्क्रीनशॉट
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