एक अनजान वेबसाइट ‘ब्रिटिश हेरल्ड (British Herald)’ के “रीडर्स पोल” का परिणाम, जिसमें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दुनिया का सबसे शक्तिशाली नेता बताया गया, भारतीय सोशल मीडिया में व्यापक रूप से प्रसारित किया जा रहा है. इस पोल को शेयर करने में भाजपा के नेता और समर्थक भी शामिल हैं. कुछ मीडिया संगठन जैसे ज़ी न्यूज़, रिपब्लिक टीवी और आज तक ने भी इसपर रिपोर्ट छापी है.

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस पोल को शेयर करते हुए नरेंद्र मोदी को भारत का सुप्रीम नेता बताया.

ज़ी न्यूज़ ने ब्रिटिश हेरल्ड को “प्रमुख ब्रिटिश पत्रिका” कहा है. इसमें आगे विस्तृत तौर पर कहा गया है, “अभी तक एक वैश्विक नेता की पहचान का एक और प्रमाण, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक प्रमुख ब्रिटिश पत्रिका द्वारा आयोजित किये गए विश्व के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति 2019 के लिए पाठक के सर्वेक्षण में एक विजेता के रूप में घोषित किया गया है.”

ऑल्ट न्यूज़ ने निर्णय किया कि इस पोल के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जानकारी इकठ्ठा की जाए जिसे मीडिया संगठनों द्वारा भारतीयों के लिए एक गर्व की बात के रूप में रिपोर्ट किया गया है.

कोविड के दौर में फिर से किया गया शेयर

इस पत्रिका के कवर को COVID महामारी के दौरान फिर से शेयर किया जा रहा है. अब दावा ये किया जा रहा है कि ब्रिटिश हेरल्ड ने PM मोदी को महामारी से बेहतर निपटने के लिए सबसे शक्तिशाली व्यक्ति घोषित किया है.

ब्रिटिश हेरल्ड का मालिक कौन है?

www.britishherald.com नाम की ये वेबसाइट अपने आप को ‘ऑनलाइन समाचार और सूचना प्रसार में दुनिया की शीर्ष मैगज़ीन में से एक’ बताती है. इसके लोगो बैनर में ‘रॉयटर्स के माध्यम से’ दिखाया गया है और बताया है कि यह दुनियाभर के समाचारों की विस्तृत जानकारी का प्रसार करती है.

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि इस वेबसाइट को हेरल्ड मीडिया नेटवर्क लिमिटेड नाम की कंपनी चलाती है. इस कंपनी का रजिस्ट्रेशन यूके बेस्ड है.

इस कंपनी को अप्रैल 2018 में एक भारतीय नागरिक अंसिफ़ अशरफ़ ने बनाया था. अशरफ़ के पास कंपनी के 85% शेयर हैं और बाकी शेयर अन्य चार लोगों के पास हैं. अशरफ़ के अलावा, कंपनी का एक अन्य निर्देशक अहमद शमसीर कोलियड शमसुद्दीन है. अंसिफ़ अशरफ़ के विकीपीडिया पेज के मुताबिक, वो एक कारोबारी हैं जो केरला से आते हैं और वो कोचीन हेरल्ड के एडिटर इन चीफ़ और ब्रिटिश हेरल्ड के मालिक हैं.

एक प्रमुख ब्रिटिश पत्रिका?

तो आखिर, ब्रिटिश हेरल्ड कितना लोकप्रिय है जो इसे भारतीय मीडिया द्वारा एक प्रमुख ब्रिटिश पत्रिका के रूप में पेश किया गया?

1. ब्रिटिश हेरल्ड की वैश्विक एलेक्सा वेब ट्रैफ़िक रैंक 28,518 है, जो तीन महीने पहले ही 95,979 थी. इसे समझने के लिए, indiatimes.com का वैश्विक एलेक्सा वेब ट्रैफिक रैंक 190 है, NDTV का एलेक्सा रैंकिंग 395 है. अगर ट्रैफिक के हिसाब से देखा जाये तो ब्रिटिश हेरल्ड प्रमुख पत्रिका के तौर पर कहीं नहीं है.

2. ब्रिटिश हेरल्ड के ट्विटर अकाउंट पर फॉलोअर्स 4,000 हैं. इससे बिलकुल विपरीत, ऑल्ट न्यूज़ के ट्विटर अकाउंट पर फॉलोअर्स 120000 से ज़्यादा है. ब्रिटिश मीडिया के प्रमुख मीडिया संगठन जैसे की BBC और द गॉर्डियन के लाखों की संख्या में फॉलोअर्स है.

3. ब्रिटिश हेरल्ड के फ़ेसबुक पेज पर 57,000 फॉलोअर्स हैं. इसकी तुलना में, BBC के फेसबुक पेज पर 48 लाख फॉलोवर्स और द गॉर्डियन के 8 लाख फॉलोवर्स हैं.

4. इस लेख को लिखते समय ब्रिटिश हेरल्ड का कोई विकिपीडिया पेज नहीं था, जबकि हर प्रमुख मीडिया संगठन का एक विकिपीडिया पेज होता है.

5. एक भी प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने पीएम मोदी के ’ब्रिटिश की प्रमुख वेबसाइट द्वारा वैश्विक नेता के चुनाव जीतने की खबर को प्रकाशित नहीं किया है, केवल भारतीय प्रकाशनों द्वारा ही इसे प्रसारित किया गया है.

6. इस लेख को लिखते समय तक ब्रिटिश हेरल्ड के ट्विटर अकाउंट से प्रकाशित किये गए इस परिणाम को केवल 150 बार ही रीट्वीट किया गया है.

7. संयोग से, ब्रिटिश हेरल्ड द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को “दुनिया का सबसे शक्तिशाली नेता” घोषित करती हुई पत्रिका की तस्वीर को ट्वीट किया था, इसे मतदान ख़त्म होने के एक महीने पहले ट्वीट किया गया था. यह ट्वीट को 23 मई को किया गया था, जिसे इस लेख को लिखते समय सिर्फ 30 बार रीट्वीट किया गया है.

इस हिसाब से ये साफ है कि ब्रिटिश हेरल्ड प्रमुख ब्रिटिश पत्रिका नहीं है. वह कंपनी जो ब्रिटिश हेरल्ड की मालिक है और इसने यह सर्वे ब्रिटेन में करवाया था. इस पोल सर्वे की प्रक्रिया की कोई भी जानकारी और सर्वे का कोई भी सैंपल यहां पर नहीं दिया गया है. हालांकि वेबसाइट ने कहा है कि वोटिंग के दौरान वेबसाइट के ट्रैफिक में वृद्धि हुई है.

भाजपा नेताओं की इस सर्वे पर प्रतिक्रिया

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ.हर्षवर्धन ने पीएम मोदी की जीत को 130 करोड़ भारतीयों के लिए ‘गर्व और सम्मान की बात’ बताया है.

भाजपा नेताओं ने इसे काफी उत्साह के साथ शेयर किया.

उत्साही मीडिया संगठन

इसे रिपब्लिक टीवी ने “बड़ी वृद्धि” और भारवासियों के लिए गौरव का क्षण बताया है.

कई मीडिया संगठनों ने इसे काफी नाट्यात्मक तरीके से प्रस्तुत किया.

हालांकि भाजपा नेताओं और समर्थकों द्वारा इस सर्वे परिणामों के बारे में ज़बरदस्त प्रसार करना समझ में आता है लेकिन एक अनजान वेबसाइट के सर्वे के परिणामों को रिपोर्ट करना मीडिया की भूमिका पर सवाल उठाती है. “सभी भारतीयों के लिए गर्व की बात” को समाचार के रूप में प्रसारित करने वाले किसी भी मीडिया संगठन ने, इस पोल के परिणामों के पीछे की वेबसाइट के बारे में पड़ताल करने की कोशिश नहीं की.

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