28 नवंबर को गोवा में इंटरनेशनल फ़िल्म फ़ेस्टिवल ऑफ़ इंडिया (IFFI) के समापन समारोह के दौरान, एक इज़रायली फ़िल्म निर्माता और ज्यूरी हेड नदाव लपिड ने फ़िल्म ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ को भद्दी और प्रोपेगेंडा फ़िल्म बताया. और कहा कि पूरी ज्यूरी इस फ़िल्म से हैरान और परेशान थी.
#Breaking: #IFFI Jury says they were “disturbed and shocked” to see #NationalFilmAward winning #KashmirFiles, “a propoganda, vulgar movie” in the competition section of a prestigious festival— organised by the Govt of India.
🎤 Over to @vivekagnihotri sir…
@nadavlapi pic.twitter.com/ove4xO8Ftr— Navdeep Yadav (@navdeepyadav321) November 28, 2022
नदाव लपिड की टिप्पणियों को मीडिया का बहुत ध्यान मिला. भारत में इस्राइल के राजदूत नौर गिलोन ने नदाव लपिड को एक खुला पत्र लिखकर कहा कि उन्हें अपनी टिप्पणियों पर शर्म आनी चाहिए. जल्द ही रिलीज होने वाली फ़िल्म ‘द केरला स्टोरी‘ के निर्देशक और फ़ेलो ज्यूरी सदस्य सुदीप्तो सेन ने एक बयान जारी कर कहा कि नदाव लपिड की टिप्पणियां ‘पूरी तरह से उनकी निजी राय’ थीं. ट्वीट्स की एक सीरीज में भाजपा समर्थक शेफाली वैद्य ने नदाव लपिड के टिप्पणी की वज़ह से उनके खिलाफ़ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया.
फ़िल्म के निर्माता विवेक रंजन अग्निहोत्री ने एक वीडियो में कहा कि अगर कोई ‘बुद्धिजीवी’ ये साबित करने में कामयाब हो जाये कि फ़िल्म का कोई दृश्य या संवाद सच नहीं है, तो वो फ़िल्में बनाना बंद कर देंगे.
Terror supporters and Genocide deniers can never silence me.
Jai Hind. #TheKashmirFiles #ATrueStory pic.twitter.com/jMYyyenflc— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) November 29, 2022
विवाद के बाद नदाव लपिड का इंटरव्यू लेने के लिए अलग-अलग मीडिया हाउस उनके पास पहुंचे. उन्होंने जिन मीडिया हाउस से बात की उनमें इंडिया टुडे, CNN-न्यूज़18 और द वायर शामिल हैं. इन इंटरव्यू के संदर्भ में सोशल मीडिया पर खबरें आने लगीं कि लपिड ने फ़िल्म के बारे में अपनी टिप्पणी के लिए माफ़ी मांगी है. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लपिड ने अपनी टिप्पणियों को वापस ले लिया है और उन्होंने ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ को एक ‘शानदार फ़िल्म’ कहा है.
फ़िल्म में अभिनय करने वाले अनुपम खेर ने नदाव लपिड के कथित कोट का एक ग्राफ़िक ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, “आखिर में सच हमेशा जीतता है!” ग्राफ़िक हिंदुस्तान टाइम्स की एक न्यूज़ रिपोर्ट पर आधारित है जिसमें दावा किया गया है कि एक इंटरव्यू के दौरान नदाव लपिड ने इसे एक ‘शानदार फ़िल्म’ कहा.
कुछ अन्य ने भी इस ख़बर पर रिपोर्ट की है जिनमें एडिटरजी, HT एंटरटेनमेंट, टाइम्स और RVCJ मीडिया शामिल हैं.
फ़िल्म के निर्माता विवेक रंजन अग्निहोत्री ने एक टैब्लॉइड रिपोर्ट को कोट-ट्वीट किया और लिखा, “दुनिया का सबसे ईमानदार आदमी.” रिपोर्ट के कैप्शन में कहा गया है कि लपिड ने अपनी टिप्पणी के लिए माफ़ी मांगी.
इसके आलावा, NDTV ने इसी तरह के लाइन्स के साथ एक ट्वीट शेयर किया. इसमें लिखा था, ” ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ पर की गई टिप्पणियों के लिए इजरायली फ़िल्म निर्माता ने पूरी तरह माफी मांगी”… ANI डिजीटल ने लिखा, “इजरायली फ़िल्म निर्माता नदव लैपिड ने ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ पर टिप्पणी के लिए माफ़ी मांगी, अंदर की बात है.”
फ़ैक्ट-चेक
हमने NDTV और ZoomTv की रिपोर्ट पढ़ी. इन रिपोर्ट्स से ये साफ हो गया कि लपिड ने फ़िल्म पर अपनी टिप्पणी के लिए माफ़ी नहीं मांगी है. उन्होंने कहा कि अगर उनकी टिप्पणी पीड़ितों के परिजनों के लिए अपमानजनक है, तो इसके लिए वो माफ़ी मांगते हैं. उनके सटीक शब्द थे: “मैं किसी का अपमान नहीं करना चाहता. मेरा मकसद पीड़ितों या उनके रिश्तेदारों का अपमान करना कभी नहीं था. अगर मेरे बयान को इस तरह समझा गया है तो मैं माफ़ी मांगता हूं.”
CNN-न्यूज़18 के इंटरव्यू पर आधारित न्यूज़18 के एक आर्टिकल में भी यही लिखा है.
‘द वायर’ ने 1 दिसम्बर को लपिड का इंटरव्यू प्रकाशित किया था जो इन न्यूज़ रिपोर्ट्स पर आधारित था. वीडियो में 10 मिनट 30 सेकेंड पर इंटरव्यू लेने वाले करण थापर CNN-न्यूज़18 के इंटरव्यू की बात करते हैं. जिस पर लपिड ने जवाब दिया, “जैसा कि मैंने कहा था कि अगर उन्हें [रिश्तेदारों और पीड़ितों] को ये सोचने के लिए मैनिपुलेट किया गया था कि मैं उनके प्रियजनों की स्मृति या जो भयानक चीजें हुईं उसका अनादर करता हूं तो मुझे सच में खेद है. इसके आलावा, मैंने फ़िल्म के बारे में जो भी कहा, मैं उसका एक भी शब्द वापस नहीं ले रहा हूं.”
उन्होंने आगे कहा, “मैंने कहीं पढ़ा कि मैंने इस फ़िल्म को शानदार कहा है. मेरा मानना है कि ऐसा कहने के लिए मुझे पूरी तरह पागल और सिज़ोफ्रेनिक होना पड़ेगा. मेरा मतलब है कि मैं पूरी तरह से विश्वास करता हूं और मैं अपने बयान के साथ पूरी तरह से खड़ा हूं.”
ऑल्ट न्यूज़ ने नदाव लपिड द्वारा इंडिया टुडे को दिया गया इंटरव्यू भी देखा जिसके आधार पर हिंदुस्तान टाइम्स ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी और दावा किया था कि उन्होंने ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ को एक ‘शानदार फ़िल्म’ कहा है. इस इंटरव्यू में किसी भी पॉइंट पर लपिड ने अपना रुख नहीं बदला है. उन्होंने इस इंटरव्यू के दौरान कहीं भी ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ को ‘शानदार फ़िल्म’ नहीं कहा.
उन्होंने कहा, ”…मैं इस बात का पूरी तरह से सम्मान करते हुए ये स्वीकार करता हूं कि ऐसे कई लोग हैं जो इस फ़िल्म को पसंद करते हैं, जो सोचते हैं कि ये एक शानदार फ़िल्म है. साथ ही मैं इस फ़ैक्ट का सम्मान करता हूं कि ऐसे लोग हैं जो मेरी फ़िल्मों के बारे में भयानक बातें सोचते हैं. लेकिन एक फ़िल्म निर्माता के रूप में मेरी उपलब्धियों के कारण मुझे इस साल ज्यूरी के अध्यक्ष के रूप में गोवा में आमंत्रित किया गया था. फ़िल्मों के बारे में मेरी राय, मेरे विचार और ज्यूरी के विचार व्यक्त करने के लिए. तो, ठीक उतना ही जितना लोगों को फ़िल्म पसंद है. बेशक, पूरे अधिकार के साथ, जैसे ये कहना चल जाता है कि ये एक शानदार, अविश्वसनीय फ़िल्म है, मुझे इससे बिल्कुल अलग दावा करने का अधिकार है …” [6:00 मिनट से देखें]
India Today grills IFFI jury chief Nadav Lapid
#EXCLUSIVE | India Today grills IFFI jury chief #NadavLapid | Rahul Kanwal | #ITLivestream
Posted by India Today on Wednesday, 30 November 2022
कुल मिलाकर, भ्रामक न्यूज़ रिपोर्ट्स और भ्रामक कैप्शन से ये दावा किया गया कि फ़िल्म निर्माता नदाव लपिड ने ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ को प्रोपेगेंडा बताने के बाद अपना रुख बदला है और माफ़ी मांगी है.
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