होली का त्योहार अक्सर छेड़छाड़ और उत्पीड़न के आरोपों की वजह से फीका पड़ जाता है. और रंगों के त्योहार से जुड़ा नारा, “बुरा ना मानो, होली है” कथित तौर पर ऐसे कामों को सही ठहराने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. अक्सर महिलाएं और गैर-हिंदू समुदायों के लोग ऐसे उपद्रव का शिकार बनते हैं. ज़्यादातर मामलों में इस उत्सव में भाग नहीं लेने वालों के लिए यह एक बुरे सपने की तरह होता है जबकि अन्य लोग इसे ‘मज़ा’ के रूप में देखते हैं.

25 मार्च, 2014 को इस बार होली का त्योहार था. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की बदौलत होली के आसपास कई घटनाएं सामने आईं, जहां मुस्लिम समुदाय के लोगों को होली मनाने वालों ने टारगेट किया. कुछ घटनाओं में कथित तौर पर धमकी, उत्पीड़न और उपद्रव शामिल था, जिसकी वजह से FIR और गिरफ्तारियां हुईं.

होली पर सांप्रदायिक अशांति की आशंका को देखते हुए उत्तर प्रदेश में प्रशासन ने शाहजहाँपुर और बरेली में एहतियाती कदम उठाते हुए मस्जिदों को तिरपाल से ढकने को कहा. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (बरेली) घुले सुशील चंद्रभान ने कहा, “…उन्हें (मौलवियों को) बताया गया है कि मस्जिदों को ठीक से ढका जाएगा ताकि कोई असमाजिक तत्व सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने जैसा कुछ न कर सके.” इससे पता चलता है कि त्योहार से पहले दूसरे समुदायों के बीच इस तरह की चीजों को लेकर पूर्वाभास की भावना शायद ‘सामान्य’ हो गई है.

अस्पताल जा रहे मरीज, अंतिम संस्कार के लिए जा रहे लोग – यूपी के बिजनौर में किसी को भी नहीं बख्शा गया

रविवार, 24 मार्च को सामने आए एक वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ लोग एक बाइक को रोक रहे हैं और उसपे सवार तीन यात्रियों को परेशान कर रहे हैं. जिनमें एक व्यक्ति और दो महिलाएं हैं. इनेमीन से एक महिला ने हिजाब पहना हुआ है. वीडियो से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि करीब 10 से ज़्यादा लोग परेशान करने वालों में शामिल थे. वे लोग तीनों बाइकसवार के मना करने के बावजूद उन्हें शारीरिक रूप से डराने-धमकाने लगे, उन्हें पानी और रंगों से भिगो दिया. वीडियो के अंत में भीड़ बाइक को जाने देती है, लेकिन ‘हर हर महादेव’ और ‘जय श्री राम’ जैसे धार्मिक नारों की बौछार करने के बाद.

वीडियो में दिख रहे मुस्लिम व्यक्ति की पहचान दिलशाद के रूप में की गई. कथित तौर पर दिलशान अपनी बहन सोफ़िया को एक डॉक्टर के पास ले जा रहा था. उसकी मां को भी उनके साथ जाना पड़ा क्योंकि उसकी बहन ठीक से चलने में असमर्थ थी. लोगों ने उनके बाइक को रोका और जबरदस्ती उन पर होली के रंग डाल दिए. एक बार जब दिलशाद ने उत्पीड़न का विरोध करने की कोशिश की तो उन्होंने ऐसा कहते हुए मज़ाक उड़ाया, “बुरा ना मानो, होली है.” दिलशाद का आरोप है कि भीड़ ने धार्मिक नारे लगाते हुए उनकी मां और बहन को गलत तरीके से छूने की कोशिश की.

घटना के सिलसिले में बिजनौर पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ़्तार किया और दो नाबालिगों को हिरासत में लिया है. जैसा कि पहले बताया गया है, वीडियो में घटना में शामिल 10 से ज़्यादा लोगों का एक ग्रुप दिखता है.

एक अन्य मामले में धामपुर, बिजनौर से सिटी न्यूज़ की पत्रकार निधि शर्मा को सड़क पर परेशान किया गया. उसने आरोप लगाया कि अपराधियों ने उसका कॉलर पकड़ लिया और जिस गिलास से वे पी रहे थे, उससे उन पर पानी डाल दिया. वो आसपास खड़े पुलिसकर्मियों पर दिनदहाड़े कुछ कदम की दूरी पर होने वाले उत्पीड़न के ऐसे मामलों पर संज्ञान न लेने का आरोप लगाते हुए देखी गईं.

धामपुर में हुई शर्मनाक हरकत

Posted by City News – Nidhi Sharma on Sunday 24 March 2024

उसी दिन धामपुर पुलिस स्टेशन से एक अन्य लाइव स्ट्रीम में निधि शर्मा ने खुलासा किया कि अपराधियों की मां ने भी उसके साथ ग़लत व्यवहार किया, लेकिन बाद में उन्होंने माफी मांग ली. निधि शर्मा के पति (जो इस घटना को रिकॉर्ड कर रहे थे) ने भी ये कहा कि जो मुसलमान नमाज़ के बाद लौट रहे थे, उन्हें भी जबरदस्ती रंगों से सराबोर किया जा रहा था.

जैसा कि उनके लाइवस्ट्रीम में दिखता है, दंपति अपनी कार में बैठ जाते हैं और गाड़ी चलाने लगते हैं. अपने रास्ते में उन्हें लगभग 6 व्यक्तियों का एक ग्रुप मिला जिनमें से कुछ नाबालिग थे, जो राहगीरों पर पानी फेंक रहे थे. जैसे ही उनकी कार रुकी, उन्होंने तीन मुस्लिम लोगों को देखा जो साफ तौर पर ऐसा करने वालों को रुकने के लिए कह रहे थे. हालांकि, ग्रुप में से एक ने सफेद कुर्ता पहने एक मुस्लिम व्यक्ति पर रंग और पानी डाल दिया. पीड़ित ने बाद में अपनी पहचान मोहम्मद इकबाल के रूप में बताई, उसने कहा कि वे तीनों एक अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे थे.

बमुश्किल दो मिनट बाद, निधि शर्मा ने देखा कि उसी जगह पर दो और बुर्का पहनी महिलाओं को उसी ग्रुप द्वारा परेशान किया जा रहा था. उनमें से एक महिला के हाथ में कैनुला लगा हुआ था और उसे तेज़ बुखार था. दोनों अस्पताल जा रहे थे.

मेरे थाने से निकलते ही मुस्लिम बिमार महिला के साथ कि बत्तमीज़ी

Posted by City News – Nidhi Sharma on Sunday 24 March 2024

पिछले साल, धामपुर के एक वायरल वीडियो में बुर्का पहने दो महिलाओं को कुछ लोगों द्वारा परेशान करते हुए दिखाया गया था. लोग महिलाओं पर हिंसक तरीके से पानी के गुब्बारे फेंकते नज़र आ रहे थे. उन्होंने अन्य अनजान राहगीरों के साथ भी ऐसा ही किया.

गुजरात में मुस्लिम व्यक्ति का रिक्शा आग के हवाले, 2 गिरफ़्तार

अहमदाबाद में भीड़ ने एक मुस्लिम रिक्शा चालक को बेरहमी से पीटा और उसके रिक्शा को आग के हवाले कर दिया.

ड्राइवर, नवाब वोरा, रामोल में नवाब चॉल का निवासी है. नवाब द्वारा दर्ज की गई शिकायत के मुताबिक, वो 25 मार्च, सोमवार दोपहर को उस्मानपुरा में चंपानेर सोसाइटी के पास यात्रियों को उतार रहा था, तभी एक आरोपी ने अपने रंग से सने हाथों से उसके वाहन के हुड को छुआ. पीड़ित ने उनसे उसके रिक्शा को गंदा न करने के लिए कहा. इससे वे लोग नाराज़ हो गए. इसके बाद उन्होंने नवाब के साथ दुर्व्यवहार किया. जब उसने गंदी भाषा का विरोध किया तो उन्होंने उसकी पिटाई कर दी. नवाब ने उनसे अनुरोध किया कि वे उसे न मारें क्योंकि वो रोजा (रमज़ान के पवित्र महीने के दौरान उपवास रखने की मुस्लिम प्रथा) का पालन कर रहा था. जिससे कथित तौर पर वे और ज़्यादा गुस्सा हो गए और उन्होंने उसे फिर से पीटा. कुछ राहगीरों की सलाह पर नवाब तुरंत वहां से चला गया. शिकायत के मुताबिक, जब वो जा रहा था तो उसने देखा कि आरोपी उसकी गाड़ी को नुकसान पहुंचा रहे हैं. कुछ देर बाद जब वो मौके पर लौटा तो उसने बताया कि उसे अपने रिक्शा का सिर्फ जला हुआ ढांचा मिला.

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मामले में दो व्यक्तियों (26 साल के विजय सूर्यवंशी और 39 साल के नटवर सोलंकी) को गिरफ़्तार किया गया है. एक अन्य आरोपी संजय व्यास फरार हैं. वाडज पुलिस ने उन पर चोट पहुंचाने, अपशब्दों का इस्तेमाल करने, चोट पहुंचाने और नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया है.

यूट्यूबर ने मथुरा में महिलाओं के अनियंत्रित उत्पीड़न का रिकॉर्ड बनाया

घुमक्कड़ लाली नामक चैनल चलाने वाले एक यूट्यूबर ने होली पर मथुरा आने के दौरान अपनी आपबीती रिकॉर्ड की. वीडियो की शुरुआत में ही वो अपने कैमरे के सामने नज़र आ रही है और बता रही है कि वो किस तरह असुरक्षित महसूस कर रही हैं. उसे ये कहते हुए सुना जा सकता है, “वे मुझसे मेरा नंबर मांग रहे हैं, कह रहे हैं कि उनके चाचा घर पर हैं.” जब वो ऐसा कह रही है तो लोगों को उनके कैमरे के चारों ओर घूमते हुए देखा जा सकता है. वो कहती हैं, ”वे विशेष रूप से महिलाओं को निशाना बनाते हैं, जानबूझकर उनके स्तनों और कूल्हों पर पानी छिड़कते हैं…जब मैंने विरोध किया, तो उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैं यहां मरने के लिए आई हूं.” विजुअल्स में सीढ़ियों के दोनों ओर खड़े लोगों की भीड़ दिखाई दे रही है, जो महिलाओं पर पानी फेंक रहे हैं और वहां से गुज़र रही महिलाओं को परेशान कर रहे हैं.

होली मनाने वालों की भीड़ के बीच उत्पीड़न के सबसे दुखद घटनाओं में से एक, लेखिका मेघना संका और स्वतंत्र फ़ोटोग्राफ़र दीप्ति अस्थाना द्वारा उत्तर प्रदेश के मथुरा ज़िले के बरसाना और नंदगांव कस्बों में 2017 में मनाई जाने वाली प्रसिद्ध ‘लठ मार होली‘ के अंधेरे पक्षों को रिकॉर्ड किया जाना है. त्योहार के हिस्से के रूप में, लोग हिंदू देवताओं राधा और कृष्ण की कहानियों को फिर से बनाने की कोशिश करते हैं, जहां राधा और उनकी सहेलियां कृष्ण के इस कृत्य पर नाराज़ होती हैं और उन्हें लाठियों से बाहर निकाल देती हैं. मेघना संका और दीप्ति अस्थाना द्वारा देखे गए ‘उत्सव’ के कारण महिलाओं का बड़े पैमाने पर उत्पीड़न हुआ, जिसमें अश्लील इशारे, भद्दे कमेंट्स और शारीरिक उत्पीड़न शामिल था.

इस साल, कथित तौर पर वाराणसी के मणिकर्णिका घाट के एक वीडियो में लगभग 80-100 दर्शकों की मौजूदगी में एक व्यक्ति के साथ जा रही एक महिला को कुछ लोगों द्वारा परेशान करते देखा गया. भीड़ ने उन पर पानी फेंका और ‘होली है’ कहकर इसे उचित ठहराया. जब उसके पुरुष साथी ने विरोध किया तो उसे भी प्रताड़ित किया गया. घटना पर लल्लनटॉप की रिपोर्ट के मुताबिक, दंपति ने पुलिस में औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है और जांच चल रही है.

‘जय श्री राम’ के नारों के साथ मस्जिद को विरूपित किया गया

महाराष्ट्र के बीड में मरकज मस्जिद में होली के रंगों और पिचकारी का इस्तेमाल कर ‘जय श्री राम’ के नारे लिखे गए. ये शिलालेख 25 मार्च को होली के दिन शाम करीब 5 बजे मिला था. पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है. SDPO धीरज कुमार ने एक वीडियो जारी कर कहा कि आरोपियों को जल्द ही गिरफ़्तार कर लिया जाएगा.

इस तरह के उदाहरण कोई अपवाद नहीं हैं. पिछले साल, नई दिल्ली के पहाड़गंज की सड़कों पर होली समारोह के दौरान एक जापानी यात्री के साथ छेड़छाड़ की गई थी. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने इस मुद्दे पर संज्ञान लिया जिसमें उत्सव मनाने के रूप में नाबालिगों सहित कई लोगों द्वारा रंग लगाने के बहाने 22 साल की महिला को कैमरे पर छेड़छाड़ करते हुए दिखाया गया था. वीडियो में उसकी साफ आपत्तियों और असुविधा के बावजूद, कोई उसके सिर पर अंडा भी फोड़ देता है.

9 मार्च, 2023 को एक रिपोर्ट में, सिटीजन्स फ़ॉर जस्टिस एंड पीस ने पिछले साल होली पर इसी तरह की कई घटनाओं का डॉक्यूमेंटेशन किया. 6 मार्च, 2023 को यानी त्योहार की पूर्व संध्या पर, राईट विंग प्रॉपगेंडा आउटलेट सुदर्शन न्यूज़ ने उस शाम एक कार्यक्रम के बारे में ट्वीट किया जिसका टाइटल था, “मुल्ले होली मिलन में आएंगे लेकिन रंग नहीं लगाएंगे.” एक साल से ज़्यादा समय बाद भी, ट्वीट अभी तक  लाइव है.

प्रांतिक अली ऑल्ट न्यूज़ में इंटर्न हैं.

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