18 अप्रैल को ट्विटर यूज़र ऋषि राजपूत ने एक हिंदी न्यूज़ चैनल न्यूज़ नेशन की खबर का स्क्रीनशॉट ट्वीट करते हुए दावा किया कि राजस्थान के झालावाड़ में 100 से ज़्यादा नर्सों ने इस्तीफा दे दिया क्योंकि तबलीगी जमात के लोग उन पर थूक रहे थे. स्क्रीनशॉट लगाने के साथ लिखा है, “राजस्थान के “झालावाड़” में एक साथ 100 नर्सों ने दिया इस्तीफ़ा… क्योंकि जमाती उनपर थूकते है, वार्ड बॉय खाना देने जाता है तो जाहिल जमाती बिरयानी की मांग करते हैं और मांग पूरी नहीं होने पर उन्हें गंदी गंदी गाली देते है.” अभी तक इस ट्वीट को 1,200 से ज़्यादा बार रिट्वीट किया जा चुका है.
राजस्थान के “झालावाड़” में एक साथ 100 नर्सों ने दिया इस्तीफ़ा… क्योंकि जमाती उनपर थूकते है, वार्ड बॉय खाना देने जाता है तो जाहिल जमाती बिरयानी की मांग करते हैं और मांग पूरी नहीं होने पर उन्हें गंदी गंदी गाली देते है.😡 pic.twitter.com/7gRHsZ59Ui
— ऋषि राजपूत (राष्ट्रवादी) (@srishirajIND) April 28, 2020
इसी तरह के दावे के साथ एक और ट्विटर हैंडल योगी देवनाथ के द्वारा ट्वीट किया गया जिसे अब तक 500 से ज़्यादा लोग रीट्वीट कर चुके हैं.
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ को गूगल पर कीवर्ड सर्च के बाद न्यूज़ नेशन की वेबसाइट पर 27 अप्रैल 2020 की खबर का लिंक मिला. यह रिपोर्ट बताती है कि झालावाड़ के 100 से ज़्यादा नर्सिंग स्टाफ़ ने कम वेतन होने की वजह से इस्तीफ़ा दिया. ख़बर के मुताबिक स्टाफ़ ने आरोप लगाया कि उन्हें PPE किट भी नहीं उपलब्ध कराई जा रही है. गौरतलब है कि खबर में कहीं भी ‘जमाती’ का ज़िक्र नहीं है.
स्थानीय समाचार वेबसाइट ‘फर्स्ट इंडिया न्यूज़ राजस्थान’ ने भी झालावाड़ में 100 से ज़्यादा नर्सिंग स्टाफ़ के सामूहिक इस्तीफ़े को लेकर ख़बर छापी है. स्टाफ़ ने इस शर्त के साथ काम दोबारा शुरू करने का वादा किया है कि उनके सहकर्मियों की कोरोना वायरस जांच की जाए और उन्हें PPE किट उपलब्ध कराई जाएं. झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के डीन दीपक गुप्ता ने ‘दी लल्लनटॉप’ से बातचीत में सोशल मीडिया पर चल रही ‘जमातियों के दुर्व्यवहार’ वाली खबरों को पूरी तरह ख़ारिज किया. उन्होंने यहां तक कहा कि इस हॉस्पिटल में तबलीगी जमात से आने वाले किसी केस को भर्ती नहीं किया गया.
राजस्थान के झालावाड़ में नर्सिंग स्टाफ के सामूहिक इस्तीफे की खबर के स्क्रीनशॉट को इस गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल किया गया कि तबलीगी जमात के लोगों के दुर्व्यवहार से परेशान होकर नर्सों ने इस्तीफा दिया.
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