ट्विटर यूजर पवन दुर्रानी (Pawan Durani) ने 29 नवंबर की सुबह एक सड़क की तस्वीरों को ट्वीट किया और दावा किया कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सौजन्य से एक गांव में नई बनी थी। तस्वीरों में सड़क पर नंगे पैर खेलते बच्चों को देखा जा सकता है। दुर्रानी, जिन्हें प्रधानमंत्री मोदी फ़ॉलो करते हैं, ने बाद में अपने ट्वीट को हटा दिया। तबतक इसके 5000 लाइक और 2,000 से अधिक रीट्वीट हो चुके थे।

वही तस्वीरें फेसबुक पर भी कई दक्षिण पंथी यूजर और पेजों द्वारा खूब प्रसारित किया गया। इसे प्रसारित करने में फर्जी खबर फ़ैलाने वाला पेज पोस्ट कार्ड फैन भी शामिल है।

Thank u Modiji…

Posted by Post Card Fans on Wednesday, 28 November 2018

इसके अलावा और भी पेज हैं, जहाँ इस ट्वीट को शेयर किया गया व हैं, My Prime Minister – Modi, We Support Sangh Parivar और Narendra Modi Fans : Karnataka यही दावा व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं द्वारा भी किया गया।

फेसबुक और ट्विटर पर कई उपयोगकर्ताओं ने यह कहते हुए भी फोटो पोस्ट किया है, “देश आजाद होने के 72 साल बाद भी विकास का मजाक उड़ाने वाले चमचों और गुलामों को समर्पित पोस्ट ओडीसा के एक गांव में जब पहली बार पक्की सड़क बनी तो इन मासूम बच्चों ने सम्मान में चप्पल भी उतार दी।”

इंडोनेशिया की तस्वीर

ऑल्ट न्यूज़ ने इन तस्वीरों की रिवर्स सर्च की तो पाया कि वे एक इंडोनेशियाई गांव की थीं, जहां के निवासियों ने अपने जीवन में पहली बार डामर सड़क देखी थी। द क्यूबेक टाइम्स (The Quebec Times) वेबसाइट ने 15 अक्टूबर 2018 को प्रकाशित एक लेख में ये फोटो शेयर किए था।

ये तस्वीरें अन्य वेबसाइटों द्वारा 1, 2, 3 अक्टूबर को भी प्रसारित की गई थीं। हालांकि, ऑल्ट न्यूज़ ने पता की तस्वीरों का सबसे पहले उपयोग अगस्त 2018 में किया गया था। एक लोकप्रिय इंडोनेशियाई वेबसाइट ब्रिलियो डॉट नेट (brilio.net) द्वारा उन्हें शेयर किया गया था। यहां इन तस्वीरों के लिए ट्विटर हैंडल @gothed को श्रेय दिया गया था। इस यूजर ने 27 अगस्त 2018 को ये तस्वीरें ट्वीट की थीं।

दूसरे देशों के ढांचागत विकास को भारत सरकार के विकास कार्य दिखाना सोशल मीडिया पर आम बात है। हाल ही में, अहमदाबाद की मेयर बीजल पटेल ने सिओल की एक तस्वीर को अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट का बताकर ट्वीट किया था। इससे पहले, शंघाई के नानपु ब्रिज की तस्वीर को सोशल मीडिया में वाराणसी की सड़कों का बताकर पोस्ट किया गया था। पिछले साल, छत्तीसगढ़ के पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूणत ने वियतनाम के एक पुल को रायगढ़ का बताकर; कइयों ने राजकोट बस स्टैंड के डिजिटली बनाए हुए चित्र को असली तस्वीर बताकर; और सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अमरीका और कनाडा की तस्वीरों को, अपने परिवहन वेबसाइट पर, पोस्ट किया था। यहां तक कि, आम आदमी पार्टी ने हाल ही में नीदरलैंड्स के एक ब्रिज को दिल्ली का सिग्नेचर ब्रिज बताया था।

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

About the Author

Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.