सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो इन दावों के साथ प्रसारित किया जा रहा है कि तिरुपति तिरुमाला बायपास रोड पर एक आतंकी मारा गया और तीन आतंकी गिरफ्तार किए गए।
यह वीडियो कई सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर शेयर किया गया है। इसका एक समान संदेश के साथ वायरल होना यह दर्शाता है कि इस क्लिप को व्हाट्सएप्प पर भी फॉरवर्ड किया गया है।
मॉक-ड्रिल
यह वीडियो तिरुपति तिरुमाला बायपास रोड पर आतंकी हमले का चित्रण नहीं करता है। असल में, यह वीडियो, तेलंगाना पुलिस की ऑक्टोपस (OCTOPUS) टीम द्वारा वारंगल जिले में आयोजित मॉक-ड्रिल का है। एक स्थानीय समाचार चैनल एनटीवी तेलुगु (NTV Telugu) ने 12 जनवरी, 2019 को इस प्रशिक्षण अभ्यास की खबर की थी। इस चैनल के वीडियो में 3:08वें मिनट से, सोशल मीडिया में वायरल क्लिप को देखा जा सकता है।
इस मॉक-ड्रिल की खबर दक्षिणी राज्यों के मुख्यधारा मीडिया संगठनों ने भी की थी। तेलंगाना टुडे ने 11 जनवरी को खबर की — “लोगों को यह संदेश देने के लिए कि किसी भी आतंकी हमले की स्थिति में पुलिस बल उनका बचाव करने के लिए हमेशा तैयार है, कमांडो फोर्स ऑक्टोपस (Organisation for Counter Terrorist Operations/आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाने वाले संगठन)
के कर्मियों ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से प्रसिद्ध भद्रकाली मंदिर में मॉक-ड्रिल आयोजित की है।”
खबर में यह भी बताया गया कि “काली वर्दी पहने अत्याधुनिक हथियारों से लैस ऑक्टोपस फोर्स के अचानक आने से” श्रद्धालु और स्थानीय लोग चौंक गए। मगर पुलिस द्वारा बताए जाने पर कि यह फोर्स की केवल मॉक-ड्रिल थी, वे शांत हुए।
बूमलाइव ने वायरल दावों की जाँच करते हुए वारंगल पुलिस कमिश्नरी में पीआरओ मोहन कृष्णा से बात भी की, जिन्होंने बताया कि 11 जनवरी को ऑक्टोपस टीम ने वारंगल में दो मॉक-ड्रिल की, भद्रकाली मंदिर और एमजीएम अस्पताल के निकट चौराहे पर। कृष्णा ने कहा, “हमलोग यह जानकर चकित हैं कि मॉक-ड्रिल का वीडियो आतंकी हमले के रूप में फैलाया जा रहा है। यह केवल मॉक-ड्रिल था जिसमें अत्यधिक कुशल कमांडो शामिल थे। इसमें चिंता की कोई बात नहीं है।”
इस प्रकार, सोशल मीडिया के दावे — कि वह वीडियो तिरुपति तिरुमाला बायपास रोड पर आतंकियों के पकड़े जाने का है — पूर्णतया झूठा हैं। पहले भी, झारखंड में एक अन्य पुलिस मॉक-ड्रिल को ‘किसानों पर गोली चलाती मध्यप्रदेश पुलिस’ के रूप में शेयर किया गया था।
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