सोशल मीडिया पर ये दावा किया जा रहा है कि चेन्नई के चेपॉक या एमए चिदम्बरम स्टेडियम में भारतीय तिरंगे को बैन कर दिया गया था. ये दावा उस वक्त सामने आया जब सोमवार, 23 अक्टूबर को पाकिस्तान बनाम अफ़ग़ानिस्तान मैच के दौरान लिए गए एक वायरल वीडियो में पुलिस सब-इंस्पेक्टर को कूड़ेदान से एक भारतीय झंडे को उठाकर उसे पुलिस वैन में रखने के लिए जल्दी-जल्दी मोड़ते हुए देखा गया. खबरों के मुताबिक, विक्टोरिया हॉस्टल सड़क पर स्टेडियम के गेट नंबर 4 के पास ड्यूटी पर तैनात अधिकारी ने कुछ प्रशंसकों को राष्ट्रीय झंडे के साथ अंदर जाने से कथित तौर पर रोक दिया था. तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने इस घटना की निंदा करते हुए DMK मंत्री और सीएम MK स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन की आलोचना की जिनके निर्वाचन क्षेत्र में चेपॉक शामिल है. उन्होंने X पर लिखा, “स्टेडियम के बाहर पुलिस ने चेपॉक में आज के मैच के लिए प्रशंसकों को भारतीय झंडे ले जाने की अनुमति नहीं दी. TNCA को ये अधिकार किसने दिया?”

इसके बाद रिपब्लिक वर्ल्ड ने एक रिपोर्ट पब्लिश की जिसके टाइटल का हिंदी अनुवाद है, “चेन्नई में पाक बनाम अफगानिस्तान विश्व कप मैच में भारतीय ध्वज पर बैन लगाए जाने के बाद अन्नामलाई ने DMK और TNCA पर नाराज़गी जताई.” (आर्काइव)

RSS के मुखपत्र ऑर्गेनाइज़र ने भी इसी तरह की एक रिपोर्ट पब्लिश की थी जिसमें दावा किया गया था कि चेपॉक स्टेडियम में भारतीय तिरंगे पर प्रतिबंध लगाकर DMK सरकार “एक और निचले स्तर पर पहुंच गई है.” (आर्काइव)

राईट विंग इंफ्लुएंसर @MrSinha_ ने ट्वीट किया, “क्या आप विश्वास कर सकते हैं, भारतीय स्टेडियम में ही भारतीय तिरंगे पर बैन लगा दिया गया है?” (आर्काइव)

राईट विंग इंफ्लुएंसर अरुण पुदुर ने भी यही दावा ट्वीट किया. उन्होंने कहा, ”इंडियन फ्लैग को I.N.D.I अलायंस पार्टनर DMK ने बैन कर दिया है. चेपॉक में क्रिकेट प्रशंसकों को भारतीय तिरंगा ले जाने से रोका गया, पाकिस्तान के टी-शर्ट पहने लोगों को अनुमति दी गई…” (आर्काइव)

वेरिफ़ाईड यूज़र अरविंथ ईश्वरन ने भी यही दावा ट्वीट किया. (आर्काइव)

वेरिफ़ाईड यूज़र्स सहित कई अन्य यूज़र्स ने भी एक ही दावा ट्वीट किया (आर्काइव्स- 1, 2, 3, 4)

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फ़ैक्ट-चेक

हमें मीडिया आउटलेट इंडियन एक्सप्रेस का एक आर्टिकल मिला जिसमें ट्रिप्लिकेन DCP देशमुख शेखर संजय का एक बयान शामिल था. इसमें ये स्पष्ट किया गया था कि स्टेडियम में किसी भी झंडे को ले जाने पर कोई बैन नहीं लगाया गया था और ड्यूटी पर मौजूद पुलिस को सिर्फ विवादास्पद विषयों वाले झंडों और बैनरों से सावधान रहने के लिए कहा गया था. DCP ने कहा, “प्रशंसकों के किसी भी झंडे को ले जाने पर कोई बैन नहीं है. हमें मिली जानकारी के मुताबिक, अधिकारी ने कुछ प्रशंसकों को राष्ट्रीय झंडे ले जाने से रोका और बाद में उसे पास के एक डिब्बे में रख दिया और फिर उसे ले गए. हमने शुरूआती जांच की और अधिकारी को कंट्रोल रूम में ट्रांसफ़र कर दिया गया.”

ग्रेटर चेन्नई पुलिस के ऑफ़िशियल हैंडल से @MrSinha_ के ट्वीट के नीचे बताया गया कि ये एक अलग मामला है. ट्वीट में लिखा है, “ये देखा गया है कि कई दर्शक स्टेडियम के अंदर स्वतंत्र रूप से भारतीय तिरंगे को ले जा रहे हैं और प्रदर्शित कर रहे हैं.”

ऑल्ट न्यूज़ ने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से संपर्क किया जिन्होंने हमें बताया कि ये घटना “एक उत्साही इंस्पेक्टर की लापरवाही का नतीजा थी, जो इज़राइल और फ़िलिस्तीन के झंडों को स्टेडियम में जाने से रोकना चाहता था.” उन्होंने हमें पाकिस्तान बनाम अफ़ग़ानिस्तान मैच के दौरान चेपॉक स्टेडियम के अंदर भारतीय तिरंगा लिए क्रिकेट प्रशंसकों की तस्वीरें भी भेजीं.

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दरअसल, बीजेपी नेता विनोज पी. सेल्वम ने खुद मैच के दौरान चेपॉक पर भारतीय तिरंगे के साथ तस्वीरें पोस्ट कीं थीं.

कुल मिलाकर, एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर ने पाकिस्तान बनाम अफ़ग़ानिस्तान मैच के दौरान चेपॉक पर कुछ प्रशंसको को भारतीय तिरंगा ले जाने से रोक दिया था, लेकिन ये दावा बिल्कुल ग़लत है कि भारतीय तिरंगे पर बैन लगा दिया गया था. उसी मैच के दौरान कई प्रशंसकों को तिरंगा लहराते हुए देखा गया. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने SI के इस काम को एक ‘अलग घटना’ और ‘एक उत्साही इंस्पेक्टर की सरासर लापरवाही’ बताया. उन्हें कंट्रोल रूम में वापस बुलाया गया और उनसे पूछताछ की गई.

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Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.