हाल ही में जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी ने फीस को लेकर नए नियम जारी किए हैं। प्रशासन की ओर से फ़ीस में बढ़ोत्तरी की गई है, जिसके बाद से जेएनयू छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर इस विरोध प्रदर्शन को लेकर कई तरह की तस्वीरें और वीडियो शेयर हो रहे हैं। ऐसी ही एक तस्वीर नीचे लिखे गए मेसेज के साथ वायरल है, जिसमें यह दावा किया गया है कि यह केरल से 47 वर्षीय मोइनूद्दीन है जो 1989 से JNU छात्र है।
“That baldy looks like he’s been there for a while.. ₹10 room, free food, generous stipend, condom vending machine.. What else a ‘revolutionary’ want?”
“यह गंजा सा दिखने वाला व्यक्ति वहाँ कुछ समय के लिए मौजूद था। 10 रुपये कमरा, मुफ्त का खाना, खास मासिकवृति, कंडोम वेंडिंग मशीन। एक क्रांतिकारी को और क्या चाहिए ?” -(अनुवाद)
उपरोक्त दावे से @chathootti ने एक तस्वीर ट्वीट किया है। जिसे कोट ट्वीट करते हुए एक यूज़र ने लिखा है, “यह केरल से 47 साल का मोइनूद्दीन है, जो 1989 से JNU का छात्र है।”
He is 47 year old Moinuddin from Kerala JNU student since 1989. https://t.co/XerRV7YOGs
— Great Sardar (@hindumax) November 19, 2019
इस ट्वीट को इस रिपोर्ट के लिखे जाने तक 5500 से ज़्यादा लोगों ने लाइक किया है वहीं लगभग 4000 लोगों ने इसे रिट्वीट किया है। रिट्वीट करने वालों में RSS विचारक और टीवी पेनलिस्ट रतन शारदा भी शामिल हैं।
इस तस्वीर को समान दावे के साथ ट्वीट करने वाले कई हैंडल को पीयूष गोयल और निर्मला सितारमन का ट्विट्टर अकाउंट फॉलो करता है।
फेसबुक पर कई लोग इस तस्वीर को शेयर करते हुए काफी लंबा पोस्ट कॉपी पेस्ट कर शेयर कर रहे हैं, जिसकी शुरुआत इन शब्दों से होती है, “ये हैं केरल के मोइनुद्दीन … इन्होंने JNU में 1989 में प्रवेश पाया।”
क्या है सच्चाई?
हमने JNU छात्रों से संपर्क किया, ऑल्ट न्यूज़ के साथ बातचीत में पता चला कि तस्वीर से साथ किया जा रहा दावा गलत है। व्यक्ति JNU का छात्र है, लेकिन उसका नाम मोईनुद्दीन नहीं बल्कि पंकज मिश्रा है।
हमने पंकज मिश्रा से संपर्क किया, उन्होंने बताया कि यह उन्हीं की तस्वीर है। उन्होंने कहा, “मेरा पूरा नाम पंकज कुमार मिश्रा है, मैं इलाहबाद से हूँ। मैंने टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइन्स से 2016 में मास्टर किया है। उसके बाद बिहार और उत्तर-प्रदेश में सामुदायिक स्वास्थ्य पर काम किया है। अभी JNU में सामुदायिक स्वास्थ्य में शोध कर रहा हूँ। 2019 में मेरा एडमिशन हुआ है। ये फोटो अभी हाल की ही है।” मिश्रा ने हमें यह भी बताया कि उनकी उम्र 30 साल है, 47 साल नहीं और यह तस्वीर तब ली गयी थी जब ज़ी न्यूज़ के पत्रकार JNU आए थे। ज़ी न्यूज़ ने छात्रों को निशाना बनाते हुए खबरें चलायी थी, इसीलिए छात्र उनका विरोध कर रहे थे।
हमें मिश्रा का ट्विट्टर अकाउंट मिला, जिसमें उनकी तस्वीर वायरल तस्वीर से मेल खाती है।
जबसे जेएनयू के छात्रों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है, इस संस्थान को निशाना बनाते हुए कई गलत अफवाहें सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही है। ऐसे ही एक उदाहरण में कुछ पुरानी तस्वीरों को इंटरनेट से उठाकर यह दावा किया गया कि ये लड़कियां JNU की हैं। यहाँ JNU के एक 30 वर्षीय छात्र पंकज मिश्रा के फोटो को 47 साल का मोइनूद्दीन बताया गया।
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