दिलशाद गार्डन मेट्रो स्टेशन पर बम मिला – (अनुवाद)” — यह संदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो के साथ लिखा गया है। 31-सेकेंड की इस क्लिप में दिल्ली के दिलशाद गार्डन मेट्रो स्टेशन के बाहर जमा हुई पुलिस दिखती है। वीडियो ले रहा व्यक्ति यह कहता है कि पुलिस को स्टेशन पर एक बम मिला है और लोगों को सलाह दी जाती है कि कोई चीज न छुएं। वह आगे कहता है, “अगरकुछ भी आस-पास दिखे तो तुरंत पुलिस को सूचना दें ।”

 

Dilshad garden metro station bomb found.. Request to all please be careful and safe time ..

Posted by Rajsar Foundation Since 2017 on Wednesday, February 20, 2019

यह वीडियो फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर व्यापक रूप से एक ही संदेश के साथ शेयर किया गया है, जिससे लगता है कि यह व्हाट्सएप्प पर भी प्रसारित है।

मॉक ड्रिल

यह 31-सेकेंड की क्लिप गलत संदेश के साथ पोस्ट की गई है। दिलशाद गार्डन मेट्रो स्टेशन पर बम मिलने की पुष्टि करने वाली कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं है। यह संभव नहीं कि इतनी गंभीर घटना की मीडिया में रिपोर्ट ना हो।

इस वीडियो में दूसरे संकेत भी हैं जो संकेत देते हैं कि वायरल दावे गलत हैं। अगर कोई वीडियो को ध्यान से देखे तो पुलिस लोगों को स्टेशन से बाहर नहीं निकाल रही है। यात्री और आस-पास के लोग स्वतंत्रतापूर्वक स्टेशन से आ-जा रहे हैं।

कई सोशल मीडिया यूजर्स ने कमेंट भी किया है कि यह मॉक ड्रिल का प्रतिनिधित्व करता है। ऑल्ट न्यूज़ को इस मॉक ड्रिल का दूसरे कोण से बनाया गया एक यूट्यूब वीडियो भी मिला जिसमें इस घटना का इस रूप में विवरण दिया गया था, “दिलशाद गार्डन मेट्रो स्टेशन मैकडोनाल्ड्स’ बम मॉक ड्रिल – (अनुवाद)“।

हमने दिलशाद गार्डन पुलिस थाने से पुष्टि के लिए संपर्क किया और पुलिस के जवाब के बाद इस लेख को अपडेट किया जाएगा।

पुलिस मॉक ड्रिल के वीडियो को “बम मिलने” या “आतंकी हमला” के रूप में सोशल मीडिया में शेयर करने की यह कोई पहला मामला नहीं है। इसी महीने के शुरूआत में मुंबई के डीमार्ट हाइपरमार्केट में हुई आतंकवाद से मुकाबले की मॉक ड्रिल को “पुलिस द्वारा आतंकवादियों के पकड़े जाने” के रूप में शेयर किया गया। पिछले महीने, तेलंगाना पुलिस की मॉक ड्रिल का वीडियो तिरुपति तिरुमाला बाइपास रोड पर आतंकी हमले के रूप में वायरल हुआ। ऐसे समय में, जब पुलवामा आतंकी हमले के बाद लोग आहत हैं, एक मॉक ड्रिल का वीडियो, पुलिस को बम मिलने के गलत संदेश के साथ पोस्ट किया जाना, अनावश्यक आतंक फैलाने का कारण बन सकता है।

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.