पाकिस्तान के राष्ट्रिय ध्वज की तरह रंगी हुई एक ईमारत की छत की तस्वीर को सोशल मीडिया में प्रसारित किया जा रहा है। एक फेसबुक पेज ने इस तस्वीर को इस दावे से शेयर किया कि यह तस्वीर गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर की है। पोस्ट के अनुसार, “पाकिस्तान ने खांडा झंडे के बजाय अपने राष्ट्रिय झंडे को करतारपुर गुरुद्वारा की छत पर लगाया।” (अनुवाद)

9 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550 वीं जयंती के मौके पर करतारपुर कॉरिडोर का उद्द्घाटन किया। भारत-पाकिस्तान कॉरिडोर, भारत के गुरदासपुर सिख गुरु डेरा नानक और पाकिस्तान के करतारपुर के गुरुद्वारा दरबार साहिब को जोड़ता है। करतारपुर गुरुद्वारा को गुरु नानक का अंतिम विश्राम स्थल के रूप में माना जाता है।

कुछ अन्य उपयोगकर्ताओं ने इस तस्वीर को फेसबुक और ट्विटर पर समान दावे से शेयर किया है। यह तस्वीर सोशल मीडिया में नवंबर की शुरुआत के समय से ही प्रसारित है।

इमिग्रेशन सेंटर की तस्वीर, करतारपुर के गुरुद्वारा की नहीं

ऑल्ट न्यूज़ ने गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से यह पाया कि सोशल मीडिया में साझा की जा रही तस्वीर करतारपुर सीमा के इमिग्रेशन सेंटर की है। हमें 4 नवंबर, 2019 को प्रकाशित हुए पाकिस्तानी दैनिक द एक्सप्रेस ट्रिब्यून में यह तस्वीर मिला। रिपोर्ट के मुताबिक, “एक हरे झंडे को इमिग्रेशन सेंटर के नज़दीक 150 फीट की ऊंचाई पर लहराया गया। भारतीय सीमा से यात्रियों को लाने के लिए बस भी तैयार है। गुरुद्वारा शाहिब के गेट पर सामान की जांच करने के लिए स्कैनर भी लगाए गए है।” (अनुवाद) आप इमिग्रेशन सेंटर की हवाई तस्वीर को यहां देख सकते हैं।

जैसा कि गूगल मैप में देखा जा सकता है, करतारपुर कॉरिडोर को गुरुद्वारा दरबार शाहिब करतारपुर से थोड़ी दूरी पर स्थित है। द इकनोमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इमिग्रेशन सेंटर नरोवाल में करतारपुर गलियारे के संबंध में बनाया गया था, जो पाकिस्तान के पंजाब की राजधानी लाहौर से 120 किलोमीटर की दूरी पर है। मीडिया संगठन ने फेडरल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (FIA) के डिप्टी निर्देशक (पंजाब) मुफखर अदील के हवाले से बताया है कि सीमा के उस पार से इस पार आना-जाना शायद “आतंकवादियों, मानव तस्करों और ड्रग डीलरों” का निशाना बन सकता है, इसीलिए केंद्र की तरफ़ से दोनों सीमाओं पर शांति बनाई रखनी होगी।

नीचे के वीडियो में, वहां पर इमिग्रेशन सेंटर और पाकिस्तानी झंडे को लहराते हुए देखा जा सकता है।

करतारपुर गुरुद्वारा शाहिब पर खांडा ध्वज

खांडा ध्वज सिख धर्म का सामुदायिक झंडा है, जिसे हमेशा गुरुद्वारा के बाहर लहराया जाता है। सोशल मीडिया में हालांकि यह दावा किया गया कि खांडा झंडे को गुरुद्वारा के बाहर नहीं लगाया गया है। लेकिन नीचे पोस्ट की गई तस्वीर में धर्मस्थल के पास ही लहराया गया है।

यह ध्यान देने लायक है कि गुरुद्वारा के नज़दीकी स्थान पर बनाये गए इमिग्रेशन सेंटर के अलावा, गुरुद्वारा के अंदर की एक ईमारत की छत को भी पाकिस्तानी झंडे के रंगो से रंगा गया है। हम पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के अधिकारिक ट्विटर हैंडल से साझा की गई एक तस्वीर को पोस्ट कर रहे हैं, जिसमें ध्वज वाली इमारत को देखा जा सकता है।

अंत में हमने अपनी तथ्य-जांच में पाया कि करतारपुर साहिब के नज़दीक बनाये गए इमिग्रेशन सेंटर की छत को पाकिस्तानी झंडे की तरह रंगने की एक तस्वीर को सोशल मीडिया उपयोगकर्ता गुरुद्वारा दरबार शाहिब की छत बताकर साझा कर रहे हैं।

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.