दिल्ली के विधायक कपिल मिश्रा ने 2 नवंबर को एक तस्वीर को ट्वीट किया जिसमें एक आदमी के एक हाथ में भगवान अयप्पा की मूर्ति थी और उसकी छाती पर एक कथित पुलिस वाले ने पैर रखा हुआ था। उन्होंने इस तस्वीर को इस सन्देश के साथ “इस भक्त की आंखों में ना क्रूरता का कोई डर है, ना ही उत्पीड़न का कोई डर है, यह विश्वास की शक्ति है #सबरीमाला #अयप्पा,” (अनुवादित) के हैश टैग के साथ ट्वीट किया। तस्वीर में एक सबरीमाला भक्त पर पुलिस क्रूरता का संकेत दिखाया जा रहा था। इस लेख को लिखने के समय, मिश्रा के ट्वीट को 3,200 बार लाइक किया जा जुका है और 1,600 से अधिक बार रीट्वीट किया गया है।

उसी तस्वीर को पहले @squintneon और हिंदू महासभा कार्यकर्ता कमलेश तिवारी ने पोस्ट किया था, और लिखा था- “भगवान अयप्पा के भक्तों पर केरल पुलिस का हिंसक बरताव देखें” – (अनुवादित)। इन दोनों पोस्ट को लगभग 1,500 लोगो ने रीट्वीट किया था।

एक हाथ मे वामपंथी सरकार पिनरई विजयन के पुलिस की लाठी और सीने पर उसी के जूते दूसरे हाथ मे भगवान अयप्पा की मूर्ति लेकिन…

Posted by कमलेश तिवारी on Thursday, November 1, 2018

ट्विटर और फेसबुक दोनों पर कई अन्य दक्षिणपंथी हैंडल द्वारा इस तस्वीर के साथ मिलते जुलते सन्देश सबरीमाला भक्त (1, 2, 3) पर पुलिस की क्रूरता के साथ पोस्ट किया गया था।

यह तस्वीर एक फोटो शूट की है ना कि सबरीमाला विरोध प्रदर्शन की

पत्रकार बॉबिन्स अब्राहम ने ट्विटर पर बताया कि राजेश कुरुप नामक एक व्यक्ति के फोटो शूट को अयप्पा भक्तों पर केरल पुलिस की क्रूरता के रूप में सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जा रहा था।

अब्राहम ने कुरुप की एक और तस्वीर पोस्ट की थी जहां फोटोग्राफर की मोहर – मिधुन कृष्णा फोटोग्राफी – दिखाई दे रही है।

आल्ट न्यूज ने राजेश कुरुप से संपर्क किया जिन्होंने हमें बताया कि ये तस्वीरें उनके फोटो शूट का है और कपिल मिश्रा द्वारा पोस्ट किए गए जाने से चार दिन पहले ही खींचे गए हैं।

हमने दूसरी तस्वीर के फोटोग्राफर मिधुन कृष्ण से भी संपर्क किया। उन्होंने कहा कि तस्वीर पर मोहर वास्तव में उनका था और तस्वीर 6 अक्टूबर को ली गई थी। सबरीमाला को 17 अक्टूबर को पहली बार महिलाओं के लिए खोला गया था, जो संकेत देता है कि तस्वीर मंदिर के खुलने के बाद शुरू होने वाले विरोध प्रदर्शनों का चित्रण नहीं हो सकती क्योंकि विरोध महिलाओं की प्रवेश की अनुमति देने के बाद शुरू हुए थे।

चूंकि सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ विरोध शुरू हुआ, इसलिए इससे सम्बंधित कई गलत जानकारी सोशल मीडिया पर दी जा रही है। उपरोक्त मामले से पहले दिल्ली के विधायक कपिल मिश्रा ने भी पुलिस स्टेशन में मरने वाले भक्त के बारे में झूठी खबर फैलाई थी। पहले भी सोशल मीडिया पर कई अन्य झूठी तस्वीरों और झूठे दावे वायरल किये गए है।

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.