ओडिशा में हुई भयानक ट्रेन दुर्घटना में लगभग 300 लोगों की जान चली गई और 800 से ज़्यादा लोग घायल हो गए. इस दुर्घटना के कुछ ही दिनों बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी शेयर किया जा रहा है जिसमें एक व्यक्ति रेलवे पटरियों से टूटे हुए गैस सिलेंडर को निकालने की कोशिश कर रहा है. सोशल मीडिया यूज़र्स दावा कर रहे हैं कि ये घटना देश में कई जगहों पर ट्रेन दुर्घटनाओं की एक बड़ी साजिश हो सकती है.

ट्विटर हैन्डल ‘@MithilaWaala’ ने दावा किया कि मुसलमानों ने चलती ट्रेन के आगे गैस सिलेंडर फेंका. फिलहाल इस ट्वीट को डिलीट कर दिया गया है लेकिन इसका आर्काइव वर्ज़न आप यहां पर देख सकते हैं.

ट्विटर हैन्डल ‘@ajaychauhan41’ ने क्लिप को ट्वीट करते हुए दावा किया कि हल्द्वानी में चलती ट्रेन के आगे एक व्यक्ति ने ‘भरा हुआ गैस सिलेंडर’ फेंक दिया. आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को करीब 4 हज़ार बार रीट्वीट किया गया है. (आर्काइव)

भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “महाभारत शुरू हो चुका है और इस धर्मयुद्ध में जो धर्म के साथ नहीं हैं या न्यूट्रल दिखने की कोशिश कर रहे हैं वे वास्तव में अधर्म का सहयोग कर रहे हैं.” (आर्काइव)

वेरिफ़ाइड एकाउंट्स ‘@Sudhir_mish’ और ‘@SortedEagle’ ने भी ये वीडियो ट्वीट करते हुए यही दावा किया है कि ये घटना विपक्ष द्वारा सरकार को निशाना बनाने की साजिश का हिस्सा थी. (आर्काइव्स लिंक 1, लिंक 2)

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ये वीडियो फ़ेसबुक पर भी इसी दावे के साथ पोस्ट किया जा रहा है. मीडिया आउटलेट ‘पंजाब केसरी- उत्तराखंड‘ ने भी ये वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “हल्द्वानी में चलती ट्रेन के आगे एक व्यक्ति ने भरा हुआ गैस सिलेंडर फेंका, एक बड़ा हादसा होने से बचा” और साथ में मीडिया आउट्लेट ने ‘#odisharailacident’ का भी इस्तेमाल किया है.

ये वीडियो यूट्यूब पर भी इसी दावे के साथ वायरल है.

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने देखा कि पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर डिवीज़न के रेलवे सुरक्षा बल ने ट्विटर हैंडल ‘@ajaychauhan41’ के साजिश के दावों को ग़लत बताते हुए कहा कि ये वीडियो 5 जुलाई 2022 का है. गंगाराम पर रेल अधिनियम की धारा 174, 153 धारा-131/22 के तहत मामला दर्ज़ किया गया था.

काठगोदाम के RPF इंस्पेक्टर चंद्रपाल सिंह ने भी वायरल क्लिप ट्वीट करते हुए इसे पुराना वीडियो बताया. उन्होंने कहा कि गंगाराम के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी और मामला अभी भी अदालत में चल रहा है.

जब ऑल्ट न्यूज़ ने चंद्रपाल सिंह से कॉन्टेक्ट किया तो उन्होंने इस दावे को ग़लत बताया कि आरोपी मुसलमान था. उन्होंने कहा, “आरोपी का नाम गंगाराम है और उसके पिता का नाम बिहारीलाल है. वहीं ये घटना 5 जुलाई 2022 की है. आरोपी घर से खाली गैस सिलेंडर भरवाने के लिए निकला था. रेलवे ट्रैक पार करते समय उस ट्रैक पर एक ट्रेन आ गई और गंगाराम सिलेंडर को ट्रैक पर छोड़कर खुद को बचाने के लिए भाग गया. ट्रेन रुकने के बाद ट्रेन में मौजूद RPF एस्कॉर्ट ने उसे पकड़ लिया. चंद्रपाल सिंह के मुताबिक, आरोपी उत्तर प्रदेश के पीलीभीत का रहने वाला है, वो उत्तराखंड में गौला नदी में एक मजदूर के रूप में काम करता था और उसका कोई पिछला आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था. उसे गिरफ़्तार किया गया और लगभग दो महीने बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया.

चंद्रपाल सिंह ने ये भी पुष्टि की कि इस घटना से कोई नुकसान या हताहत नहीं हुआ और वो सिलेंडर खाली था.

कुल मिलाकर, रेलवे ट्रैक से सिलेंडर निकाले जाने का एक पुराना वीडियो इस निराधार दावे के साथ शेयर किया गया कि सरकार को निशाना बनाकर कोई बड़ी साजिश रची जा रही है. कुछ यूज़र्स ने इस घटना को सांप्रदायिक ऐंगल देते हुए ये दावा किया कि पटरियों पर भरे हुए गैस सिलेंडर को फेंकने वाला व्यक्ति मुसलमान है. दरअसल गंगाराम नाम का शख्स खाली सिलेंडर लेकर पटरी पार कर रहा था. जैसे ही उस लाइन पर ट्रेन आई, वो सिलेंडर को पटरियों पर छोड़कर खुद को बचाने के लिए भाग गया. ये घटना 5 जुलाई, 2022 की है. आरोपी उत्तराखंड का रहने वाला मजदूर है जिसका कोई पिछला आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है.

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About the Author

Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.