एक व्यक्ति को पीटने का वीडियो सोशल मीडिया पर काफ़ी शेयर किया जा रहा है. दावा है कि ये व्यक्ति भाजपा नेता उमेश सिंह हैं जिन्होंने किसानों के आंदोलन को बदनाम करने के लिए प्रदर्शन में पाकिस्तान ज़िन्दाबाद के नारे लगाए. फ़ेसबुक पेज ‘Priyanka Gandhi – Future Of India’ ने ये वीडियो इसी दावे के साथ पोस्ट किया है. आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को 88 हज़ार बार देखा जा चुका है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

किसान आंदोलन में शामिल होकर पाकिस्तान जिन्दाबाद के नारे लगाते भाजपा नेता उमेश सिंह को किसानों ने पकड़कर जूतों से मारा…

Posted by Priyanka Gandhi – Future Of India on Tuesday, 15 December 2020

एक और फ़ेसबुक पेज ‘आप एक्सप्रेस’ ने ये वीडियो पोस्ट किया. आर्टिकल लिखे जाने तक इसे 18 हज़ार से ज़्यादा व्यूज़ मिले हैं. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

किसान आंदोलन

किसान आंदोलन में घुस कर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते भाजपा नेता उमेश सिंह को किसानों ने पकड़कर खूब पीटा ।।

किसान आंदोलन को बदनाम करने की हर संभव कोशिश सरकार द्वारा ।।

Posted by AAP Express on Tuesday, 15 December 2020

ट्विटर यूज़र जगमोहन कौशल ने ये वीडियो इस दावे के साथ ट्वीट किया है. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)

ट्विटर और फ़ेसबुक पर ये वीडियो इसी दावे के साथ धड़ल्ले से शेयर किया जा रहा है.

फ़ैक्ट-चेक

सबसे पहले ऑल्ट न्यूज़ ने ये पता लगाने की कोशिश की कि भाजपा से उमेश सिंह नाम का कोई नेता जुड़ा है या नहीं. इस बात की जानकारी हासिल करने के लिए ‘माय नेता’ (My Neta) वेबसाइट पर चेक किया. सर्च करने पर उमेश सिंह नाम से जुड़े 30 रिज़ल्ट मिले. लेकिन इनमें से एक भी व्यक्ति भाजपा से जुड़ा हुआ नहीं पाया गया. गौर करने वाली बात है कि कोई भी व्यक्ति बिना इलेक्शन लड़े भी पार्टी नेता हो सकता है.

वायरल हो रहे वीडियो में ‘भारत समाचार’ लिखा हुआ है जिसके चलते हमने भारत समाचार के ऑफ़िस में संपर्क किया.

भारत समाचार की तरफ़ से इस स्टोरी को कवर करने वाले पत्रकार लोकेश राय ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया, “भारत किसान यूनियन (BKU) से जुड़े लोग गाज़ियाबाद-दिल्ली बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. ग्राउन्ड रिपोर्ट करते वक़्त मुझे मालूम हुआ कि BKU ने मीडिया से बातचीत करने का काम कुछ लोगों को सौंपा था. ताकि प्रदर्शन की बातें सही तरीके से मीडिया के ज़रिए लोगों तक पहुंचाई जा सकें. प्रदर्शन के दौरान विवाद तब शुरू हुआ जब अरुण कुमार ने मीडिया को बयान दिया. मीडिया से बात करते हुए अरुण कुमार ने ‘गोदी मीडिया’ की बुराई की. अरुण कुमार, दिल्ली का रहनेवाला है और वैशाली सिक्योरिटी एंटरप्राइज़ेज़ का मालिक है. अरुण को गाज़ियाबाद की खोड़ा मकनपुर पुलिस ने गिरफ़्तार किया था.”

वीडियो में हो रही बातचीत इस प्रकार है: “कहां से आया है?… नेता बनना है इसको, नेता? बना इसको नेता…” इस बातचीत से हमें ये समझ में आया कि किसानों ने इस व्यक्ति की पिटाई इसलिए की क्योंकि वो उसे किसान प्रदर्शन का हिस्सा नहीं मानने थे. उनके मुताबिक, ये व्यक्ति खुद को नेता बता रहा था. इसके अलावा, वीडियो को सुनने पर कही भी पाकिस्तान ज़िन्दाबाद के नारेबाज़ी होने या उसकी वजह से इस व्यक्ति की पिटाई होने का संकेत नहीं मिलता है.

भारत समाचार ने ये वीडियो 14 दिसम्बर को ट्वीट किया था. ट्वीट के मुताबिक, वीडियो में अरुण कुमार नाम के व्यक्ति की पिटाई की गई है.

ऑल्ट न्यूज़ ने खोड़ा मकनपुर के SHO मोहम्मद असलम से संपर्क किया. उन्होंने बताया, “अरुण कुमार को रिपब्लिक भारत के पत्रकार के साथ कहा-सुनी के बाद गिरफ़्तार किया गया था. प्रदर्शन में पाकिस्तान के समर्थन में कोई नारेबाज़ी नहीं हुई थी. वहां पर मौजूद प्रदर्शनकारियों ने भी अरुण के इस बर्ताव का विरोध करते हुए उसे पीटा था. अरुण कुमार किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ा हुआ नहीं है. वो वैशाली सिक्योरिटी एंटरप्राइज़ेज़ नामक एक फ़र्म चलाता है.”

आगे, हमने SHO से पूछा कि क्या उन्होंने अरुण कुमार के राजनीतिक संबंध के बारे में कोई छानबीन की है या नहीं? जिसके जवाब में उन्होंने बताया, “नहीं, हमने ऐसी कोई छानबीन नहीं की है.” ऑल्ट न्यूज़ ने SHO से अरुण कुमार के सोशल मीडिया पोस्ट चेक करने के बारे में भी पूछा. इसका जवाब देते हुए उन्होंने बताया, “हमने सिर्फ़ अरुण की बातें नोट की हैं. हमने ये चेक नहीं किया कि अरुण की कंपनी कहां पर लोकेटेड है.”

SHO असलम ने ऑल्ट न्यूज़ को अरुण कुमार की तस्वीर भेजी और बताया, “कोई FIR दर्ज नहीं की गई है. अरुण कुमार का केस 1973 के कोड ऑफ़ क्रिमिनल प्रोसीजर की धारा 151 के तहत रजिस्टर्ड किया गया है जो कि संदिग्ध अपराधों को रोकने के लिए गिरफ़्तारी की छूट देता है.”

अरुण कुमार के राजनीतिक से जुड़े पक्ष के बारे में हम ज़्यादा कुछ जान नहीं पाए हैं. लेकिन ‘माय नेता’ वेबसाइट पर अरुण कुमार के बारे में सर्च करने पर हमें अरुण कुमार नाम के हिमाचल प्रदेश से जुड़े एक भाजपा नेता में पता चला.’माय नेता’ वेबसाइट पर मौजूद ईमेल अड्रेस की मदद से हम अरुण कुमार की तस्वीर हिमाचल प्रदेश विधानसभा वेबसाइट से ढूंढ पाए. हिमाचल प्रदेश भाजपा से जुड़े अरुण कुमार की तस्वीर को हमने SHO द्वारा भेजी गई तस्वीर से कंपेर किया. ये दोनों मेल नहीं खाती हैं.

कुल मिलाकर, भारत समाचार बुलेटिन का वीडियो सोशल मीडिया पर इस झूठे दावे से शेयर किया गया कि किसानों ने भाजपा के नेता उमेश सिंह की पिटाई की है क्योंकि वो प्रदर्शन में पाकिस्तान ज़िन्दाबाद के नारे लगा रहा था. ऑल्ट न्यूज़ ने जांच में पाया कि वीडियो में जिस व्यक्ति की पिटाई की गई है कि वो दिल्ली का रहनेवाला अरुण कुमार है. पुलिस के मुताबिक, अरुण कुमार का किसी भी राजनीतिक पार्टी से कोई संबंध नहीं है. इसके अलावा, पुलिस ने कन्फ़र्म किया कि प्रदर्शन के दौरान पाकिस्तान के समर्थन में कोई नारेबाज़ी नहीं हुई थी.


नरेंद्र मोदी और जशोदाबेन की नहीं बल्कि पूर्व मंत्री की बेटी की शादी के मौके की है ये तस्वीर:

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