दंगा विरोधी पोशाक पहने एक व्यक्ति की तस्वीर वायरल है. दावा किया जा रहा है कि ये किसान आन्दोलन के दौरान पुलिस के भेष में घूम रहा कोई आम आदमी है.
Farmer Protest: ਜੀਨਾਂ ਪੈਂਟਾਂ ਵਾਲੀ ਪੁਲਿਸ ਨਵੀ ਵਰਦੀ ਇਹ ਕਿਹੜੀ ਸਟੇਟ ਦੀ ਪੁਲਿਸ ਆ ? ਸੇਅਰ ਕਰ ਵਰਦੀ ਪ੍ਰਮੋਟ ਕਰੋ
Posted by Khabar Jalandhar Di on Sunday, January 31, 2021
इसके साथ पंजाबी भाषा में कैप्शन है, “किस राज्य की पुलिस अब ये नई वर्दी पहन रही है? प्लीज़ इसे शेयर करें.” (ਜੀਨਾਂ ਪੈਂਟਾਂ ਵਾਲੀ ਪੁਲਿਸ ਨਵੀ ਵਰਦੀ ਇਹ ਕਿਹੜੀ ਸਟੇਟ ਦੀ ਪੁਲਿਸ ਆ ? ਸੇਅਰ ਕਰ ਵਰਦੀ ਪ੍ਰਮੋਟ ਕਰੋ.)
ये तस्वीर पंजाबी कलाकार चमकौर खटरा ने भी अपने वेरिफ़ाइड फे़सबुक अकाउंट से पोस्ट की. 1000 से ज़्यादा लोगों ने इसे शेयर किया.
ਜੀਨਾਂ ਪੈਂਟਾਂ ਵਾਲੀ ਪੁਲਿਸ ਨਵੀ ਵਰਦੀ ਇਹ ਕਿਹੜੀ ਸਟੇਟ ਦੀ ਪੁਲਿਸ ਆ ? ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿਓ ।। ਸੇਅਰ ਕਰ ਵਰਦੀ ਪ੍ਰਮੋਟ ਕਰੋ
Posted by Chamkaur Khattra on Sunday, January 31, 2021
इस शख्स की तस्वीर ट्विटर यूज़र्स ने भी शेयर की.
ਜੀਨਾਂ ਪੈਂਟਾਂ ਵਾਲੀ ਪੁਲਿਸ ਨਵੀ ਵਰਦੀ ਇਹ ਕਿਹੜੀ ਸਟੇਟ ਦੀ ਪੁਲਿਸ ਆ ? ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿਓ ।। pic.twitter.com/0D9j9FXnNp
— Joban Randhawa (@iJobanRandhawa) January 31, 2021
फ़ेसबुक और ट्विटर पर ये तस्वीर काफ़ी वायरल है.
2019 में ऐंटी-सीएए प्रोटेस्ट के दौरान भी वायरल
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ़ प्रदर्शनों के दौरान भी ये तस्वीर वायरल हुई थी. कई लोगों ने इसके साथ ‘भरत शर्मा’ नाम के यूज़र की प्रोफ़ाइल का स्क्रीनशॉट शेयर किया था. ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी के राष्ट्रीय संवाददाता उदित राज ने 17 दिसम्बर, 2019 को इसे शेयर करते हुए सवाल किया था, “सरकार बहादुर जवाब दे कि अब इसकी ड्यूटी किसने लगा दी?” इस स्क्रीनशॉट के मुताबिक भरत शर्मा RSS का सदस्य और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (ABVP) की प्रदेश कार्यकारी समिति का सदस्य है. दावा किया गया था कि भरत रायट गियर में पुलिस वालों के साथ ऐंटी-सीएए प्रदर्शन कुचलने आया था.
आम आदमी पार्टी समर्थक कपिल ने 17 दिसम्बर को ही ट्वीट करते हुए कहा, “@DelhiPolice क्या बताएगी कि यहां क्या हो रहा है? क्या दिल्ली में आपने आरएसएस से मदद लेनी चालू कर दी?” इसे डिलीट किये जाने से पहले 5,300 से ज़्यादा लोगों ने इसे रीट्वीट किया था. स्वराज्य इंडिया के अध्यक्ष योगेन्द्र यादव ने कपिल का ट्वीट कोट-ट्वीट करते हुए पुलिस से इसका जवाब मांगा था.
नेशनल कांग्रेस पार्टी के विधायक जीतेन्द्र अवध ने भी ये तस्वीर शेयर करते हुए लिखा था, “ये तस्वीर देखिये और आपको पता चलेगा कि इस हिंसा के पीछे कौन हैं.”
Look at this photo and u will come to know who r behind the violence #BlackDay #StudentsProtest pic.twitter.com/rh5zqhXKZ1
— Dr.Jitendra Awhad (@Awhadspeaks) December 16, 2019
फै़क्ट-चेक
ये भरत शर्मा नहीं है
ऑल्ट न्यूज़ ने 2019 में भी इसका फै़क्ट-चेक किया था. कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने साफ़ किया था कि लाल टी-शर्ट पहने ये व्यक्ति पुलिसकर्मी ही है. द प्रिंट को दिए गये एक बयान में DCP (केन्द्रीय) एमएस रंधावा ने कहा, “ये भरत शर्मा नहीं है. ये दिल्ली पुलिस की छवि ख़राब करने के लिए एक और झूठ है जिसे सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा है. असल में ये साउथ डिस्ट्रिक्ट के ऐंटी-ऑटो थेफ़्ट स्क्वाड (AATS) में हैं जिनकी ड्यूटी इस एरिया में कानून व्यवस्था बनाये रखने में भी लगाई गयी थी.”
इसके अलावा, द क्विंट ने भी रिपोर्ट में बताया था कि ये शख्स असल में AATS के अरविन्द कुमार हैं. ऑल्ट न्यूज़ ने दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के DCP, चिन्मय बिसवाल से संपर्क किया. उन्होंने मीडिया रिपोर्ट्स को सही ठहराते हुए कहा कि ये अरविन्द कुमार ही हैं.
हमने अरविन्द कुमार की हालिया तस्वीर और वायरल तस्वीर को ज़ूम करके देखा तो साफ़ हो गया कि ये अरविन्द कुमार ही हैं.
एक अन्य वीडियो में किसी व्यक्ति को लात मार रहा शख्स भरत शर्मा है
दिल्ली NSUI के अध्यक्ष अक्षय लाकरा ने एक वीडियो शेयर कर दावा किया था कि इसमें एक व्यक्ति को लात मार रहा शख्स RSS से जुड़ा स्वयंसेवी और ABVP की प्रदेश कार्यकारी समिति सदस्य भरत शर्मा है. अक्षय ने भी भरत शर्मा की फे़सबुक प्रोफ़ाइल का स्क्रीनशॉट शेयर किया था. ये 16 दिसम्बर, 2019 की बात है.
His name is Bharat Sharma. Law student of du. State executive committee member of ABVP. Volunteer of Rss
Clearly seen kicking students for no reason and abusing them. #JamiaMilia #JamiaProtests #DelhiProtest #DelhiBurning #CABProtests pic.twitter.com/AuPRZuk0nm— Akshay Lakra (@akshaylakra17) December 16, 2019
अरविन्द कुमार की तस्वीर के साथ अपनी प्रोफ़ाइल की तस्वीर वायरल होने के बाद भरत शर्मा ने कुछ समय के लिए अपनी प्रोफ़ाइल डी-ऐक्टिवेट कर ली थी. अक्षय के ट्वीट का जवाब देते हुए भरत ने लिखा था, “हां ये मैं हूं. मैंने ऐसा किया क्योंकि निर्दोष छात्रों को पीटा जा रहा था. क्योंकि लड़कियों के साथ बदसलूकी की जा रही थी. क्योंकि छात्रों को परीक्षा देने से रोका जा रहा था. आपने ये सुविधानुसार अनदेखा कर दिया कि इस 12 सेकंड के पहले और बाद में क्या हुआ था.”
Yes. It’s me. I did it because innocent students were being attacked. Because girls were being abused. Because students were not being allowed to give Exam. You have conveniently ignored what happened before and after these 12 seconds.
— Bharat Sharma (@Bharatthinks) December 17, 2019
इंडिया टुडे से बात करते हुए उसने बताया था कि रायट गियर पहने खड़ा शख्स वो नही है. 18 दिसम्बर, 2019 के आर्टिकल में बताया गया था, “भरत शर्मा ने इस दावे से साफ़ इनकार करते हुए कहा कि न ही वो इस तस्वीर में है और न ही उसे इसके बारे में कुछ मालूम है. उसने ये भी कहा कि हेलमेट पहने शख्स की शक्ल उससे नहीं मिलती है.”
I have been subjected to severe mental harassment since yesterday. I will file a defamation suit against all those who have peddled this lie that I was involved in rioting disguising as a police personnel, thus defaming my organisation and me.@ABVPVoice
— Bharat Sharma (@Bharatthinks) December 17, 2019
मीडिया से बात करते हुए भरत ने ये भी कबूला कि वीडियो में एक शख्स को वही लात मार रहा है. उसने बताया कि वो ABVP का कार्यकर्ता है. उसने खुद का बचाव करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो अधूरा है और लोगों को इसे पहले की घटना नहीं पता. लकिन जब भरत से पूरा वीडियो मांगा गया तब उसने कोई वीडियो पेश नहीं किया.
हमने नीचे भरत और कांस्टेबल अरविन्द कुमार की तस्वीर लगायी है. दोनों के चेहरे साफ़ तौर से काफ़ी अलग हैं.
कुल मिलाकर, दिल्ली पुलिस के एक कांस्टेबल की तस्वीर सोशल मीडिया पर इस ग़लत दावे के साथ वायरल है कि किसानों के आन्दोलन में रायट गियर पहने पुलिस के साथ एक आम नागरिक घूम रहा है. ये तस्वीर पहले भी वायरल हुई थी और तब इस शख्स को RSS और ABVP कार्यकर्ता भरत शर्मा बताया गया था. दावा किया गया था कि वो जामिया नगर में ऐंटी-सीएए प्रोटेस्ट कुचलने के लिए पुलिस के साथ खड़ा हुआ है.
फ़र्ज़ी पत्रकारों की फ़र्ज़ी कहानी से लेकर किसानों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने वाले BJP वर्कर्स की असलियत तक
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.