सोशल मीडिया पर एक क्लिप वायरल है जिसमें कथित तौर पर इज़राइल के रिप्रेजेंटेटीव ने इज़राइल-हमास युद्ध में इजराइल द्वारा किए गए मानवाधिकारों के उल्लंघन के डॉक्यूमेंटेशन वाली संयुक्त राष्ट्र की 20 पेज की रिपोर्ट को फाड़ दिया. प्रोपेगैंडा आउटलेट सुदर्शन न्यूज़ के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके ने ये वीडियो ट्वीट किया. रिप्रेजेंटेटीव के इस कदम की सराहना करते हुए सुरेश चव्हाणके ने लिखा, “UN ने इजरायल को 20 पन्नों का मानवाधिकार उल्लंघन नोटिश दिया था। #Israel के प्रतिनिधि UN स्टेज पर आये नोटिश को हाथ में लिया और ये कहकर फाड़कर फेंक दिया की आतंकवादियों का कोई मानवाधिकार नहीं होता संपूर्ण विश्व इस तरह जिहादियों के विरूद्ध खड़ा हो तो जिहादियों का वसुंधरा से सफ़ाया हो जायेगा.”

यूज़र @peldijiye ने इसी दावे के साथ वीडियो ट्वीट किया, जिसे ट्विटर पर करीब 3500 लाइक्स मिले. (आर्काइव)

@MrSharmaSpeaks ने भी इसी दावे के साथ वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “हरे झंडे वाले 57 देश इस बारे में कुछ नहीं कर सकते. एक मजबूत और ताकतवर देश इसी तरह जवाब देता है.” (आर्काइव)

यूज़र @RhedGreat ने भी वीडियो इसी दावे के साथ ट्वीट किया और इस कदम के लिए इज़राइल की सराहना की. वीडियो को 6500 से ज़्यादा लाइक्स मिले. (आर्काइव)

कई अन्य यूज़र्स (जिनमें वेरिफ़ाईड यूज़र्स भी शामिल हैं) ने भी वीडियो को इन्हीं दावों के साथ ट्वीट किया और इसे चल रहे इज़राइल-हमास संघर्ष से सबंधित बताया. (आर्काइव्स- 1, 2, 3)

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ये वीडियो फ़ेसबुक पर भी वायरल है.

फ़ैक्ट-चेक

सबंधित कीवर्ड सर्च पर, हमें इस घटना के बारे में टाइम्स ऑफ़ इज़राइल की 30 अक्टूबर, 2021 की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल वीडियो का एक स्क्रीनग्रैब शामिल था. रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र में इज़राइल के राजदूत गिलाद एर्डन (वीडियो में देखे गए) ने 29 अक्टूबर, 2021 को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद को इज़राइल की इस असंगत निंदा के लिए दंडित किया था, जब उन्होंने मंच पर संगठन की वार्षिक रिपोर्ट को फाड़ दिया था.

इजराइली दूत ने एक विशेष सेशन के दौरान “इजरायल विरोधी पूर्वाग्रह” के लिए UNHRC की आलोचना की थी, जिसमें काउंसिल ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट पेश की थी. गिलाद एर्डन ने कहा था, “15 साल पहले काउंसिल की स्थापना के बाद से, इसने इजरायल को ईरान की तरह 10 बार या सीरिया की तरह 35 बार दोषी ठहराने और निंदा करने का काम किया है. अन्य सभी देशों के मुकाबले 142 की तुलना में द ह्यूमन राईट काउंसिल ने 95 प्रस्तावों के साथ इज़राइल पर हमला किया है.” एर्डन ने ये टिप्पणी की कि इस रिपोर्ट का एकमात्र स्थान “विरोधीवाद के कूड़ेदान में” है, जिसके बाद उन्होंने इसे फाड़ दिया और पोडियम से हट गए.

गिलाद एर्डन ने अपने भाषण के एक हिस्से को एक थ्रेड के हिस्से के रूप में ट्वीट भी किया था. उनके ट्वीट में कहा गया, “आज, मैंने @UN महासभा को संबोधित किया और मानवाधिकार परिषद की वार्षिक रिपोर्ट के निराधार, एकतरफा और सरासर झूठे आरोपों के खिलाफ बोला.” वायरल क्लिप की शुरुआत ट्वीट किए गए वीडियो में 1 मिनट 2 सेकेंड से होती है. नीचे पूरे वीडियो का ट्रांसक्रिप्शन है:

इसी मंच पर, इसी निकाय में, यहूदी लोगों के राष्ट्रीय घर के अधिकार को ही नस्लवादी घोषित कर दिया गया था. एक निर्णय जिसे उचित ठहरा दिया गया. एक निर्णय जिसे उस समय इज़राइल के राजदूत चैम हर्ज़ोग ने संयुक्त राष्ट्र के सामने फाड़ दिया था – और इस यहूदी विरोधी, विकृत, एकतरफा रिपोर्ट के साथ बिल्कुल यही किया जाना चाहिए. 1975 के उस प्रस्ताव की तरह ही, ज़ायोनीवाद को नस्लवाद के साथ जोड़ना स्वयं यहूदी-विरोधी नस्लवाद का एक स्थूल रूप था, इस अंतर्राष्ट्रीय निकाय में जिसकी कोई जगह नहीं है. तो, मानवाधिकार परिषद का जुनूनी इजरायल विरोधी पूर्वाग्रह इस रिपोर्ट में एक बार फिर से सामने आया है. और मानवाधिकार, सुरक्षा या शांति से जुड़े किसी भी व्यक्ति के लिए इसका कोई स्थान नहीं होना चाहिए. इसका एकमात्र स्थान यहूदी विरोधी भावना के कूड़ेदान में है, और हम इसके साथ ठीक उसी तरह पेश आएंगे.” इसके बाद एर्डन ने रिपोर्ट फाड़ दी.

कुल मिलाकर, अक्टूबर 2021 में एक विशेष सेशन के दौरान संयुक्त राष्ट्र में इज़राइल के राजदूत गिलाद एर्डन द्वारा UNHRC रिपोर्ट को फाड़ने का एक पुराना वीडियो हाल में वायरल है. यूज़र्स इस घटना को चल रहे इज़राइल-हमास संघर्ष का बता रहे हैं.

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About the Author

Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.