22 फ़रवरी को तेलंगाना के यादाद्री भोंगिर ज़िले में सांप्रदायिक तनाव का माहौल पैदा हो गया. राचकोंडा के कर्मनघाट इलाके में एक गौरक्षक समूह की मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ झड़प हो गई. तेलंगाना टुडे ने ख़बर दी कि हिंसा के दौरान पथराव भी किया गया. द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, गौरक्षकों ने एक मंदिर के पास विरोध प्रदर्शन किया जिसमें कथित तौर पर गायों को अवैध रूप से ले जाने वालों की गिरफ़्तारी की मांग की गई थी. रिपोर्ट के अनुसार, कुछ गौरक्षकों ने दावा किया कि उनका पीछा करके उन पर हमला किया गया.
इस मामले के संदर्भ में एक वीडियो क्लिप काफी शेयर की जा रही है. वीडियो में एक हिंदू व्यक्ति को तेलुगु में ये कहते हुए देखा जा सकता है – “नमस्कार… अगर पुलिस समय पर नहीं आती है तो हमारी गाड़ी… [ये हिस्सा सुना नहीं जा सकता] मैं एक रिक्वेस्ट कर रहा हूं भाई… अभी वो लोग आए और हम पर हमला किया. जब हम गौरक्षकों को बचाने की कोशिश कर रहे थे तो उन्होंने सीधे हम पर हमला कर दिया. सीसीटीवी [फ़ुटेज] अभी भी सामने नहीं आया है. आप सब ज़रूर मंदिर आइए. जय श्री राम.” वीडियो शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि हिंसा के दौरान मुसलमानों ने कर्मनघाट हनुमान मंदिर पर हमला किया था. राईट-विंग प्रोपगेंडा अकाउंट @squineon ने ये वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किया जिसे 40 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया.
Peacefuls has attacked Karmanghat Hanuman temple in Telangana pic.twitter.com/hmYuhojSmJ
— squineon (@squineon) February 22, 2022
@MeghUpdates ने ये वीडियो शेयर किया जिसे 1 हज़ार से ज़्यादा रिट्वीट मिले. इस अकाउंट को अब बैन कर दिया गया है. पहले भी इस अकाउंट से कई बार ग़लत सूचनाएं शेयर की गई थीं.
ट्विटर यूज़र @sushantsingh113 ने लिखा, “मुस्लिम भीड़ ने कर्मनघाट हनुमान मंदिर (हैदराबाद) में प्रवेश किया और मंदिर में तोड़फोड़ की. साथ ही 2 महिलाओं सहित 4 हिंदुओं को घायल कर दिया.”
Muslim mob has entered into KARMANGHAT HANUMAN TEMPLE (Hyderabad)and Vandalised temple property and injured 4 Hindus including 2 Women.Close to 25 armed Muslims have entered the temple premises. Later, Hindus came in Retaliation and Police handled the situation. @TigerRajaSingh pic.twitter.com/YJgpV22xRo
— Sushant Singh (@SushantSingh113) February 23, 2022
मंदिर के अधिकारियों ने इस दावे को ग़लत बताया
ध्यान देने वाली बात है कि इस वीडियो क्लिप में दिख रहे शख्स ने ये दावा नहीं किया कि मंदिर पर हमला हुआ था. उसने कहा कि गौरक्षकों पर हमला करने के लिए कुछ लोग मंदिर में घुसे थे. राचकोंडा पुलिस ने घटना के बारे में डिटेल में ट्वीट किया. इसमें भी ये नहीं बताया गया कि मंदिर पर हमला हुआ है. इसमें सात लोगों के नाम लिस्ट में हैं जिन्हें कथित तौर पर गौरक्षकों पर हमला करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है. पुलिस के अनुसार, सांप्रदायिक झड़प की वजह मवेशियों का कथित अवैध ट्रांसपोर्टेशन था.
The #arrest of the #accused involved in the #riot and #illegal transportation of #cattle which has created #communal tension in @meerpetps limits and @Saroornagarps Karmanghat area on 22/23rd February intervening night. @TelanganaDGP @TelanganaCOPs @hydcitypolice @cyberabadpolice pic.twitter.com/Py4QkZdiyc
— Rachakonda Police (@RachakondaCop) February 23, 2022
पुलिस के बयान के दूसरे पेज में लिखा है, “…शिकायतकर्ता घबरा कर अपनी जान बचाने के लिए अपने दोस्तों के साथ पास के कर्मनघाट हनुमान मंदिर भाग गया. इस बीच आरोपी A1 और A2 ने दूसरे आरोपियों को मौके पर बुलाया. इन आरोपियों ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाते हुए कर्मनघाट हनुमान मंदिर के परिसर में उनका पीछा किया और जान से मारने की नीयत से उन पर हमला कर दिया. जिससे शिकायतकर्ता और उसके दोस्तों को हल्की चोटें आई हैं.”
गौरतलब है कि बयान में ये ज़िक्र नहीं किया गया है कि मंदिर पर हमला किया गया था, इसके बजाय ये कहा गया है कि “आरोपियों ने हनुमान मंदिर के परिसर में उनका (शिकायतकर्ता और उसके दोस्तों का) पीछा किया.”
बयान में आगे लिखा है, “इस घटना के बाद, बड़ी संख्या में हिंदू कार्यकर्ता सरूरनगर थाना झेत्र के कर्मनघाट हनुमान मंदिर परिसर में इकट्ठा हुए, उन्होंने दूसरे धर्म के लोगों का हनुमान मंदिर में प्रवेश किये जाने के खिलाफ़, उनके विश्वास और भावनाओं को ठेस पहुंचाने वालों के खिलाफ़ धरना किया और नारेबाज़ी की. लोगों ने काफी हंगामा करते हुए बीच सड़क पर ट्रैफ़िक जाम कर दिया. इस घटना में, जब पुलिस ने अनियंत्रित भीड़ को शांत करने की कोशिश की तो उन्होंने पुलिस के खिलाफ़ नारेबाज़ी और पथराव करना शुरू कर दिया, जिससे एसआईपी माधव रेड्डी, वनस्थलीपुरम पीएस सहित कई पुलिस अधिकारी घायल हो गए. वनस्थलीपुरम पीएस के सिर में गंभीर चोटें आईं और उन्हें तुरंत इलाज और न्यूरोसर्जरी के लिए नज़दीकी अस्पताल ले जाया गया.”
घटना के एक दिन बाद, डेक्कन हेराल्ड ने रिपोर्ट किया कि कुछ बदमाशों ने पूजा स्थल पर हमले की अफ़वाह फैलाई थी. पुलिस ने डेक्कन हेराल्ड को बताया कि स्थिति को तुरंत नियंत्रण में कर लिया गया था और किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है. राचकोंडा पुलिस कमिश्नरेट के मीरपेट पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर महेदर रेड्डी ने भी ऑल्ट न्यूज़ के साथ फ़ोन पर हुई बातचीत में वायरल दावे को ग़लत बताया. उन्होंने ये भी बताया कि कर्मनघाट हनुमान मंदिर पर हमला नहीं हुआ है.
हमने मंदिर के कार्यकारी अधिकारी ए दीप्ति से भी बात की. उन्होंने हमें बताया, “मंदिर पर कोई हमला नहीं हुआ था. 3 से 6 लोगों ने मंदिर परिसर के बाहर हंगामा किया. इन लोगों ने उस समय शरण मांगी थी. हमारे सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया.” ए दीप्ति ने पुलिस को एक लेटर भी लिखा जिसमें कहा गया था, “इस घटना [सांप्रदायिक झड़प] का मंदिर से कोई लेना-देना नहीं है.”
नीचे दी गई तस्वीर में ए दीप्ति के तेलुगु लेटर का अनुवाद किया गया है (तस्वीर देखें). पाठक ध्यान दें कि हमने लेटर का अनुवाद करने के लिए गूगल लेंस का इस्तेमाल किया है. इसके अलावा, हमने एक और अधिकारी से बात की जो दो दशकों से मंदिर में काम कर रहे हैं. उन्होंने भी ये कहा कि मंदिर पर हमला नहीं हुआ था.
ETV भारत तेलंगाना के प्रमुख DI विजयभास्कर ने बताया कि डीजीपी अंजनी कुमार ने कर्मनघाट घटना की समीक्षा की है जिसपर ETV ने एक रिपोर्ट भी पब्लिश की है. अंजनी कुमार ने चेतावनी दी कि यदि धार्मिक तनाव पैदा करने की कोई कोशिश की गई तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी. किसी को भी इस घटना की जानकारी होने पर पुलिस को इसकी सूचना देने के लिए कहा गया. अब तक 5 मामले दर्ज किए गए हैं और 7 लोगों को सरूर नगर थाने ने गिरफ़्तार किया था. उन्हें चारलापल्ली जेल में ट्रान्सफ़र कर दिया गया है.
22 फ़रवरी को तेलंगाना के यादाद्री भोंगिर ज़िले में सांप्रदायिक अशांति के बाद, कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने इस ग़लत दावे को बढ़ावा दिया कि कर्मनघाट हनुमान मंदिर पर मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने हमला किया था. हालांकि, मंदिर और पुलिस अधिकारियों और ग्राउंड रिपोर्ट्स से ये दावा ग़लत साबित होता है.
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