दिल्ली के वकील प्रशांत पटेल उमराव के ट्वीट का एक स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर विवादस्पद रूप से वायरल हो रहा है। ट्विटर उपयोगकर्ता असौर रहमान ने उमराव द्वारा 2013 के एक ट्वीट को शेयर किया, जिसमें वकील ने कथित तौर पर मुस्लिम समुदाय के नरसंहार की बात की थी। उत्तर प्रदेश पुलिस ने “अयोध्या फैसले के बारे में सोशल मीडिया में टिप्पणी” करने के लिए पत्रकार अली सोहराब के खिलाफ मामला दर्ज करके उसे गिरफ्तार किया था। इसके बाद रहमान ने इस ट्वीट के स्क्रीनशॉट को साझा किया था।
2013 के ट्वीट में, उमराव ने लिखा है कि, “एक एक मियाँ को काटना है ..हर मस्जिद तोड़नी है बेटा अखिलेश .. रोक सको तो रोक लो देश भर के हिन्दू वीरों से अनुरोध है … चलो मुजफ्फरनगर।”
हालांकि, उमराव ने दावा किया कि यह ट्वीट उन्होंने नहीं किया था और यह ‘फोटोशॉप’ तस्वीर है। उन्होंने रहमान के ट्वीट को यह कहते हुए रिट्वीट किया, “असरुर रहमान एक फोटोशॉप तस्वीर को प्रसारित कर रहे हैं और गलत जानकारी साझा कर अशांति फैलाना चाहते है”-अनुवाद। ट्वीट में उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस को भी टैग किया है।
Dear @Uppolice this person Asarur Rahman is circulating Photoshop images & want to Crete unrest by spreading fake news. Kindly take action. He is spreading fake news & writing uncivilized words about CM Yogi also.@dgpup https://t.co/SgVc1TbF47
— Prashant Patel Umrao (@ippatel) November 16, 2019
मदद के लिए सामने आये दोस्त
भाजपा कार्यकर्ता विकास पांडे ने उमराव का बचाव करते हुए इस ट्वीट को ‘फोटोशॉप‘ बताया। पांडे ने वकील संवर अली के एक ट्वीट के स्क्रीनशॉट को पोस्ट किया, जिसमें उमराव के खिलाफ तुरंत कार्यवाही करने की मांग की गई थी।
This so called lawyer @advsanwar tried to spread fake Photoshop tweets of @ippatel thus making him a target of Islamic terrorists like Kamlesh Tiwari ji. This is really terrifying. Hope he is arrested soon! pic.twitter.com/50ETz1uH9Y
— Vikas Pandey (@MODIfiedVikas) November 16, 2019
भाजपा नेता कपिल मिश्रा भी उमराव के बचाव में आए और कहा कि संवर अली नफ़रत फ़ैलाने की साज़िश के तहत स्क्रीनशॉट को फोटोशॉप किया है।
क्या ये लोग दंगे करवाना चाहते हैं?
ये देखिये @advsanwar ने झूठी फोटोशॉप बनाई और @ippatel के खिलाफ नफरत फैलाने की खुलेआम साजिश की
लगता हैं ये लोग देश में दंगे की गंदी साजिश में लगे हैं@Uppolice – such person should be behind the bars immediately pic.twitter.com/2p7q4Laocn
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) November 16, 2019
इंटरनेट आर्काइव से कुछ और ही सामने आया
फरवरी 2018 में, उमराव द्वारा प्रसारित की गई कई गलत सूचनाओं के उदाहरण को ऑल्ट न्यूज़ ने एक संकलन के ज़रिये सामने रखा है। लेख में दिल्ली के वकील की प्रोफाइल के बताया गया है, जिनके बयान धार्मिक अल्पसंख्यों के खिलाफ होते थे और उनकी प्रेरणा महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे और जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर के प्रति समर्पित थी। लेख में वकील के 2013 के ट्वीट को भी शामिल किया गया है, जिसमें वह मुस्लिमों को काटने की बात करते है और मुज़्ज़फरनगर की मस्जिदे तोड़ने की बात करते हैं। ट्वीट के आर्काइव से इस बात का पता चलता है कि यह ट्वीट उनके टाइमलाइन पर कम से कम 4 फरवरी, 2018 तक उपलब्ध थी, हालांकि बाद में उसे डिलीट कर दिया गया था।
फोटोशॉप होने के दावा करने वाली पांडे और मिश्रा के ट्वीट के अलावा एक अन्य ट्वीट भी इंटरनेट आर्काइव पर मौजूद है। इस ट्वीट में, वह लोगों को मुज़्ज़फरनगर और गोधरा में हुई हिंसा को यह कहते हुए याद दिलाते है, “जो आपने शुरू किया है उसे हम खतम करेंगे, जैसे कि गोधरा। फिर 10 साल तक चिल्लाते रहेंगे, जैसे कि गुजरात। क्या आपको मुज़्ज़फरनगर याद है?” (अनुवाद)
नफरत फैलाने वाले व्यक्ति
राजदीप सरदेसाई ने 2018 में उमराव के खिलाफ, पत्रकार के हवाले से झूठे बयान ‘1000 हिन्दुओं की हत्या’ को साझा करने के लिए पुलिस में शिकायत दर्ज़ करवाई थी।
हालांकि, सिर्फ यही एक उदाहरण है जिसमें उमराव के खिलाफ कार्यवाही की गई थी। उनके नफरतपूर्ण बयानों को या तो नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है या तो उनके विचारों से सहमति रखने वालो लोगों से उन्हें समर्थन प्राप्त होता है।
अक्टूबर 2017 में, यूपी के फतेहपुर सीकरी में एक प्रवासी स्विस जोड़े को शारीरिक रूप से परेशान किया गया था। इस जोड़े को कई चोटें भी आई थी और यह मामला एक अंतरराष्ट्रीय खबर भी बनी थी। उमराव उन लोगों में से ही एक थे, जिन्होंने यह गलत खबर फैलाई कि इस दंपति पर हमला करने वाले लोग अल्पसंख्यक समुदाय से थे।
जब पिछले साल उत्तर प्रदेश के मुज़्ज़फरनगर में उत्कल एक्सप्रेस पटरी से उतरी थी, उमराव ने आरोप लगाया था कि यह घटना आतंकी साजिश के तहत हिन्दू यात्रियों को मारने के लिए किया गया था, हालांकि उनका दावा गलत साबित हुआ है।
वर्षो से सोशल मीडिया में जो लोग प्रशांत पटेल को फॉलो करते हैं, वह मुस्लिम समुदाय के प्रति उनकी नफ़रत से वाकिफ होंगे। उमराव ने ट्विटर पर कई बार मुस्लिमों के नरसंहार की बाते की है। डिलीट कर दी गई 2014 की पोस्ट के स्क्रीनशॉट को नीचे शामिल किया गया है।
2012 में भी, उन्होंने ऐसे ही समान नरसंहार के लिए भड़काऊ ट्वीट किये थे।
उपरोक्त उदाहरण केवल प्रशांत पटेल उमराव की नफ़रत से भरी दुनिया को दर्शाता है। इसके कुछ अन्य उदाहरण देखने के लिए आप ऑल्ट न्यूज़ के पहले के कुछ लेख देख सकते हैं – 1,2।
प्रशांत पटेल उमराव की गलत खबरों से कई लोग वाकिफ हैं जो मुसलमानों के प्रति उनके नफरत भरे ट्वीट का बचाव करने से भी परिचित होंगे। हालांकि, भाजपा नेता उनके ट्वीट के बचाव के समर्थन में पहुंचे और ट्वीट को फ़र्ज़ी बताया, जानबूझकर या अनजाने लेकिन यह काफी निंदनीय है।
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