न्यूज़ एजेंसी ANI यूपी/उत्तराखंड ने 16 जनवरी को एक ट्वीट किया. ट्वीट में नोएडा के एक मजदूर के हवाले से लिखा था,” हमारे पास कोई काम नहीं है क्योंकि कर्फ्यू के कारण कंपनियां बंद हैं. हमें सरकार की तरफ से कोई राशन नहीं मिल रहा है जैसा कि पहले लॉकडाउन में मिला था. गरीब आदमी खत्म हो गया है, गरीबी नहीं” (ट्वीट का आर्काइव लिंक) ANI ने एक अन्य ट्वीट में ये स्पष्ट किया कि कोई कर्फ्यू नहीं लगाया गया है और ये बातें मजदूर के हवाले से लिखा गया है.
Noida, Uttar Pradesh | “We don’t have any work as companies are closed due to the curfew. We are not getting any ration by the govt as we did in the 1st lockdown. The poor man is finished, not poverty” says a migrant worker, amid COVID restrictions in Noida pic.twitter.com/OlgeDP1G5j
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 16, 2022
इस ट्वीट पर उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के फ़ैक्ट-चेकिंग विंग ने रिप्लाइ करते हुए इसे झूठा बताया और साथ ही संबंधित अधिकारियों के हवाले से दावा किया कि एजेंसी ने जो तस्वीरें ट्वीट की हैं वो उत्तर-प्रदेश की नहीं है.
ऑफ़िशियल हैंडल @InfoUPFactCheck ने ट्वीट करते हुए मीडिया संगठन के दावे को झूठा बताया. (आर्काइव लिंक)
#InfoUPFactCheck: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मजदूरों के लॉकडाउन में भटकने व भोजन न मिलने की फोटो वायरल की जा रही है।
संबंधित अधिकारियों द्वारा जानकारी दी गई है कि यह फोटो उत्तर प्रदेश की नहीं है। यह झूठ फैलाया जा रहा है। भ्रामक सूचनाओं को सोशल मीडिया पर प्रसारित करने से बचें। pic.twitter.com/tO2X3tiPm1
— Info Uttar Pradesh Fact Check (@InfoUPFactCheck) January 16, 2022
फ़ैक्ट-चेक
हमने देखा कि ANI ने इस बारे में अपनी वेबसाइट पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है. इसमें लिखा है “COVID प्रतिबंधों के बीच नोएडा में काम की तलाश कर रहे मजदूरों का कहना है कि हर कोई घर से काम नहीं कर सकता.” इस आर्टिकल के मुताबिक ये ख़बर उत्तर प्रदेश, नोएडा के खोड़ा लेबर चौक की है जहां न्यूज एजेंसी ANI ने 4 मजदूरों से बात की. ANI के हवाले से Economic Times, Latestly, Lokmat Times, India Gazette, DelhiNews.net ने भी इस खबर को प्रकाशित किया.
ANI यूपी/उत्तराखंड के ट्वीटर थ्रेड में न्यूज़ एजेंसी ने 4 तस्वीरें शेयर की थी. (आर्काइव लिंक)
इन चारों तस्वीरों में से एक तस्वीर में कुछ लैंडमार्क व बिल्डिंग दिखती है.
जब हमने इन लैंडमार्क के बारे में यूट्यूब पर की-वर्ड्स सर्च किया तो हमें प्रवासी मजदूरों के बारे में Mojo Story की एक वीडियो रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट और ANI के ट्वीट में शामिल तस्वीरों में कई समानताएं दिखती है.
इस जगह का पता लगाने के लिए ऑल्ट न्यूज़ ने स्थानीय व्यक्ति से बात की. उन्होंने ANI के ट्वीट में शामिल तस्वीर की जगह की कुछ फ़ोटोज़ भेजी. इस तस्वीर में नोएडा डिफेंस अकेडमी साफ तौर पर दिखती है.
पुष्टि के लिए ऑल्ट न्यूज़ ने गूगल मैप की मदद ली. नीचे, तस्वीर में लाल रंग के घेरे में नोएडा डिफेंस अकेडमी और लेबर चौक नोएडा का बस स्टैंड दिखता है. इससे साफ मालूम होता है कि ये तस्वीरें उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर के लेबर चौक की ही हैं.
लेबर चौक लोकेशन के गूगल रिव्यु में हमें एक और तस्वीर मिली जो ANI द्वारा ट्वीट की गई तस्वीर में दिख रहे बिल्डिंग से बिल्कुल मेल खाती है.
यानी, उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के फ़ैक्ट-चेकिंग विंग ने जिन तस्वीरों के बारे में दावा किया कि ये उत्तर प्रदेश की तस्वीरें नहीं है, वो यूपी की ही थीं. यूपी सरकार के फ़ैक्ट-चेकिंग विंग ने झूठा दावा किया और ANI की ख़बर को ग़लत बताया.
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