नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लेकर देश भर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। “हिंदू हूं चू*** नहीं” लिखा हुआ प्लेकार्ड (तख्ती) पकड़े एक प्रदर्शनकारी की तस्वीर कई लोगों ने यह कहते हुए साझा की कि आंदोलन के दौरान हिंदू के रूप में दिख रहा वह व्यक्ति, मुस्लिम है।
ट्विटर हैंडल (@TheBiongHead) ने एक सैयद मोहम्मद यासिर के ट्विटर प्रोफाइल के स्क्रीनशॉट के बगल में उस आदमी की तस्वीर लगा दी और लिखा, “चेहरे में कोई समानता?”
हेमंत कामरा और अमृता मल्होत्रा, जिन्हें रेल मंत्री पीयूष गोयल का कार्यालय फॉलो करता है, ने भी इस पोस्ट को प्रसारित किया।
तथ्य-जांच
ट्विटर यूजर सैयद मोहम्मद यासिर उन लोगों में से थे, जिन्होंने प्लेकार्ड के साथ उस आदमी की तस्वीर ट्वीट की थी। इस तस्वीर के वायरल होने के बाद और सोशल मीडिया पर उनकी तुलना इस व्यक्ति से किए जाने के बाद यासिर ने अपना ट्विट्टर अकाउंट बदलकर इसे प्राइवेट कर दिया है।
उस आदमी की प्लेकार्ड पकड़े हुए ही एक और सार्वजनिक तस्वीर उसका चेहरा स्पष्ट रूप से दिखलाती है।
उनके चेहरे की विशेषताओं की तुलना यह स्पष्ट करती है कि प्लेकार्ड वाला आदमी यासिर नहीं है। उनके फेस-कट अलग हैं और इसी तरह उनकी नाक के आकार भी अलग हैं।
यासिर की अन्य सार्वजनिक तस्वीरें भी चेहरे की विशेषताओं का अंतर दिखलाती हैं।
इसके अलावा, यासिर ने खुद ट्वीट किया था कि प्लेकार्ड पकड़े हुए व्यक्ति वह नहीं हैं।
इस प्रकार, “हिंदू हूं चू*** नहीं” लिखा प्लेकार्ड पकड़े हुए आदमी की वायरल की गई तस्वीर का दावा कि वह सैयद मोहम्मद यासिर है, झूठा है।
[अपडेट: इस लेख को 6 जनवरी, 2020 को प्रकाशित किया गया, क्योंकि यासिर ने अपना ट्विट्टर हैंडल डीएक्टिवेट कर दिया था, जो फ़ैक्ट-चेक का हिस्सा है।]सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
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