इंडिया TV के मुख्य संपादक और चेयरमैन रजत शर्मा ने 3 जनवरी को ट्वीट करते हुए कहा कि 190 देशों ने भारत द्वारा बनाई गयी कोरोना वैक्सीन की बुकिंग पहले ही कर ली है. रजत शर्मा के इस ट्वीट को ये आर्टिकल लिखे जाने तक 4,500 से ज़्यादा लोग रीट्वीट कर चुके हैं.
अपने देश में बनी वैक्सीन कारगर है, सस्ती है और इसे स्टोर करना आसान है. ये नरेंद्र मोदी की नीति और हमारे वैज्ञानिकों की कुशलता का प्रतीक है. इस पर बेवजह शक करने वाले जान लें कि इस वैक्सीन की एडवाँस बुकिंग 190 देशों ने करवाई है. @narendramodi
— Rajat Sharma (@RajatSharmaLive) January 3, 2021
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि वो भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin) की बात कर रहे हैं.
भारत में बनी कोवौक्सीन की जो लोग आलोचना कर रहे हैं, उन्हें मालूम होना चाहिए कि 190 देशों की सरकारों के कंसोर्शियम ने इस वैक्सीन की 2 अरब डोज़ की बुकिंग करवाई है. लोग गलतफहमियों के शिकार न हों, तथ्यों पर यकीन करें. #Covaxin
— Rajat Sharma (@RajatSharmaLive) January 4, 2021
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया (DCGI) ने हाल ही में भारत बायोटेक द्वारा बनाई गयी वैक्सीन और सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया (SII) द्वारा बनाई गयी ऑक्सफ़ोर्ड-ऐस्ट्रा ज़ेनेका वैक्सीन (कोविडशील्ड) के सीमित (रिस्ट्रिक्टेड) प्रयोग को मंज़ूरी दी है. इसके प्रभाव दिखाने के लिए फे़ज़ 3 के आंकड़े अभी तक सार्वजानिक नहीं किये गये हैं और यही कारण है कि कई शोधकर्ताओं ने कोवैक्सीन के इमरजेंसी में प्रयोग पर सवाल उठाये हैं. ऑल्ट न्यूज़ साइंस की संपादक डॉक्टर सुमैया शेख ने भी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के फे़ज़ 1 और 2 के प्रभाव का विश्लेषण करते हुए एक ट्वीट थ्रेड लिखा था.
My analysis of the paper released by #BharatBiotech researchers & the Press Statement by the Drugs Controller General of India (DCGI) on Restricted Emergency approval of 1out of 3 COVID-19 virus vaccine from Bharat Biotech: A thread…
— Dr Sumaiya Shaikh (@Neurophysik) January 3, 2021
भाजपा सदस्य मनीष कुमार पांडे ने भी रजत शर्मा का ट्वीट कॉपी-पेस्ट कर दिया.
हमें गर्व है 🇮🇳
“अपने देश में बनी वैक्सीन कारगर है, सस्ती है और इसे स्टोर करना आसान है. ये नरेंद्र मोदी की नीति और हमारे वैज्ञानिकों की कुशलता का प्रतीक है. इस पर बेवजह शक करने वाले जान लें कि इस वैक्सीन की एडवाँस बुकिंग 190 देशों ने करवाई है”- @narendramodi— Manish Kumar Pandey (@KrpandeyKumar) January 3, 2021
यही दावा कई अन्य यूज़र्स ने भी किया कि 190 देशों ने भारत बायोटेक की वैक्सीन की बुकिंग कर ली है.
190 countries have pre-booked Bharat Biotech vaccine but according to “Scientist” Bhushan it is not safe for long term effects. https://t.co/HpiDPlHLUV
— Monica (@TrulyMonica) January 3, 2021
ग़लत खबर
भारत बायोटेक की कोवैक्सीन इकलौती वैक्सीन है जिसे भारत में बनाया गया है. इसे इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ वायरलॅाजी के साथ मिलकर बनाया गया है.
3 जनवरी को दिए गए एक स्टेटमेंट में भारत बायोटेक के अध्यक्ष और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉक्टर कृष्णा एला ने कहा था कि कंपनी का “लक्ष्य” पूरे विश्व में वैक्सीन पहुंचाना है. 9 दिसम्बर को 70 देशों के प्रतिनिधि कंपनी की निर्माण इकाई के दौरे पर आये थे लेकिन इस दौरे के बाद बुकिंग ऑर्डर की कोई न्यूज़ रिपोर्ट सामने नहीं आई थी.
‘190’ की संख्या का एक कारण हो सकता है- वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजे़शन (WHO) की वैश्विक पहल, ‘COVAX’. 18 दिसम्बर 2020 को WHO ने सूचित किया था कि “COVAX, जो कि पूरे विश्व में आय के आधार पर बिना किसी भेदभाव के कोविड-19 वैक्सीन उपलब्ध करने की पहल है, ने घोषणा की है कि इसने 190 देशों से करीब 2 बिलियन कोविड-19 वैक्सीन कैंडिडेट्स के लिए वैक्सीन की तैयारी कर ली है.”
इस खबर को भारतीय मीडिया ने भी कवर किया है.
WHO ने कहा था कि 2021 की पहली छमाही में सभी प्रतिभागी देशों को ये डोज़ मिल जाएगा.
सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया COVAX का पार्टनर है, भारत बायोटेक नहीं. WHO की विश्व के प्रतिभागियों की सूची में SII की ऑक्सफ़ोर्ड-ऐस्ट्रा ज़ेनेका वैक्सीन (कोविडशील्ड) भी शामिल है. WHO ने गावी (Gavi), SII और बिल ऐंड मिलिंडा गेट्स फ़ाउंडेशन के बीच एक समझौते के ज़रिये ऑक्सफ़ोर्ड-ऐस्ट्रा ज़ेनेका यानी नोवावैक्स (Novavax) के 200 मिलियन डोज़ की डील की थी. यानी, SII ऑक्सफ़ोर्ड और उसके फ़ार्मास्यूटिकल पार्टनर ऐस्ट्रा ज़ेनेका द्वारा विकसित की गयी वैक्सीन का निर्माण कर रहा है. कोविडशील्ड भारतीय वैक्सीन नहीं है.
इसके अलावा, कोलिशन फ़ॉर प्रिपेयर्डनेस इनोवेशंस (CEPI) ने 10 वैक्सीन कैंडिडेट्स में निवेश किया है जिनमें ऑक्सफ़ोर्ड-ऐस्ट्रा ज़ेनेका तो शामिल है, लेकिन भारत बायोटेक की कोवैक्सीन नहीं.
क्योंकि भारत निर्मित कोवैक्सीन का दोनों में से किसी भी सूची में नाम नहीं है, COVAX और भारत बायोटेक के बीच 190 देशों को वैक्सीन मुहैया करने की डील हो ही नहीं सकती है. वहीं, SII ने COVAX के बाबत एक प्रेस रिलीज़ जारी की थी, भारत बायोटेक की वेबसाइट पर इसका कोई ज़िक्र नहीं है.
ये भी गौर करने वाली बात है कि सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया के मुखिया आदर पूनावाला ने साफ़ किया था कि भारत कुछ महीनों तक कोविडशील्ड का निर्यात नहीं करेगा.
लगता है इंडिया TV के मुख्य संपादक रजत शर्मा 190 देशों के बीच वैक्सीन की उपलब्धता के लिए की गई पहल COVAX और भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन के बीच अंतर नहीं समझ पाए. इसमें कोई संदेह नहीं है कि कोरोना की वैक्सीन मुहैया कराने में भारत की अहम भूमिका रहेगी. भारत की वैक्सीन निर्माण क्षमता काफ़ी बेहतर है और देश ने पहले ही दुनिया में बन रही वैक्सीन का बड़ा हिस्सा बना लिया है. लेकिन ये दावा बिल्कुल ग़लत है कि 195 में से 190 देशों ने स्वदेशी कोवैक्सीन के लिए ऑर्डर बुक कर लिया है.
ऑल्ट न्यूज़ के अंग्रेजी आर्टिकल के बाद रजत शर्मा ने 5 जनवरी को एक ट्वीट में ये बातें बात स्पष्ट की.
Covaxin और COVAX पर एक बात साफ़ करनी है . COVAX WHO के प्रोग्राम का नाम है, जिसके तहत 190 देशों के कंसोर्शियम GAVI ने Serum Institute और Bill and Melinda Gates Foundation के साथ 2 अरब वैक्सीन बुक की हैं, जबकि Covaxin भारत की वैक्सीन है, जिसे यहाँ की सरकार की मंज़ूरी मिली है.
— Rajat Sharma (@RajatSharmaLive) January 5, 2021
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