ABVP के राष्ट्रीय संगठन सचिव आशीष चौहान ने SFI कार्यकर्ता सूरी कृष्णन की तस्वीरें ट्वीट करते हुए दावा किया कि वह 5-6 जनवरी को JNU में हिंसा के दौरान घायल होने का गलत दावा कर रहे हैं। इनमें से दो तस्वीरों में, कृष्णन के सिर और दोनों बाज़ुओं पर पट्टियां दिखाई देती हैं, जो तीसरी तस्वीर में नहीं हैं।

चौहान के ट्वीट को करीब 4,000 से अधिक बार रिट्वीट किया गया हैं। इसमें लिखा है, “दिल्ली में “क्रूरतापूर्वक घायल” किए जाने के बाद दिखा जेएनयू के वामपंथी कॉमरेड SFIनेता सूरी का लाइव कॉमेडी शो, जब 24 घंटे के भीतर त्रिवेंद्रम में मालाओं से स्वागत किया गया।” (अनुवाद)

कई अन्य लोगों ने यह भी दावा किया कि सीपीआई के छात्र संघ, स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के सूरी कृष्णन ने घायल होने का नाटक किया। ऐसा दावा करने वालों में भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा भी शामिल हैं, उन्होंने कन्नड़ में लिखा है, “ABVPಯವರು ಹೊಡೆದರು ಎಂದು ಮೈತುಂಬ ಬ್ಯಾಂಡೇಜ್ ಕಟ್ಟಿಕೊಂಡವನ ಗಾಯಗಳು ಒಂದೇ ದಿನದಲ್ಲಿ ಮಾಯ.”

भाजपा ओडिशा आईटी और सोशल मीडिया के राज्य प्रमुख प्रबीन पाधी ने ट्वीट किया कि कृष्णन के “टांके हटा दिए गए और उनके घाव 24 घंटे में ठीक हो गए।” (अनुवाद)

फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने ऐसे ही आरोप लगाए हैं।

पहले भी पंडित ने एक वीडियो रिट्वीट किया था, जिसे इस झूठे दावे के साथ साझा किया गया कि जेएनयू में वाम दलों ने एबीवीपी के सदस्यों पर हमला किया था, जबकि वास्तव में वीडियो में एबीवीपी के एक छात्र को AISA सदस्य के साथ मारपीट करते दिखाया गया था।

झूठा दावा

ऑल्ट न्यूज़ से साझा किए गए एक वीडियो बयान में, सूरी कृष्णन ने अपने घाव दिखाए हैं। इस तरह उन्होंने इस झूठे दावे को खारिज किया कि उनकी चोटें असली नहीं थीं। “मुझपर जेएनयू में पेरियार छात्रावास के सामने एबीवीपी के आठ गुंडों ने हमला किया था। उन्होंने मुझे लोहे की रॉड से पीटा और मैं आपको उन घावों को दिखाने जा रहा हूं, जो अभी मौजूद हैं।” कृष्णन ने अपने सिर पर चार चोटें दिखलाईं, जिनमें से दो चोटों में टांके लगे थे। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी बाज़ुओं में भी चोट आयी है। “मैं अपनी बाईं बांह हिला सकता हूं लेकिन मेरे दाहिने हाथ में सूजन है और मेरे कंधे पर गंभीर अंदरूनी चोट है जिसके कारण मैं अपनी बांह ऊपर नहीं उठा सकता।” आगे कृष्णन ने अपने सिर पर पट्टियां नहीं होने के बारे में बताया। “टांकों की वजह से, उन्होंने (डॉक्टरों ने) कहा कि मुझे अपने सिर पर पट्टी लगाने की जरूरत नहीं है। शुरू में मेरे सिर पर पट्टी थी, क्योंकि उसमें से काफी खून बह रहा था। जब खून बहना बंद हो गया तो उन्होंने मुझे अपने सिर पर पट्टी नहीं रखने को कहा।”

नीचे दिए गए तस्वीरों के कॉलाज कृष्णन के सिर पर चोटों के निशान दिख रहे हैं।

एसएफआई कार्यकर्ता ने एम्स की अपनी आउट पेशेंट रिपोर्ट की एक प्रति भी साझा की, जहां उन्हें 5 जनवरी को भर्ती कराया गया था। रिपोर्ट में उल्लेख है कि रोगी को कोई फ्रैक्चर नहीं हुआ है, लेकिन इसमें कई बाहरी चोटें सूचीबद्ध हैं – दोनों आगे की बाज़ुओं में सूजन व दर्द और सिर के पिछले, सामने के और बाएं हिस्सों में घाव या गहरा कटने की चोटें है।

24 घंटे के भीतर उनके घाव ‘ठीक’ हो गए – यह बताने के लिए ऑनलाइन प्रसारित हो रही सूरी कृष्णन की तस्वीर त्रिवेंद्रम हवाई अड्डे पर ली गई थी। उन्होंने बताया, “वामपंथी राजनीतिक दलों डीवाईएफआई और एसएफआई द्वारा स्वागत किया गया था।” उन्होंने कहा कि आगे के परामर्श के लिए वे कोल्लम में पद्मावती मेडिकल फाउंडेशन गए। आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. हरिकृष्णन, जो कृष्णन का इलाज कर रहे हैं, ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया, “मैंने सूरी कृष्णन की जांच की है। उनकी बाईं बांह और दाएं कंधे में गंभीर अंदरूनी चोट है। कोई फ्रैक्चर नहीं है, लेकिन हमने संचलन प्रतिबंधित किया है और उन्हें 2-3 सप्ताह के इलाज की ज़रूरत है। उनकी खोपड़ी पर हल्की चोटें भी हैं जो दो सप्ताह में ठीक होंगी। लेकिन उनकी अग्रभुजा में गंभीर सूजन है।”

इस प्रकार, एसएफआई कार्यकर्ता सूरी कृष्णन की तस्वीरों के साथ प्रसारित किया जा रहा दावा कि उन्होंने जेएनयू हिंसा में घायल होने का नाटक किया, झूठा है। इस गलत सूचना का प्रचार करने वालों में एबीवीपी के राष्ट्रीय संगठन सचिव आशीष चौहान भी थे, जिन्होंने 7 जनवरी को ट्वीट किया था। हालांकि, यह भी आश्चर्यजनक ही है कि एबीवीपी की नेता जाह्नवी ओझा ने जेएनयू हिंसा में घायल हुए छात्रों की जो सूची पोस्ट की उसमें कृष्णन का नाम शामिल है। ओझा ने दावा किया कि घायल 23 छात्रों में से 15, एबीवीपी के कार्यकर्ता थे। ओझा, 2016 के जेएनयू छात्रसंघ चुनावों में एबीवीपी से अध्यक्ष पद की उम्मीदवार थीं।

6 जनवरी के फेसबुक पोस्ट में उन्होंने दावा किया था, “जो स्टूडेंट्स जेएनयू हमले के बाद AIIMS एडमिट हुए है उनमें 23 में से 15 एबीवीपी के कार्यकर्ता हैं। एक बार शारीरिक पीड़ा झेलो और फिर मानसिक प्रताड़ना की गुंडे हम नहीं!” लेकिन ओझा की सूची में केवल 20 नाम हैं और सूरी कृष्णन समेत किसी भी व्यक्ति की पहचान उसके राजनीतिक जुड़ाव के साथ नहीं दी गई है। सूची में जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष भी हैं।

अपने वीडियो बयान में, कृष्णन ने एबीवीपी के साथ किसी भी संबंध से साफ इनकार किया है।

भाजपा समर्थकों ने झूठा दावा प्रचारित किया

एसएफआई कार्यकर्ता सूरी कृष्णन की तस्वीरें, यह दावा करने के लिए कि उन्होंने घायल होने का नाटक किया, सोशल मीडिया में व्यापक रूप से प्रसारित की गईं। इस झूठे दावे को साझा करने वालों में से अधिकांश भारतीय जनता पार्टी के समर्थक हैं। @Excomradekerala के एक ट्वीट को लगभग 4,000 रिट्वीट मिले हैं।

BJYM के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अतुल कुमार ने ऐसे ही सन्देश के साथ ट्वीट किया है।

भ्रामक सूचनाएं साझा करने के लिए जाना जाने वाला एक हैंडल, पॉलिटिकल कीड़ा ने त्रिवेंद्रम हवाई अड्डे पर कृष्णन के स्वागत का एक वीडियो बनाया।

Vinita Hindustani, @pokershash और The Skin Doctor, ऐसे ही दावे साझा किए हैं।

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