पीएम मोदी ने 30 दिसंबर 2022 को हावड़ा-न्यू जलपाईगुड़ी वंदे भारत एक्सप्रेस का वर्चुअली उद्घाटन किया. 2 जनवरी को मालदा स्टेशन के पास वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव की ख़बर आई. इसके बाद भाजपा नेताओं और न्यूज़ आउटलेट्स ने कुछ तस्वीर शेयर करते हुए दावा किया कि ये वंदे भारत ट्रेन पर हुए पथराव का दृश्य है. इस तस्वीर में दिख रहा है कि ट्रेन की खिड़की का कांच टूटकर सीटों पर बिखड़ा पड़ा है.
पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकान्ता मजूमदार ने कुछ तस्वीरें ट्वीट करते हुए वंदे भारत पर पथराव होने की बात कही. हालांकि, उन्होंने बाद में ये ट्वीट डिलीट कर दिया. इसके बाद उन्होंने शब्दसः दूसरा ट्वीट किया जिसमें न्यूज़ 18 के एक प्रोग्राम का वीडियो था.
सीएनएन न्यूज़ 18 ने एक प्रोग्राम में वंदे भारत ट्रेन की बताया. इस प्रोग्राम को भाजपा विधायक और पश्चिम बंगाल विधानसभा नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने भी ट्वीट किया.
#Breaking | #WestBengal: Two days after the launch of #VandeBharat express, stone pelters target train
It is state govt’s total failure to keep the law and order situation here: Bengal BJP VP @rathindraOFC
TMC sympathizer Manojit Mandal joins in@JamwalNews18 @KamalikaSengupt pic.twitter.com/UocrH2dkye
— News18 (@CNNnews18) January 2, 2023
टाइम्स नाउ ने वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव की ख़बर में इस तस्वीर का इस्तेमाल किया. (आर्काइव लिंक)
द टेलीग्राफ़ ने भी एक रिपोर्ट में वायरल तस्वीर को वंदे भारत एक्सप्रेस की फ़ाइल पिक्चर बताया. (आर्काइव लिंक)
इन सब के अलावा, आसनसोल भाजपा ने भी ये तस्वीरें शेयर कीं. (आर्काइव लिंक)
फ़ैक्ट-चेक
वायरल तस्वीर के बारे में जानकारी जुटाने के लिए ऑल्ट न्यूज़ ने फ़ेसबुक टूल क्राउडटेंगल पर बंगाली की-वर्ड्स सर्च किया. हमें कई ऐसे पोस्ट्स मिलें जिसमें बंगाली भाषा में लिखा था कि ये तस्वीर पुरुलिया एक्सप्रेस (12827) के कोच नंबर D3 की है. इन पोस्ट्स के मुताबिक, घटना 1 जनवरी की है जब परुलिया एक्सप्रेस पर बंगाल के पांसकुड़ा क्रॉस करने से पहले किसी ने बाहर से पत्थर फेंका जिससे बॉगी का कांच टूट गया. इस घटना में एक लड़का भी ज़ख़्मी हो गया था. इन सभी पोस्ट्स में ऐसी ही जानकारी मौजूद थी और सभी पोस्ट्स के नीचे एक व्यक्ति का नाम लिखा था – प्रणबेश सेन. उदाहरण के लिए यहां और यहां ऐसे पोस्ट्स देखे जा सकते हैं.
इन सब जानकारी के अनुसार, फ़ेसबुक पर प्रणबेश सेन सर्च करने पर हमें इस नाम का एक अकाउंट मिला. इस अकाउंट से 1 जनवरी को वायरल तस्वीर के अलावे घटना से जुड़ी और भी तस्वीरें पोस्ट की गई थीं.
এতদিন শুনে এসেছি ট্রেনে পাথর ছোঁড়ার গপ্প। আজ বছরের প্রথম দিনে এই দুর্ঘটনার সাক্ষী থাকলাম । দুর্ঘটনা না বলে ক্রাইম এবং…
Posted by Pranabesh Sen on Sunday, 1 January 2023
हमने देखा कि प्रणबेश सेन के फ़ेसबुक पोस्ट पर एक यूज़र ने कमेन्ट किया था कि वो इस घटना के दौरान घायल हुए पीड़ित को जानते हैं. इसके साथ ही यूज़र ने सौमित्रा कोले नाम के अकाउंट को मेंशन किया था. इस यूज़र के अकाउंट के अबाउट सेक्शन में लिखा था कि वो पुरुलिया सादर के SDHO (Sub Divisional Horticulture Officer) हैं. इसके बाद हमने गूगल पर फ़िल्टर के साथ सर्च किया. यहां से हमें डिपार्टमेंट ऑफ़ फ़ूड प्रोसेसिंग एंड हॉरटीकल्चर, पश्चिम बंगाल सरकार की वेबसाइट पर डॉ. सौमित्रा कोले का कॉन्टैक्ट डिटेल मिला.
हमने डॉ. सौमित्रा कोले से इस मुद्दे पर बात की. उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि 1 जनवरी को वे पुरुलिया एक्सप्रेस D3 बॉगी के सीट नंबर 78 पर मौजूद थे. 5 बजकर 30 मिनट के करीब बाहर से पत्थर फेंका गया जिससे खिड़की का कांच टूट गया और वो इसमें गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस घटना में उनके होंठ में चोट आई और ऊपर का एक दांत टूट गया. मौके पर लोगों ने टीटीई को इसकी सूचना दी. उन्होंने डॉ. कोले के सहयात्रियों की मदद से उनका प्राथमिक उपचार किया. इसके बाद जब ट्रेन खड़गपुर स्टेशन पहुंची तब उनका इलाज वहां के रेलवे अस्पताल में हुआ. फिलहाल वो बेडरेस्ट पर हैं. डॉ. सौमित्रा कोले ने हमें घटना वाले दिन की एक तस्वीर भी भेजी जिससे इस बात की पुष्टि की जा सकती है कि घटना पारुलिया एक्सप्रेस में हुई थी न कि वंदे भारत एक्सप्रेस में.
यूट्यूब पर की-वर्ड्स सर्च की मदद से हमें 29 दिसंबर 2022 का एक व्लॉग मिला. इस वीडियो में यूट्यूबर MOinsideHIT ने उद्घाटन से पहले रेलवे यार्ड में रखी वंदे भारत ट्रेन का फर्स्ट लुक दिखाया था. हमने इस वीडियो में दिखाए गए Executive Class और Chair Car की सीटों से वायरल तस्वीर वाली सीट का मिलान किया तो पाया कि ये सीटें वंदे भारत एक्सप्रेस की सीटों से मेल नहीं खाती हैं.
कुल मिलाकर, वायरल तस्वीर वंदे भारत एक्सप्रेस पर हुए पथराव के बाद की नहीं बल्कि पारुलिया एक्स्प्रेस पर हुए पथराव के बाद की है. लेकिन कुछ मीडिया संगठनों ने भी बिना चेक किये इस तस्वीर का इस्तेमाल अपनी रिपोर्ट में किया.
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