8 अक्टूबर, 2019 को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में तीन लोगों — बंधु प्रकाश पाल, उनकी गर्भवती पत्नी और 8-वर्षीय बेटे — के परिवार को चाकू से गोद कर मार डाला गया। इस अपराध के लिए एक राजमिस्त्री उत्पल बेहरा को गिरफ्तार किया गया है। बेहरा ने पीड़ितों के घर में चाकू के साथ प्रवेश किया था। पुलिस ने इन हत्याओं के पीछे का मकसद “पैसों का विवाद” बताया है। लेकिन, गिरफ्तारी होने तक पिछले सप्ताह भ्रामक सूचनाओं से यह केस जुड़ा रहा है। इस अपराध के साथ सांप्रदायिक और राजनीतिक रंग जोड़ने के कई प्रयास किए गए।
भाजपा ने किया हत्या का राजनीतिकरण
स्थानीय खबरों में प्राथमिक जांच के विवरण दिए गए जिनमें पुलिस, इन हत्याओं के पीछे संभावित मकसद के रूप में व्यक्तिगत दुश्मनी की बात कह रही थी। आनंदबाजार पत्रिका के अनुसार, 8 अक्टूबर की रात लगभग 12 बजे इस परिवार की किसी अज्ञात व्यक्ति ने हत्या की, जिसने पीड़ितों के घर में चाकू के साथ प्रवेश किया था। पुलिस को शुरू में संदेह था कि संपत्ति के विवाद को लेकर हत्याएं की गई है। उनके लिए यह अपराध “बदले की भावना से किया गया कार्य” जैसा लग रहा था।
द इंडियन एक्सप्रेस की एक बंगाली रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि पुलिस ने इस जघन्य अपराध के पीछे (इस परिवार के) किसी परिचित व्यक्ति का हाथ होने की संभावना बताई है।
दो दिन से भी कम समय के बाद, भाजपा ने इसमें एक राजनीतिक दृष्टिकोण शामिल किया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला करते हुए, भाजपा विधायक बाबुल सुप्रियो ने ट्वीट किया, “आपके लिए ‘माँ, माटी,मानुष’ कोई मायने रखते भी है क्या?।”
बंगाल किस तरफ बढ़ रहा है?? #MamataBanerjee आपके लिए ‘माँ, माटी,मानुष’ कोई मायने रखते भी है क्या? क्या यही बंगाल चाहिए था हमें? जहां हम दुर्गा और काली माँ की उपासना करते है और दूसरी तरफ एक माँ को उसके बच्चे समेत मौत के घाट उतार दिया जाता है।#WestBengalhttps://t.co/ksnGHMbIrQ
— Babul Supriyo (@SuPriyoBabul) October 10, 2019
भाजपा में नए शामिल हुए सदस्य और सांसद गौतम गंभीर ने बताया कि वह परिवार आरएसएस से जुड़ा हुआ था। इस पूर्व क्रिकेटर ने लिखा, “आशा है कि आरएसएस से वह जुड़ाव @MamataOfficial को कार्रवाई करने से नहीं रोकेगी।”-अनुवाद।
An entire family incl an 8 year old boy killed in the most inhuman & barbaric way. Law&order in Bengal has deteriorated so much that massacres are now being carried out with absolute impunity.Hope that assoc with RSS does not deter @MamataOfficial from taking action #Murshidabad
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) October 11, 2019
पश्चिम बंगाल के एक अन्य भाजपा सांसद अर्जुन सिंह ने सीधे टीएमसी को ‘आरएसएस’ कार्यकर्ता की हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया था।
इस बार #tmc गुंडों ने बंधुप्रकाश,उनकी गर्भवती पत्नी और बेटे की हत्या कर दी।उनका गुनाह – आरएसएस कार्यकर्ता होना।जय श्री राम का नारा सुनकर गाड़ी से उतर चिल्लाने और धमकी देने वाली मुख्यमंत्री @MamataOfficial क्यों खामोश हैं इस पर?बंगाल तालिबानी शासन की तरफ बढ़ रहा है।#bengal pic.twitter.com/xei085rCiE
— Arjun Singh (@ArjunsinghWB) October 10, 2019
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी ममता बनर्जी सरकार पर हमला बोला।
इससे ज्यादा जघन्यता क्या होगी?
मुर्शिदाबाद (प.बंगाल) में #RSS के कार्यकर्ता श्री प्रकाश पॉल, उनकी गर्भवती पत्नी और 8 साल के बच्चे की नृशंस हत्या कर दी गई! जहाँ आम आदमी की जान सुरक्षित न हो, उस राज्य की कानून व्यवस्था को अच्छा कैसे माना जाए?
ये क्या हो रहा है दीदी आपके राज में? pic.twitter.com/WqGLtZwOt3
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) October 10, 2019
इस पार्टी के राज्य अध्यक्ष दिलीप घोष, राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा और भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय सोशल मीडिया प्रमुख प्रीति गांधी, उन अन्य भाजपा सदस्यों में से थे जिन्होंने इस अपराध के लिए एक राजनीतिक दृष्टिकोण पेश किए।
सोशल मीडिया में सांप्रदायिक रंग
उस घटना के साथ अपनी खुद की राय — अपराध से मुस्लिम अपराधी का संबंध — जोड़ने में सोशल मीडिया उपयोगकर्ता भी पीछे नहीं रहे। फर्जी न्यूज़ पोर्टल, पोस्टकार्ड न्यूज़ के संस्थापक, महेश विक्रम हेगड़े ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में ‘आरएसएस कार्यकर्ता’ की हत्या (लींचिंग) ‘शांतिप्रिय लोगों ने’ की है। अपमानजनक तरीके से मुसलमानों को संदर्भित करने के लिए ‘शांतिप्रिय (peacefuls)’ शब्द का इस्तेमाल किया जाता है।
In Mamata Banerjee’s West Bengal, Peacefuls lynched:
* 35 yr old Bandhu Prakash Pal
* His six year old son Angan
* His 8 month pregnant wife Mondal PalReason?
* Bandhu Prakash was an RSS Karyakartha
But this is not lynching/intolerance because
* ONLY HINDUS WERE KILLED pic.twitter.com/TnHqNy77eP
— Mahesh Vikram Hegde (@mvmeet) October 10, 2019
इन हत्याओं के लिए सांप्रदायिक रंग देने में कई ऐसे उपयोगकर्ता भी शामिल थे, जिन्हें ट्विट्टर पर रेल मंत्री पीयूष गोयल के कार्यालय द्वारा फॉलो किया जाता है। एक राकेश कृष्णन सिम्हा (@ByRakeshSimha) ने लिखा कि मुर्शिदाबाद में ‘जेहादी भीड़’ ने पेट में ही एक बच्चे की हत्या कर दी।
This beautiful family of a primary school teacher was brutally murdered yesterday along with an unborn baby by a jehadi mob in Murshidabad, Bengal. The deceased:
1. Prakash Pal
2. His pregnant wife
3. His 6 year old son pic.twitter.com/i1rIfUgbMv— Rakesh Krishnan Simha (@ByRakeshSimha) October 9, 2019
मधु किश्वर ने यह कहते हुए कि मुर्शिदाबाद की बड़ी मुस्लिम आबादी इन हत्याओं से किसी तरह जुड़ी है, इन हत्याओं के लिए नफरतपूर्ण अपराध का इशारा किया।
Not strangled but brutally hacked to death in Bengal as their bodies clearly show. They were living in heavily Muslim majority area. If only they were Muslim, their deaths would have been etched in world history like that of Pehlu Khan https://t.co/qhBP7qAEOT
— MadhuPurnima Kishwar (@madhukishwar) October 10, 2019
एक अन्य उपयोगकर्ता ने यह दावा करते हुए कि बंगाल में एक आरएसएस कार्यकर्ता को मार दिया गया, ‘कट्टरपंथी इस्लाम’ शब्द के साथ ट्वीट किया।
RADICAL ISLAM
A RSS Swayamsewak was killed along with his pregnant wife and 8 years old son in #Murshidabad
Today a Hindu, tomorrow a Christian Buddhisth Yahudiyo & all others😡
& World is busy in trade & profit 😡😤@UN @realDonaldTrump @WhiteHouse @IsraeliPM @narendramodi pic.twitter.com/KMVRPnzS8q
— 🇮🇳🚩ॐ राहुल पटेल ॐ🚩🇮🇳 (@RAHUL9262514) October 10, 2019
सांप्रदायिक रंग देते हुए गलत सूचना फैलाने के लिए बदनाम पत्रकार पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ के पैरोडी अकाउंट से ट्वीट किया गया, “हम नींबू भी कुचल दें, तो हो जाते है बदनाम। वो पूरे परिवार को रेत दें, तो भी चर्चा नहीं होती।।”
हम नींबू भी कुचल दें, तो हो जाते है बदनाम।
वो पूरे परिवार को रेत दें, तो भी चर्चा नहीं होती।।ध्यान रहे.. आप भी कतार में है। #मुर्शिदाबाद_हत्याकांड
— Pushpendra Kulshrestha (@Nationalist_Om) October 13, 2019
एक उपयोगकर्ता जुधाजीत सेन मजुमदार (@Judhajit_S), जिन्हें पीयूष गोयल का कार्यालय भी फॉलो करता है, ने बच्चे के नाम पर कैलिफ़ोर्निया में दी गई ‘श्रद्धांजलि’ की तस्वीरें साझा कीं। ‘राम मंदिर निर्माण’ के हैशटैग के साथ ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा कि बच्चे का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
#राममंदिर_निर्माण #MurshidabadKilling
Sacrifice of that 8 years old kid and his bereaved family from #Murshidabad will not go waste! Yes, it has shaked the world & no wonder 100s joined hand at the heart of California to condemn and offer Shradhanjali!@KailashOnline @BJP4Bengal pic.twitter.com/ffIh3vgoZL— Judhajit Senmazumdar (@Judhajit_S) October 16, 2019
राजनीतिक व सांप्रदायिक दावों को मीडिया ने आगे बढ़ाया
अधिकांश मीडिया संगठनों ने ऐसी खबरें कीं जिनमें ‘आरएसएस’ के एंगल को ही आगे बढ़ाया गया। संयोगवश, इस अपराध की प्रारंभिक खबरों में मृतक के कथित राजनीतिक जुड़ाव का कोई उल्लेख नहीं था, लेकिन अपराध के घटित होने के 24 घंटे से भी कम समय में भाजपा ने दावा किया गया कि वह आरएसएस से जुड़े कार्यकर्ता थे।
ANI की 10 अक्टूबर की एक रिपोर्ट में कहा गया है, “एक दुखद घटना में, मुर्शिदाबाद के जियागंज इलाके में गुरुवार को अज्ञात बदमाशों ने एक अजन्मे बच्चे सहित तीन लोगों की उनके घर में हत्या कर दी … मामले की जांच जारी है।”(अनुवाद)
लेकिन, इसके बाद की एक नई रिपोर्ट में इस समाचार एजेंसी ने पाल (मृतक) को ‘आरएसएस कार्यकर्ता’ बताया।
9 अक्टूबर को इंडिया टुडे ने PTI की एक रिपोर्ट प्रकाशित की जिसमें पाल के कथित राजनीतिक संबंधों का कोई उल्लेख नहीं था, लेकिन अगले ही दिन इस समाचार संगठन द्वारा प्रकाशित एक स्वतंत्र रिपोर्ट में भाजपा का दावा एक तथ्य के रूप में बताया गया।
इंडिया टुडे ग्रुप के चैनल आज तक की एक रिपोर्ट में तो इसे एक कदम और आगे बढ़ाया गया। चैनल ने एक चर्चा का प्रसारण किया — ‘बच्चों के खून से सींची जाएगी बंगाल की सियासत? खून से फिर लाल, दीदी तेरा बंगाल!’
बच्चों के खून से सींची जाएगी बंगाल की सियासत?
खून से फिर लाल, दीदी तेरा बंगाल!
दंगल, 5PM, @aajtak पर. pic.twitter.com/jHlCb1YgEz— रोहित सरदाना (@sardanarohit) October 10, 2019
कई अन्य समाचार संगठनों ने असत्यापित दावों के प्रति विश्वास जाहिर कर — हिंदुस्तान टाइम्स, द लल्लनटॉप, इंडिया टीवी, स्वराज्य, नवभारत टाइम्स, जनसत्ता, द फ्रंटलाइन, डीएनए, आउटलुक, प्रभात खबर, वनइंडिया और नई दुनिया। दक्षिणपंथी वेबसाइट ओपइंडिया ने भी इसी तरह की बातों के साथ एक कहानी चलाई।
पत्रकारों ने किए नफरत से भरे ट्वीट
इस घटना पर विकास भदौरिया के ट्वीट में ग्राफिक इमेज था, इसलिए इसे बाद में ट्विटर द्वारा हटा दिया गया। हालाँकि, ABP न्यूज़ के इस पत्रकार ने इसे अभिव्यक्ति के अधिकार की ‘लिंचिंग’ बताया। भदौरिया उस ट्वीट का बचाव कर रहे थे जिसमें उन्होंने दावा किया था कि वह टिपल मर्डर, हिंदुओं की बेहद कम आबादी वाले क्षेत्र में हुआ नफरत पूर्ण अपराध था।
.@TwitterIndia is muzzling my pen and journalistic freedom. It has forced me to delete my tweet on the gruesome murder of RSS worker in Murshidabad, an incident reported widely in media. My account was restored conditionally. This is nothing but lynching my right to expression. pic.twitter.com/Y0GmuSP4t2
— Vikas Bhadauria (ABP News) (@vikasbha) October 11, 2019
इंडिया टीवी के कार्यकारी संपादक सुशांत सिन्हा ने भी इन हत्याओं को नफ़रत पूर्ण अपराध के रूप में चित्रित किया। एक ट्वीट में जिसे लगभग 10,000 लाइक मिले, सिन्हा ने कुछ नागरिकों के वर्गों पर हमला किया, जो इस पत्रकार के अनुसार बच्चे की मौत से अप्रभावित रहेंगे और उसके माता-पिता की मौत का जश्न मनाएंगे। सिन्हा ने लिखा, “उन्हें बच्चे का शव नहीं एक संघी का शव दिख रहा होगा। कुछ तो खून से लथपथ पूरे परिवार के शव को देखकर अंदर से खुश होंगे”।
जिन लोगों के लिए ॐ लिख देने से विमान हिन्दू हो सकता है उनके लिए संघ से जुड़े व्यक्ति का मासूम बेटा भी संघी ही होगा।और जितनी नफ़रत उनके दिलों में भरी है,उन्हें बच्चे का शव नहीं एक संघी का शव दिख रहा होगा।कुछ तो खून से लथपथ पूरे परिवार के शव को देखकर अंदर से खुश होंगे#Murshidabad
— Sushant Sinha (@SushantBSinha) October 10, 2019
जब पश्चिम बंगाल पुलिस ने स्पष्ट किया कि ये हत्याएं किसी राजनीतिक या सांप्रदायिक दृष्टिकोण से नहीं जुड़ी हुई थीं, तब स्वराज्य के संपादकीय निदेशक आर जगन्नाथन ने जांच पर सवाल उठाए। मृतकों के परिवारजनों के बयान पश्चिम बंगाल पुलिस से मिलने के बावजूद यह दावा किया गया।
Why would you want to believe tje WB police when you would not do so for the same police in say UP? https://t.co/3wIjsSWfMD
— R Jagannathan (@TheJaggi) October 10, 2019
लिबरल्स पर हमला
इस घटना से ‘लिबरल्स’ की तीखी आलोचना हुई। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लिखा, “आशा है कि शोक से भरे परिवार के साथ सहानुभूति रखने के लिए लिबरल्स इसे पर्याप्त पाएंगे।”-अनुवाद।
Deeply condemn this barbaric act of murder of RSS worker, his wife and child in West Bengal.
Hope liberals will find it ghastly enough to empathize with the bereaved family if not condemn and criticise it outrightly. https://t.co/18cGTJtC1w— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) October 10, 2019
टाइम्स नाउ ने उन 49 हस्तियों को निशाना बनाते हुए एक शो प्रसारित किया, जिन्होंने देश में भीड़ द्वारा हमले पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री को खुला पत्र लिखा था।
Man, his pregnant wife & son butchered in @MamataOfficial‘s Bengal.
49 celebs slam ‘saffron terror’, but now sit in total silence.Share your view with Padmaja Joshi on @thenewshour AGENDA. | Tweet with #RSSWorkerButchered pic.twitter.com/i8Q5ied8zU
— TIMES NOW (@TimesNow) October 10, 2019
रिपब्लिक टीवी के होस्ट मेजर पूनिया ने भी लिबरल्स की निंदा की।
Horrific
RSS member,his pregnant wife & 8 yr kid brutally murdered in Murshidabad,Bengal
Why
-Sickular leaders r silent ?
-No intolerance/Lynching debates ?
How come death of Hindus is less painful than death of a Muslim/other religion ?
Aren’t they HUMAN🤔?
Every-life Counts ! pic.twitter.com/huu9J7j3pp— Major Surendra Poonia (@MajorPoonia) October 10, 2019
सरकार के आलोचकों पर सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने हमले किए। ट्विटर हैंडल फ्रेंड्स ऑफ आरएसएस (@friendofrss), जिसे पीएम मोदी सहित भाजपा के शीर्ष नेता फॉलो करते हैं, ने लिखा- “क्या इस निर्ममता पर अवार्ड वापसी गैंग और लिंचिंग शब्द गढ़ने वाले बुद्धिजीवी कुछ बोलेंगे?”
मुर्शिदाबाद में RSS के स्वयंसेवक बंधु प्रकाश, उनकी गर्भवती पत्नी और बच्चे को गला रेत कर मार दिया गया। वे कौन लोग थे वो जिन्होंने 8 साल के बच्चे को भी नहीं बख्शा? क्या इस निर्ममता पर अवार्ड वापसी गैंग और लिंचिंग शब्द गढ़ने वाले बुद्धिजीवी कुछ बोलेंगे? pic.twitter.com/mnTeuyP9HQ
— Friends of RSS (@friendsofrss) October 9, 2019
क्या कहती है पुलिस की जांच?
11 अक्टूबर की एक ट्विटर शृंखला में, पश्चिम बंगाल पुलिस ने स्पष्ट किया था, “प्रथम दृष्टि में यह व्यक्तिगत दुश्मनी का मामला लगता है और इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।” (अनुवाद)
as agent of some insurance and chain companies and was in a serious financial crisis.
His family members have denied affiliation with any political group. A diary note found is suggesting serious differences in the family.(2/3)— West Bengal Police (@WBPolice) October 11, 2019
पुलिस ने यह भी उल्लेख किया था कि पाल “गंभीर आर्थिक संकट” में था।
इसके बाद आई मीडिया रिपोर्टों में कहा गया कि परिवार ने आरएसएस से संबंध को अस्वीकार कर दिया है। इंडिया टुडे ने यह भी बताया कि पाल के बहनोई दिप्तिमान सरकार ने कहा कि RSS के एक सदस्य ने उन्हें आर्थिक सहायता की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने उस व्यक्ति की सहायता को अस्वीकार कर दिया था। उन्होने बताया कि पाल कभी किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़े थे।
परिवार के बयानों के बाद, इस ट्रिपल मर्डर केस को लेकर भाजपा बचाव की मुद्रा में आ गई। पार्टी के राज्य प्रमुख दिलीप घोष ने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने कभी भी ऐसा कहा हो कि हत्याओं का कोई राजनीतिक मकसद था। कुछ ही दिन पहले घोष ने ट्वीट किया था, “… दुर्गा पूजा के दौरान भी राजनीतिक हिंसा निर्बाध जारी है।”(अनुवाद)
सप्ताह भर की जाँच के बाद, पश्चिम बंगाल पुलिस ने बंधु प्रकाश पाल के गृहनगर से उत्पल बेहरा को गिरफ्तार किया और इस अपराध के पीछे किसी भी राजनीतिक मकसद की बात को खारिज कर दिया। द हिंदू के मुताबिक, “पुलिस के अनुसार, पाल एक बीमा एजेंट के रूप में भी काम करते थे और 20-वर्षीय बेहरा ने उससे दो जीवन बीमा पॉलिसी खरीदी थी। पूछताछ करने वालों को बेहरा ने बताया कि पाल ने उन्हें पहली पॉलिसी की रसीद दे दी थी, लेकिन दूसरी की रसीद के लिए चकमा दे रहे थे।” (अनुवाद) पुलिस ने एक ट्वीट में यह भी दावा किया कि बेहरा ने अपने अपराधों को कबूल कर लिया है।
Persistent and sincere investigation of the Jiaganj PS murder case of Murshidabad has resulted in a person confessing the crime and his arrest. He had financial transactions and animosity with the deceased person. Prayer of police custody is being made before the court..1/2
— West Bengal Police (@WBPolice) October 15, 2019
भ्रामक सूचनाएं निर्बाध जारी
व्यक्तिगत पैसे के विवाद को लेकर हुई एक परिवार की दुखद हत्या का पश्चिम बंगाल में TMC की मुख्य विपक्षी पार्टी द्वारा राजनीतिकरण किया गया। भाजपा के असत्यापित दावों में मीडिया ने विश्वास जताया, जिससे अपराध को लेकर सांप्रदायिक रंग और बढ़ा। पार्टी के समर्थकों ने सोशल मीडिया में बड़े पैमाने पर अपराधी के मुस्लिम होने की बात प्रसारित की।
इस मामले को लेकर ऑनलाइन प्रभाव बनाने वाले, मीडिया संगठनों और राजनेताओं में से किसी ने भी अधूरे, नफरत पूर्ण बयानों पर, जिन्हें पश्चिम बंगाल पुलिस ने भी गलत साबित कर दिया था, कोई स्पष्टीकरण पोस्ट नहीं किया है। वास्तव में, कुछ ने तो गलत सूचनाओं का प्रचार करना जारी रखा है। अमर उजाला ने लिखा है, “पुलिस का दावा है कि बेहरा ने अपना गुनाह कबूल लिया है। मृतक शिक्षक के आरएसएस से जुड़े होने की वजह से राज्य में इसे लेकर सियासत हो रही थी।”
स्वराज्य की एक रिपोर्ट जिसमें पुलिस द्वारा जारी विवरण शामिल है, उसमें बंधु प्रकाश पाल को अभी भी ‘आरएसएस कार्यकर्ता’ बताया गया है। एक ट्वीट में गौरव प्रधान ने यह बताया कि पाल के परिवार को इसलिए मौत के घाट उतार दिया गया क्योंकि पाल ने इलाके में मस्जिद के निर्माण पर आपत्ति जताई थी, जिससे अपराध को सांप्रदायिक रंग देना जारी रखा है।
FACT : Lebutola is surrounded by Muslims, besides his house there is 17 Katha land that they wanted to build Mosque. He wrote letters to stop. that got leaked. And the masjid committee hatched him to death full family
Now investigate this @MamataOfficialhttps://t.co/pBSvWP2uvd
— #GauravPradhan 🇮🇳 (@DrGPradhan) October 15, 2019
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