एक वायरल व्हाट्सऐप मैसेज और कुछ सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया गया था कि कुछ मुस्लिम लोगों ने कोलकाता के पार्क सर्कस में क्वेस्ट मॉल के बाहर से एक लड़की का अपहरण कर लिया था. ये कथित तौर पर तब हुआ जब लड़की का परिवार कैब का इंतजार कर रहा था. दावों के मुताबिक, मॉल के सुरक्षा गार्डस ने पीड़िता की मदद नहीं की और कोलकाता पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज़ करने से इनकार कर दिया. दो घंटे बाद लड़की को ‘वापस छोड़ दिया गया.’ व्हाट्सऐप पर वायरल टेक्स्ट मैसेज में ये भी कहा गया है कि पिछले 10 दिनों में ऐसी चार घटनाएं हुई हैं.

एक वेरिफ़ाईड X (ट्विटर) यूज़र, सुनंदा रॉय (@SaffronSunanda) ने ‘न्यूज़’ शेयर की. डिलीट करने से पहले इस ट्वीट को 1,65,000 से ज़्यादा बार देखा गया और इसे 3 हज़ार से ज़्यादा बार रीट्वीट भी किया गया.

ये दावा व्हाट्सऐप पर भी कई बार फ़ॉरवर्ड किया गया है. ऑल्ट न्यूज़ की व्हाट्सऐप हेल्पलाइन पर भी इस दावे के फ़ैक्ट-चेक के लिए रिक्वेस्ट मिली हैं.

ग्लोबल डेमोक्रेसी वॉच (@111gpt) नामक एक X यूज़र ने @SaffronSunanda को कोट-ट्वीट करते हुए इस दावे को बढ़ाया और लिखा, “हिंदुओं, क्वेस्ट मॉल एरिया, कोलकाता में मत जाओ.” (आर्काइव)

फ़ैक्ट-चेक

वायरल टेक्स्ट में दावा किया गया है कि 10 दिनों के भीतर अपहरण की चार घटनाएं सार्वजनिक सुरक्षा की गिरावट में चिंताजनक हैं. इसलिए, सबसे पहले, हमने कथित घटनाओं पर रिपोर्ट के लिए स्थानीय न्यूज़ पेपर को खंगाला. लेकिन ऐसी किसी भी घटना का कोई ज़िक्र नहीं मिला.

हमने देखा कि कोलकाता पुलिस के DCP (दक्षिण पूर्व) के ऑफ़िशियल X हैंडल ने शेयर किये जा रहे इस मैसेज को ‘फ़र्जी’ बताते हुए एक बयान शेयर किया था.

वायरल दावे का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए, DCP ने ट्वीट किया, “कुछ असमाजिक तत्वों द्वारा क्वेस्ट मॉल के संबंध में एक फ़र्जी मैसेज सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है. कोलकाता पुलिस ये आश्वस्त करती है कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है.” उन्होंने आगे कहा, “इस मुद्दे पर कराया पीएस में एक आपराधिक मामला शुरू किया गया है. ऐसी अफवाहें और फ़र्जी मैसेज फैलाने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

हमने क्वेस्ट मॉल के उपाध्यक्ष, संजीव मेहरा से कॉन्टेक्ट किया जिन्होंने कहा कि वायरल दावा ग़लत है और कोलकाता पुलिस ज़रुरी कदम उठा रही है. उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि क्वेस्ट मॉल की छवि को नुकसान पहुंचाने का सिलसिला लगातार जारी है क्योंकि मॉल के बारे में पहले भी झूठे दावे फैलाए गए थे.”

क्वेस्ट मॉल के अधिकारियों ने एक औपचारिक पुलिस शिकायत दर्ज़ की जिसे कोलकाता के कराया पुलिस स्टेशन में धारा 504, 505 (2), 509 और 120 (B) के तहत FIR में बदल दिया गया. FIR में कहा गया है, “16/03/24 से कुछ समय पहले अज्ञात बदमाशों ने आपराधिक साजिश रची और शांति भंग करने के इरादे से सामान्य रूप से महिलाओं की विनम्रता का अपमान करने सहित फ़र्जी, मनगढ़ंत, भ्रामक और अनवेरिफ़ाईड अफवाह फैलाई.” कानून और व्यवस्था, सांप्रदायिक सद्भाव के साथ-साथ अलग-अलग इलाके और धर्म के लोगों के बीच नफरत को बढ़ावा देना जिससे अलग-अलग धार्मिक समुदायों और अलग-अलग इलाकों के बीच दुश्मनी और नफरत की भावना पैदा हो.’

हमें मॉल अधिकारियों द्वारा पुलिस को सौंपा गया एक और शिकायत पत्र मिला.

ऑल्ट न्यूज़ ने क्वेस्ट मॉल के पास लोगों से भी बात की. स्थानीय निवासी साबिर ने वायरल दावे का खंडन किया. उन्होंने कहा कि क्वेस्ट मॉल के पास अपहरण या अपहरण जैसी कोई घटना नहीं हुई. स्थानीय टैक्सी ड्राइवर जुम्मन ने कहा कि उन्होंने ऐसे आरोप कभी नहीं सुने हैं. एक स्थानीय दुकान के मालिक अहमद ने भी वायरल दावे का खंडन करते हुए कहा, ”ये एक झूठा दावा है. क्वेस्ट मॉल इलाके के पास ऐसी कोई घटना नहीं हुई है. कराया पुलिस स्टेशन (मॉल से) कुछ ही मिनट की दूरी पर है और अधिकारी नियमित रूप से इलाके में चक्कर लगाते रहते हैं. इसलिए, अगर ऐसी कोई घटना होती, तो स्थानीय लोगों और पुलिस को ज़रूर सूचित किया जाता.”

ऑल्ट न्यूज़ से बात करते हुए, कोलकाता पुलिस के संयुक्त CP (अपराध) सैयद वकार रज़ा ने कहा, “ऐसी कोई घटना (जैसा कि वायरल व्हाट्सऐप मैसेज में बताया गया है) हमारी जानकारी में नहीं आई है. जहां तक ​​सोशल मीडिया पर झूठे दावों की बात है तो हम मामले की जांच कर रहे हैं. इसमें शामिल पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.”

कुल मिलाकर, कोलकाता के क्वेस्ट मॉल इलाके से एक लड़की के अपहरण की घटना का दावा पूरा निराधार और झूठा है. व्हाट्सऐप पर वायरल मैसेज और सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा फ़र्जी है.

मई 2023 में क्वेस्ट मॉल के आसपास रहने वाले लगभग 25 लोगों द्वारा कुछ समय के लिए शॉपिंग सेंटर में घुसने की घटना उस वक्त हुई, जब उनके इलाके में कई घंटों तक बिजली नहीं थी. इस घटना को सांप्रदायिक ऐंगल दे दिया गया और सोशल मीडिया पोस्ट में इस घटना को घृणित, इस्लामोफ़ोबिक रूप दिया गया.

अबीरा दास ऑल्ट न्यूज़ में इंटर्न हैं.

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