20 मई, 2023 को ट्विटर यूज़र्स कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए दावा करने लगे कि कोयंबटूर में एक मुस्लिम दुकानदार को पकड़ा गया है जो नपुंसक बनाने वाली दवाई बिरयानी में मिलाकर हिंदुओं को बेचता था. ऐसे दावे वाले कुछ ट्वीट्स यहां देखे जा सकते हैं: लिंक1, लिंक 2, लिंक 3, लिंक4. इन ट्वीट्स में 3 तस्वीरें हैं.

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ऑल्ट न्यूज़ के ऐप पर 3 फ़रवरी, 2021 को इस तरह के दावे की फ़ैक्ट-चेक रिक्वेस्ट आई थीं. इनमें चार तस्वीरें थीं और इसके साथ वायरल दावे में लिखा था, “सावधान, सावधान!! मित्रों, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के हाईवे पर सभी मुस्लिम होटलों में हिन्दू लोगों के लिए नपुंसकता की दवाइयां खाने में मिलाते हैं.”

हमने देखा कि ये तस्वीरें इन दावों के साथ उस वक़्त फ़ेसबुक पर वायरल है.

 

2020 से वायरल

ट्विटर यूज़र @RD_BANA ने मार्च 2020 में चार तस्वीरों का एक कोलाज शेयर किया जिसके साथ दावा किया गया कि मुस्लिम व्यक्ति बिरयानी में दवाई मिला कर परोस रहा है. ट्वीट में लिखा था – मुस्लिम और हिंदुओं के लिए अलग अलग बर्तनों में बिरयानी बनाई जा रही है. हिंदुओं को ऐसी बिरयानी दी जा रही है जिसमें नपुंसक बनाने की दवाई मिलाई गई हो. कोयंबटूर की एक होटल में ऐसी ही बिरयानी बांटते हुए पकड़ा गया है. इस होटल का नाम माशा अल्लाह ऑफ़ रहमान बिस्मिल्लाह है. मेसेज के अंत में सतर्क करते हुए कहा गया है कि ध्यान रखे! वो हर तरीकों से आप तक पहुंचना चाहते हैं.

राजेश शर्मा नाम के यूज़र ने लिखा, “कोयम्बटूर में “माशा अल्लाह” नाम से फ़ास्ट फ़ूड बेचने वाला मुल्ला 2 बर्तनों में बिरियानी पकाता था…. एक मुस्लिमों के लिए और एक हिन्दुओं के लिए।हिन्दुओं के बर्तन में लड़के व लड़कियों को नपुंसक बनाने की टेबलेट मिलाता था ताकि हिन्दुओं की जनसंख्या वृद्धि को रोका जा सके.” (ट्वीट का आर्काइव)

इन तस्वीरों को व्हाट्सैप पर भी शेयर करते हुए लगभग यही दावा किया जा रहा है.

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फ़ेसबुक यूज़र शशिकला कथायर्सन ने भी यही दावा करते हुए बताया कि ये दवाईया बर्थ कंट्रोल की है. मेसेज में बताया गया है कि मुस्लिम होटलों में बिरयानी के साथ बर्थ कंट्रोल की दवाईयां दी जा रही है ताकि हिन्दू बच्चों के जन्म की संख्या को कम किया जा सके. साथ ही लिखा है कि कई ऐसे रिपोर्ट्स सामने आयीं हैं, जिससे पता चला है कि मुस्लिम ऐसी तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं. हिंदुओं से मेरा अनुरोध है कि प्लीज़ मुस्लिम दुकानदारों से कोई चीज़ न खरीदें.

इसी दावे वाले तमिल मेसेज के साथ कई यूज़र्स ये तस्वीरें शेयर कर रहे हैं.

फ़ैक्ट-चेक

कोयंबटूर सिटी पुलिस ने मार्च 2020 में एक ट्वीट पर रिप्लाइ करते हुए बताया था कि @RD_BANA हैन्डल ‘फ़र्ज़ी खबर’ फ़ैला रहा है.

22 मई 2023 को द न्यूज़ मिनट ने खबर दी कि कोयंबटूर पुलिस ने इस मामले में कई ट्विटर हैन्डल के खिलाफ़ शिकायत दर्ज की है.

ऑल्ट न्यूज़ ने वायरल हो रही तस्वीरों को गूगल, यांडेक्स और टीनआई पर रिवर्स सर्च किया और पाया कि इन तस्वीरों को किसी भी रेंडम वेबसाईट से लिया गया है.

पहली तस्वीर

ये तस्वीर वर्डप्रेस के एक फूड ब्लॉग ‘स्ट्रीट फूड नाउ‘ में शेयर की गई थी. पोस्ट में एक यूट्यूब वीडियो भी शेयर किया गया है, जिसमें इस तस्वीर को थंबनेल की तरह यूज़ किया गया है. ये वीडियो 30 जून, 2019 को अपलोड किया गया था.

दूसरी तस्वीर

ये तस्वीर 2017 में @shoprest17 अपलोड किये गए वीडियो के पहले की-फ्रेम का स्क्रीनशॉट है. अगर कोई ध्यान से इस तस्वीर को देखे तो बिरयानी के ऊपर रखे हुए अंडों को साफ़ तौर पर देखा जा सकता है.

तीसरी और चौथी तस्वीर

इन तस्वीरों को 2019 के ‘IBC तमिल’ के आर्टिकल से लिया गया है. ये वेबसाइट श्रीलंका में रहने वाले तमिल प्रवासियों के बारे में ख़बर प्रकाशित करती है.

ऑल्ट न्यूज़ ने गूगल पर की-वर्ड्स सर्च किया और श्रीलंका की एक वेबसाइट ‘प्राइम न्यूज़; का आर्टिकल मिला. रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस स्पेशल टास्क फ़ोर्स ने कोलंबो के एक गोदाम से काफ़ी बड़े जत्थे में सेक्सुअली स्टिम्युलेटिंग पिल और अबॉर्शन पिल मिली.

पांचवी तस्वीर

ये तस्वीर रॉयल्टी-फ्री फ़ोटो और स्टॉक फ़ोटोग्राफी वेबसाइट ‘ड्रीम्स टाइम‘ से लिया गया है.

छठी तस्वीर

द टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट्स के मुताबिक, “पुलिस ने 10 जुलाई, 2019 को अवैध हथियार की एक टिप मिलने के बाद मदरसा दारुल कुरआन हमीदिया में रेड मारी थी और 8 कार्ट्रिज वाली .32 बोर की पिस्तल, 16 कार्ट्रिज का .32 बोर वाला एक तमंचा और 16 कार्ट्रिज वाले .315 बोर के 3 तमंचे समेत पांच हथियार बरामद किए थे.”

बिजनौर पुलिस के मुताबिक, बरामद किये गये हथियार अवैध हथियार रैकेट का हिस्सा थे. इस मामले में जुलाई 2019 में 6 लोगों की गिरफ़्तारी हुई थी.

इस तरह अलग-अलग वेबसाइट्स से तस्वीरें इकट्ठा कर सोशल मीडिया में झूठा दावा किया गया कि मुस्लिम हिंदुओं की बिरयानी में नपुंसक होने की दवाई मिलाते हैं.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.